गिरीडीह: झारखंड लोक सेवा आयोग की 6ठी परीक्षा परिणाम में व्याप्त कई अनियमितताओं के खिलाफ प्रदेश व्यापी आंदोलन चल रहा है. यह छात्र उलगुलान पद यात्रा 10 दिन बाद खूंटी से निकलकर डुमरी पहुंच गई. पदयात्रा में शामिल छात्रों ने स्थानीय लोगों के बीच पंपलेट बांट कर जेपीएससी की गड़बड़ी की जानकारी दी.
भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के खिलीफ पदयात्रा
झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी परीक्षा परिणाम में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बड़ी को लेकर पदयात्री डुमरी पहुंची. उनका कहना है कि साल 2015 में छठी जेपीएससी परीक्षा की विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी. शुरूआती परीक्षा दिसंबर 2016 में और परिणाम फरवरी 2017 में जारी किए गए थे. परिणाम प्रकाशन में आरक्षण नियमावली का विधिवत पालन नहीं किया गया. कम अंक लाने वाले अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सफल घोषित कर दिया गया, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अधिक अंक लाने पर भी असफल घोषित किए गए थे.
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रांची के मोराबादी में अनशन और सत्याग्रह
विवाद उत्पन्न होने पर पिछड़ा वर्ग के 965 अभ्यर्थियों को अतिरिक्त परिणाम पर सफल घोषित किया गया था, जिससे विवाद और बढ़ गया. बाद में रघुवर सरकार ने रिजल्ट को बढ़ा कर 34 हजार कर दिया, जो जेपीएससी की विज्ञप्ति के विरुद्ध था. पुणे मुख्य परीक्षा दिसंबर 2019 में हुई, जिस पर पीड़ित छात्रों ने रांची के मोराबादी में अनशन और सत्याग्रह किए. बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान अंतिम रिजल्ट आई, जिसमें तथाकथित गड़बड़ियां भरी पड़ी थी.
ग्रामीण जनता का मिल रहा है अपार समर्थन
छात्र उलगुलान पदयात्रा में शामिल इमाम शफी, रीना कुमारी, गुलाम हुसैन, विनोद नायक और अमरदीप रावत सहित अन्य पदयात्रियों की मुख्य मांगें है कि 6ठी जेपीएससी की अधियाचना वापस लेने, आरक्षण नीति का पालन करने, नियोजन नीति में सुधार, जेपीएससी और जेएसएससी में भ्रष्टाचार बंद करने, भ्रष्ट पदाधिकारियों की बर्खास्ती शामिल हैं. जत्था खूंटी जिले के उलीहातू से आरंभ हुई, जो 550 किलोमीटर की दूरी तय कर 30 जून को संथाल परगना क्षेत्र के साहिबगंज जिले में पहुंचेगी. इस दौरान गिरिडीह, जगदीशपुर, सारठ पालोजोरी, दुमका, अमलापाड़ा और लिट्टीपाड़ा स्थानों में जन जागरण का कार्य करते हुए बढ़ेगी. बता दें कि छात्रों के इस जत्थे को ग्रामीण जनता का अपार समर्थन मिल रहा है.