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Giridih News: देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की हो रही पूजा, बगोदर में 60 सालों से हो रहा है विशेष आयोजन - गिरिडीह में विश्वकर्मा पूजा की धूम

देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा को लेकर लोगों में उत्साह है. गिरिडीह के मंदिरों में पूजनोत्सव को लेकर विशेष तैयारी की गई है. मंदिरों को आकर्षक तरीक से सजाया गया है.

Lord Vishwakarma is being worshiped with great pomp in Giridih
भगवान विश्कर्मा की प्रतिमा
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 17, 2023, 9:06 AM IST

Updated : Sep 18, 2023, 8:10 AM IST

गिरिडीह में भगवान विश्वकर्मा की पूजा

गिरिडीह: धर्म शास्त्रों के अनुसार जब सृष्टि का निर्माण किया गया तो भगवान ब्रह्मा ने धरती की संरचना का कार्य भगवान विश्वकर्मा को दिया था. वो ब्रह्मा के सातवें पुत्र कहे जाते हैं. उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है. आज विश्वकर्मा पूजा है. बगोदर प्रखंड क्षेत्र में भगवान विश्वकर्मा के चार मंदिर हैं. प्रखंड के मंझलाडीह में एक, बगोदरडीह में दो और अटका में एक कुल चार मंदिर हैं. इसमें मंझलाडीह का मंदिर बहुत पुराना है. विश्वकर्मा पूजनोत्सव को लेकर मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. इस मौके पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भी भीड़ जुटती है और वे भगवान विश्वकर्मा का दर्शन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं.

मंझलाडीह में 60 साल से हो रही है पूजाः मंझलाडीह में मनाए जाने वाले विश्वकर्मा पूजनोत्सव का इतिहास बहुत पुराना है. यहां 1960 के दशक से पूजनोत्सव का आयोजन हो रहा है. स्थानीय निवासी अजीत कुमार शर्मा व कमल राणा ने बताया कि शुरुआती दौर में ईट रखकर भगवान विश्वकर्मा के प्रति आस्था जताते हुए पूजा की जाती थी. धीरे- धीरे पूजनोत्सव में परिवर्तन होता गया. 1990 के दशक में मंदिर का निर्माण हुआ और भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई. इसके बाद पूजनोत्सव को धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में झारखंड प्रदेश विश्वकर्मा समाज मंझलाडीह इकाई के नेतृत्व में पूजनोत्सव का आयोजन होता है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. पूजा कमेटी के लोग पूजनोत्सव को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. दूसरी ओर बगोदर पूर्वी पंचायत सचिवालय के निकट नवनिर्मित विश्वकर्मा मंदिर में भी पूजनोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है. कैलाश मिस्त्री ने बताया कि बगोदरडीह में दो विश्वकर्मा मंदिर हैं और दोनों मंदिरों में इस मौके पर पूजनोत्सव होता है.

गिरिडीह में भगवान विश्वकर्मा की पूजा

गिरिडीह: धर्म शास्त्रों के अनुसार जब सृष्टि का निर्माण किया गया तो भगवान ब्रह्मा ने धरती की संरचना का कार्य भगवान विश्वकर्मा को दिया था. वो ब्रह्मा के सातवें पुत्र कहे जाते हैं. उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर भी कहा जाता है. आज विश्वकर्मा पूजा है. बगोदर प्रखंड क्षेत्र में भगवान विश्वकर्मा के चार मंदिर हैं. प्रखंड के मंझलाडीह में एक, बगोदरडीह में दो और अटका में एक कुल चार मंदिर हैं. इसमें मंझलाडीह का मंदिर बहुत पुराना है. विश्वकर्मा पूजनोत्सव को लेकर मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. इस मौके पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भी भीड़ जुटती है और वे भगवान विश्वकर्मा का दर्शन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं.

मंझलाडीह में 60 साल से हो रही है पूजाः मंझलाडीह में मनाए जाने वाले विश्वकर्मा पूजनोत्सव का इतिहास बहुत पुराना है. यहां 1960 के दशक से पूजनोत्सव का आयोजन हो रहा है. स्थानीय निवासी अजीत कुमार शर्मा व कमल राणा ने बताया कि शुरुआती दौर में ईट रखकर भगवान विश्वकर्मा के प्रति आस्था जताते हुए पूजा की जाती थी. धीरे- धीरे पूजनोत्सव में परिवर्तन होता गया. 1990 के दशक में मंदिर का निर्माण हुआ और भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई. इसके बाद पूजनोत्सव को धूमधाम के साथ मनाया जाने लगा.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में झारखंड प्रदेश विश्वकर्मा समाज मंझलाडीह इकाई के नेतृत्व में पूजनोत्सव का आयोजन होता है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. पूजा कमेटी के लोग पूजनोत्सव को सफल बनाने में जुटे हुए हैं. दूसरी ओर बगोदर पूर्वी पंचायत सचिवालय के निकट नवनिर्मित विश्वकर्मा मंदिर में भी पूजनोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है. कैलाश मिस्त्री ने बताया कि बगोदरडीह में दो विश्वकर्मा मंदिर हैं और दोनों मंदिरों में इस मौके पर पूजनोत्सव होता है.

Last Updated : Sep 18, 2023, 8:10 AM IST
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