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गिरिडीह: कोयला उद्योग में तीन दिवसीय हड़ताल को लेकर बैठक, यूनियनों ने बनायी रणनीति

गिरिडीह में विविध श्रमिक संगठनों ने अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है. इस संबंध में संगठनों ने एक बैठक कर हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की.

तीन दिवसीय हड़ताल
तीन दिवसीय हड़ताल
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Published : Jun 18, 2020, 1:26 AM IST

गिरिडीह : कोयला उद्योग में होने वाले हड़ताल को लेकर श्रमिक यूनियनों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. साथ ही इन संगठनों ने तैयारी की समीक्षा भी की है. कोयला उद्योग में होने वाले हड़ताल को लेकर संयुक्त मोर्चा ( यूनियन) की एक बैठक सीसीएल रेस्ट हाउस बनियाडीह में हुई. बैठक में मजदूर संगठन एटक, इंटक, बीएमएस, एचएमएस,सीटू, झाकोमयू, ने 5 सूत्री मांगों को लेकर 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है.

मजदूर नेता एनपी सिंह बुल्लू ने कहा कि 18 जून को कोलियरी एरिया व हेडक्वार्टर के सामने विरोध- प्रदर्शन करते हुए हड़ताल की नोटिस दिया जाएगा. 18 जून को होने वाले कोयला खदानों के ऑक्शन पर रोक लगाने की मांग भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने कोयला उद्योग को प्राइवेट मालिकों से छीनकर राष्ट्रीयकरण कर मजदूरों को हक दिलाया था.

यह भी पढ़ेंः सालों से अधूरा पड़ा है पुल, बारिश के दिनों में होती है ज्यादा परेशानी

वर्तमान में मोदी सरकार मजदूरों का हक छीनकर पूंजीपतियों के हाथों में कोयला उद्योग को देने की साजिश रच रही है. वहीं श्रम कानून के संशोधन करके मजदूरों का शोषण करने की योजना बनायी गयी है. बैठक में एनपी सिंह बुल्लू, शिवाजी सिंह, प्रमोद सिंह, सुधीर सिंह, तेजलाल मंडल, देवशंकर मिश्रा सचिव, बलराम यादव, अमित यादव सहित संयुक्त मोर्चा के कई लोग मौजूद थे.

गिरिडीह : कोयला उद्योग में होने वाले हड़ताल को लेकर श्रमिक यूनियनों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. साथ ही इन संगठनों ने तैयारी की समीक्षा भी की है. कोयला उद्योग में होने वाले हड़ताल को लेकर संयुक्त मोर्चा ( यूनियन) की एक बैठक सीसीएल रेस्ट हाउस बनियाडीह में हुई. बैठक में मजदूर संगठन एटक, इंटक, बीएमएस, एचएमएस,सीटू, झाकोमयू, ने 5 सूत्री मांगों को लेकर 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है.

मजदूर नेता एनपी सिंह बुल्लू ने कहा कि 18 जून को कोलियरी एरिया व हेडक्वार्टर के सामने विरोध- प्रदर्शन करते हुए हड़ताल की नोटिस दिया जाएगा. 18 जून को होने वाले कोयला खदानों के ऑक्शन पर रोक लगाने की मांग भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने कोयला उद्योग को प्राइवेट मालिकों से छीनकर राष्ट्रीयकरण कर मजदूरों को हक दिलाया था.

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वर्तमान में मोदी सरकार मजदूरों का हक छीनकर पूंजीपतियों के हाथों में कोयला उद्योग को देने की साजिश रच रही है. वहीं श्रम कानून के संशोधन करके मजदूरों का शोषण करने की योजना बनायी गयी है. बैठक में एनपी सिंह बुल्लू, शिवाजी सिंह, प्रमोद सिंह, सुधीर सिंह, तेजलाल मंडल, देवशंकर मिश्रा सचिव, बलराम यादव, अमित यादव सहित संयुक्त मोर्चा के कई लोग मौजूद थे.

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