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भू-माफियाओं की करतूत, पार्षद को बेच डाली रेलवे ट्रैक की जमीन

गिरिडीह में भू-माफियाओं ने सरकार की जमीन को ही बेच डाला. यह मामला कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन की है, जहां भू-माफियाओं ने रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन को नगर निगम क्षेत्र के पार्षद रानी देवी के हाथों बेच दिया है.

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Published : Aug 4, 2019, 11:14 AM IST

कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन

गिरिडीह: अपनी करतूतों से आम लोगों को परेशान करने वाले भू-माफियाओं ने इस बार सरकार की जमीन पर ही हाथ साफ कर डाला है. माफियाओं ने कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन की लगभग 250 मीटर ट्रैक और रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन को बेच डाली.

देखें पूरी खबर

इस जमीन का खरीदार कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 3 की पार्षद रानी देवी हैं. पार्षद रानी ने सरकार को एक रुपया का निबंधन शुल्क देकर पूरी जमीन को अपने नाम करवाया है. वहीं, रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति भवानी शंकर है.

पार्षद के पति सदानंद वर्मा भाजपा के नेता हैं. इस पूरे मामले पर सदानंद का कहना है कि उनसे गलती हुई है और जल्द ही इसमें सुधार करवाएंगे. वहीं, मामले को लेकर सदर प्रखंड के अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच की का रही है.

क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि सदर अंचल के जिस अंदुडीह मौजा की जमीन को बेची गई है उसका खतियान शिवसहाय लाल के नाम पर है. शिवसहाय लाल के वंशजों ने प्लॉट नम्बर 85 की बिक्री बलबीर प्रसाद को कर दी थी. इसके बाद कई बार जमीन की खरीद बिक्री की जाती रही. वर्तमान में जिन लोगों के नाम से इस जमीन का दाखिल-खारिज किया गया था उसे रेलवे ने मुआवजा भी दे दिया है.

ये भी पढ़ें-गिरिडीह: सड़क हादसे में दो दोस्तों की मौत, मातम में पूरा गांव

इस बीच 1908 के खतियान को आधार बनाकर 1.50 एकड़ जमीन को भवानी शंकर नाम के व्यक्ति ने वार्ड पार्षद रानी देवी को 25 लाख में बेच दिया. 27 जुलाई को जमीन की रजिस्ट्री की गयी. अब मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलके में चहलकदमी बढ़ गयी है. लोग इस जमीन को बेचने के साथ-साथ खरीदने वालों, निबंधन कार्यालय के कर्मियों और पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

गिरिडीह: अपनी करतूतों से आम लोगों को परेशान करने वाले भू-माफियाओं ने इस बार सरकार की जमीन पर ही हाथ साफ कर डाला है. माफियाओं ने कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन की लगभग 250 मीटर ट्रैक और रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन को बेच डाली.

देखें पूरी खबर

इस जमीन का खरीदार कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 3 की पार्षद रानी देवी हैं. पार्षद रानी ने सरकार को एक रुपया का निबंधन शुल्क देकर पूरी जमीन को अपने नाम करवाया है. वहीं, रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति भवानी शंकर है.

पार्षद के पति सदानंद वर्मा भाजपा के नेता हैं. इस पूरे मामले पर सदानंद का कहना है कि उनसे गलती हुई है और जल्द ही इसमें सुधार करवाएंगे. वहीं, मामले को लेकर सदर प्रखंड के अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच की का रही है.

क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि सदर अंचल के जिस अंदुडीह मौजा की जमीन को बेची गई है उसका खतियान शिवसहाय लाल के नाम पर है. शिवसहाय लाल के वंशजों ने प्लॉट नम्बर 85 की बिक्री बलबीर प्रसाद को कर दी थी. इसके बाद कई बार जमीन की खरीद बिक्री की जाती रही. वर्तमान में जिन लोगों के नाम से इस जमीन का दाखिल-खारिज किया गया था उसे रेलवे ने मुआवजा भी दे दिया है.

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इस बीच 1908 के खतियान को आधार बनाकर 1.50 एकड़ जमीन को भवानी शंकर नाम के व्यक्ति ने वार्ड पार्षद रानी देवी को 25 लाख में बेच दिया. 27 जुलाई को जमीन की रजिस्ट्री की गयी. अब मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलके में चहलकदमी बढ़ गयी है. लोग इस जमीन को बेचने के साथ-साथ खरीदने वालों, निबंधन कार्यालय के कर्मियों और पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Intro:गिरिडीह। अपनी करतूतों से आम लोगों को परेशान करने वाले भू माफियाओं ने इस बार सरकार की जमीन पर ही हाथ साफ कर डाला. माफियाओं ने कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन की लगभग 250 मीटर ट्रैक व रेलवे द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन को बेच डाला. इस जमीन के खरीदार कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नम्बर 3 की पार्षद रानी देवी है. पार्षद रानी ने सरकार को एक रुपया का निबंधन शुल्क देकर पूरी जमीन को अपने नाम करवाया है. जबकि रजिस्ट्री करनेवाल भवानी शंकर नामक व्यक्ति है.


Body:पार्षद के पति भाजपा सदानंद वर्मा भाजपा के नेता हैं. इस पूरे मामले पर सदानंद की अपनी दलील है उनका कहना है कि मिस्टेक हुआ है जिसका सुधार करवाया जाएगा. इधर सदर प्रखंड के अंचलाधिकारी रविन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच की का रही है.

क्या है पूरा मामला
बताया जाता है कि सदर अंचल के जिस अंदुडीह मौजा की जमीन को बेचा गया है उसका खतियान शिवसहाय लाल के नाम पर है. शिवसहाय लाल के वंशजों ने प्लॉट नम्बर 85 की बिक्री बलबीर प्रसाद को कर दी. इसके बाद कई दफा जमीन की खरीद बिक्री की जाती रही. वर्तमान में जिन लोगों के नाम से इस जमीन का दाखिल-खारिज किया गया था उसे रेलवे ने मुआवजा भी दे दिया है. इस बीच 1908 के खतियान को आधार बनाकर 1.50 एकड़ जमीन को भवानी शंकर नामक व्यक्ति ने वार्ड पार्षद रानी देवी को 25 लाख में बेच दिया. 27 जुलाई को जमीन की रजिस्ट्री की गयी.


Conclusion:अब मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक हलके में चहलकदमी बढ़ गयी है. वहीं लोग इस जमीन को बेचने के साथ साथ खरीदने वालों, निबंधन कार्यालय के कर्मियों, पदाधिकारियों पर कार्यवाई की मांग कर रहे हैं.

बाइट 1: सदानंद वर्मा, भाजपा नेता सह वार्ड पार्षद के पति
बाइट 2: रविंद्र कुमार सिन्हा, अंचलाधिकारी
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