गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के पोचरी के रहने वाले रंजीत मंडल की रूह अफगानिस्तान के हालात को देख और सुनकर कांप जाती है. वे कहते हैं कि टीवी स्क्रीन, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में जब अफगानिस्तान के हालात को देखते और सुनते हैं तब कुछ पल के लिए सहम जाते हैं.
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रंजीत ने कहा- "मैं अफगानिस्तान में फंसा रहता तो मेरा क्या होता, इस बात की कल्पना करने से भी डर लगता है". बता दें कि रंजीत मंडल अफगानिस्तान में रहकर कलपतरु कंपनी में ट्रांसमिशन लेन में काम करते थे. अफगानिस्तान में माहौल बिगड़ने के पहले उनकी वापसी हुई है. वे 13 अगस्त को गांव लौटे हैं. रंजीत खुद को खुशनसीब मानते हैं कि समय पर और सुरक्षित, वे अफगानिस्तान से घर लौट आए.
अचानक कंपनी ने कहा-भारत जाने की तैयारी करो
रंजीत बताते हैं कि अफगानिस्तान का माहौल जैसे ही बिगड़ने लगा उन्हें अपनी सुरक्षा और घर परिवार की चिंता सताने लगी. इधर, परिवार का भी कुछ ऐसा ही हाल था. परिजनों की भी चिंता बढ़ गई थी. उन्होने बताया कि इसी बीच कंपनी ने अचानक भारत जाने की तैयारी करने के लिए बोला और फिर उन्हें वतन भेजा गया. समय पर वतन भेजने के लिए उसने कंपनी के प्रति भी आभार जताया है.
इधर, समय पर उसकी सकुशल वापसी होने से परिजनों में भी खुशी का माहौल है. पिता रामचंद्र मंडल बताते हैं कि अफगानिस्तान का माहौल खराब होने से उनकी चिंता बढ़ गई थी. वे बेटे की सुरक्षा को लेकर सोचते थे कि कैसे क्या होगा. इस माहौल में वह वहां कैसे रहेगा. बेटे की सकुशल और समय पर वापसी होने से परिजनों में उत्साह का माहौल है.