गिरिडीह: झालसा रांची और झारखंड न्यायिक एकेडमी रांची के संयुक्त निर्देशानुसार, प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह राजेश कुमार वैश्य के नेतृत्व में रविवार को नगर भवन में साइबर क्राइम पर कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनंत विजय सिंह उपस्थित हुए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने बताया कि झारखंड के कुछ जिले गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर, दुमका, धनबाद में साइबर क्राइम से जुड़े मामले काफी सामने आ रहे हैं. हर दिन अलग-अलग राज्यों में प्राथमिकी दर्ज हो रही है जिससे झारखंड काफी बदनाम हो रहा है.
न्यायमूर्ति अनंत विजय सिंह ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिये ही इस तरह का कार्यशाला आयोजित किया गया है. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि कैसे सजगता बरतना है. झारखंड न्यायिक एकेडमी के निदेशक गौतम कुमार चौधरी ने बताया कि लोग अब साइबर क्राइम के माध्यम से ठगे जा रहे हैं. अलग-अलग तरीके से वह फोन करते हैं और कभी ओटीपी मांगते हैं तो कभी पिन उसके बाद लोग साइबर क्राइम के शिकार हो जाते हैं. हमें इससे बचने की आवश्यकता है.
पुलिस को दें साइबर अपराध की सूचना- आईजी
आईजी एचआर रांची नवीन कुमार सिंह ने भी ग्राफ के माध्यम से उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों को यह बताने का प्रयास किया कि झारखंड में बहुत तेजी से साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है. इसके बारे में सोचने की जरूरत है यदि इस पर अंकुश नहीं लगता है तो आने वाला भविष्य लोगों के लिए बहुत ही परेशनी का होगा.
सावधानी ही बचाव का राह- एसपी
एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण ही साइबर अपराधी आसानी से लोगों को ठग रहे हैं. एसपी ने बचाव के लिये सावधानी बरतने की सलाह दी. कहा एटीएम से पैसा निकालने के दौरान भी सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने ग्राफ के माध्यम से भी लोगों को बताया कि अपराधी किस तरह एटीएम का क्लोन तैयार करते हैं.
लगातार चल रहा है जागरूकता अभियान: वैश्य
कार्यक्रम का समापन प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह राजेश कुमार वैश्य ने किया. उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को साइबर अपराधियों से बचने की सलाह दी जा रही है. कहा कि प्राधिकार का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है ताकि अपराधी अपने जाल में किसी को फंसाने में कामयाब नहीं हो सके.