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Purchase Of Bench Desk: आरोपों की जद में बदडीहा हेडमास्टर, बेलाटांड सचिव ने कहा- DSE के साथ मिलकर दीपक बना रहे हैं भुगतान का दबाव - बदडीहा के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार

गिरिडीह में बेंच डेस्क खरीद में अनियमितता का मामला तूल पकड़ चुका है. अब उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलाटांड़ के सचिव ने प्रधानाध्यापक सह संघ नेता पर गंभीर आरोप लगाया है. वहीं बदडीहा के प्रधानाध्यापक इन आरोपों को गलत बता रहे हैं. Irregularity in purchase of bench desks in Giridih

Irregularity in purchase of bench desks in Giridih
Irregularity in purchase of bench desks in Giridih
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 30, 2023, 8:40 PM IST

बदडीहा हेडमास्टर पर लगे आरोपों की जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: जिले में नियमों की अनदेखी कर बेंच डेस्क खरीदी का मामला तूल पकड़ चुका है. अब सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के सचिव अमृत साव खुलकर सामने आ गये हैं. उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ-साथ मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार पर भी बेहद गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि उनके विद्यालय में जबरन बेंच डेस्क भेजने का काम डीएसई के निर्देश पर मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार उर्फ दीपक सिन्हा ने किया है. प्रबंधन समिति की अनुमति के बिना ही बेंच डेस्क भेज दिया गया और इसके बाद भुगतान करने का दबाव बनाया जाने लगा. पहले दीपक ने यह दबाव दिया और बाद में डीएसई ने भी उन पर भुगतान के लिए दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि अब उन्हें वेतन रोकने की धमकी दी जा रही है.

यह भी पढ़ें: गिरिडीह में शिक्षा विभाग के बनाये नियमों को तोड़कर हुई बेंच-डेस्क की खरीदी! आखिर किसके दबाव में हुई गड़बड़ी

दबाव की बात स्वीकारने लगे अध्यक्ष-सचिव: इस बीच शनिवार को जब अकदोनी कला के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार से दोबारा बात की गयी तो उन्होंने खुल कर कहा कि वे अभी तक क्रय समिति का गठन नहीं कर पाये थे कि अचानक दीपक सिन्हा ने कहा कि बेंच डेस्क खरीदना होगा. तभी सीआरपी आये और बेंच डेस्क दे दिया. उन्होंने कहा कि बिल और चेक दीपक सिन्हा ने दिया था. वहीं डीएसई ने खरीदारी करने को कहा था. वहीं, उत्तम मध्य विद्यालय के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने बताया कि उनके विद्यालय में अचानक बेंच डेस्क गिरा दिया गया. बताया गया कि विभागाध्यक्ष के आदेश पर बेंच डेस्क आया है, जिसे न केवल खरीदना है बल्कि वेंडर को भुगतान भी करना है. इसी दबाव में उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर किये. जब उनसे पूछा गया कि हेड कौन हैं तो उन्होंने कहा कि डीएसई साहब.

अलग-अलग बिल, बयान में चुप्पी: इधर, इन स्कूलों में बेंच डेस्क के लिए अलग-अलग बिल दिया गया है. जहां अकदोनी में गायत्री आजीविका सखी मंडल अलकापुरी का बिल दिया गया है, जिस पर प्रिया श्रीवास्तव का हस्ताक्षर है. बक्सीडीह में श्री साईं इंटरप्राइजेज, बरगंडा का बिल है. इस मामले पर दोनों सप्लायरों से संपर्क करने की कोशिश की गई. साई इंटरप्राइजेज के बिल पर लिखे मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो पहले उन्होंने कहा कि वे बेंच डेस्क सप्लाई करते हैं. जब उन्हें बताया गया कि ईटीवी भारत का फोन है तो उनकी भाषा बदल गई. उन्होंने कहा कि वे फिलहाल गिरिडीह से बाहर हैं, वापस आकर पूरी बात बताई जाएगी. दूसरी ओर, गायत्री आजीविका सखी मंडल से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. यहां जब उनकी जीएसटी चेक की गई तो पता चला कि यह फर्म पार्टनरशिप में चल रही है. यहां यह भी जानकारी मिली कि दीपक सिन्हा का इस फर्म से कनेक्शन है. यह भी पता चला कि 12 स्कूलों में बेंच और डेस्क की आपूर्ति कर दी गयी है.

दीपक सिन्हा ने आरोप किया खारिज: वहीं, कई स्कूलों द्वारा दीपक सिन्हा का नाम लिए जाने के बाद दीपक सिन्हा से कैमरे पर बात की गई. उनका कहना है कि वह कभी किसी स्कूल में बेंच डेस्क लेकर नहीं गये और न ही इस खरीद-बिक्री से उनका कोई लेना-देना है. उन्होंने कहा कि वह यूनियन के पदाधिकारी हैं और विवाद खत्म करने के लिए उन्होंने बेलाटांड़ के सचिव से बात की है.

बदडीहा हेडमास्टर पर लगे आरोपों की जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: जिले में नियमों की अनदेखी कर बेंच डेस्क खरीदी का मामला तूल पकड़ चुका है. अब सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के सचिव अमृत साव खुलकर सामने आ गये हैं. उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ-साथ मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार पर भी बेहद गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि उनके विद्यालय में जबरन बेंच डेस्क भेजने का काम डीएसई के निर्देश पर मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रधानाध्यापक दीपक कुमार उर्फ दीपक सिन्हा ने किया है. प्रबंधन समिति की अनुमति के बिना ही बेंच डेस्क भेज दिया गया और इसके बाद भुगतान करने का दबाव बनाया जाने लगा. पहले दीपक ने यह दबाव दिया और बाद में डीएसई ने भी उन पर भुगतान के लिए दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि अब उन्हें वेतन रोकने की धमकी दी जा रही है.

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दबाव की बात स्वीकारने लगे अध्यक्ष-सचिव: इस बीच शनिवार को जब अकदोनी कला के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार से दोबारा बात की गयी तो उन्होंने खुल कर कहा कि वे अभी तक क्रय समिति का गठन नहीं कर पाये थे कि अचानक दीपक सिन्हा ने कहा कि बेंच डेस्क खरीदना होगा. तभी सीआरपी आये और बेंच डेस्क दे दिया. उन्होंने कहा कि बिल और चेक दीपक सिन्हा ने दिया था. वहीं डीएसई ने खरीदारी करने को कहा था. वहीं, उत्तम मध्य विद्यालय के अध्यक्ष राजेंद्र दास ने बताया कि उनके विद्यालय में अचानक बेंच डेस्क गिरा दिया गया. बताया गया कि विभागाध्यक्ष के आदेश पर बेंच डेस्क आया है, जिसे न केवल खरीदना है बल्कि वेंडर को भुगतान भी करना है. इसी दबाव में उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर किये. जब उनसे पूछा गया कि हेड कौन हैं तो उन्होंने कहा कि डीएसई साहब.

अलग-अलग बिल, बयान में चुप्पी: इधर, इन स्कूलों में बेंच डेस्क के लिए अलग-अलग बिल दिया गया है. जहां अकदोनी में गायत्री आजीविका सखी मंडल अलकापुरी का बिल दिया गया है, जिस पर प्रिया श्रीवास्तव का हस्ताक्षर है. बक्सीडीह में श्री साईं इंटरप्राइजेज, बरगंडा का बिल है. इस मामले पर दोनों सप्लायरों से संपर्क करने की कोशिश की गई. साई इंटरप्राइजेज के बिल पर लिखे मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो पहले उन्होंने कहा कि वे बेंच डेस्क सप्लाई करते हैं. जब उन्हें बताया गया कि ईटीवी भारत का फोन है तो उनकी भाषा बदल गई. उन्होंने कहा कि वे फिलहाल गिरिडीह से बाहर हैं, वापस आकर पूरी बात बताई जाएगी. दूसरी ओर, गायत्री आजीविका सखी मंडल से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. यहां जब उनकी जीएसटी चेक की गई तो पता चला कि यह फर्म पार्टनरशिप में चल रही है. यहां यह भी जानकारी मिली कि दीपक सिन्हा का इस फर्म से कनेक्शन है. यह भी पता चला कि 12 स्कूलों में बेंच और डेस्क की आपूर्ति कर दी गयी है.

दीपक सिन्हा ने आरोप किया खारिज: वहीं, कई स्कूलों द्वारा दीपक सिन्हा का नाम लिए जाने के बाद दीपक सिन्हा से कैमरे पर बात की गई. उनका कहना है कि वह कभी किसी स्कूल में बेंच डेस्क लेकर नहीं गये और न ही इस खरीद-बिक्री से उनका कोई लेना-देना है. उन्होंने कहा कि वह यूनियन के पदाधिकारी हैं और विवाद खत्म करने के लिए उन्होंने बेलाटांड़ के सचिव से बात की है.

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