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साउथ अफ्रीका से एक सप्ताह बाद गिरिडीह पहुंचा मजदूर का शव, सड़क हादसे में हुई थी मौत

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Published : Jan 27, 2022, 1:50 PM IST

साउथ अफ्रीका से एक सप्ताह बाद गिरिडीह के बगोदर मजदूर का शव पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजनों के चित्कार से गांव का माहौल गमगीन हो गया. हालांकि, बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई, जो परिजनों को सांत्वना दे रहे थे.

Labour dead body reached Giridih
साउथ अफ्रीका से एक सप्ताह बाद गिरिडीह पहुंचा मजदूर का शव

गिरिडीहः बगोदर के प्रवासी मजदूर की साउथ अफ्रीका के इथोपिया में एक सप्ताह पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी. मजदूर का शव गुरुवार की सुबह पैतृक गांव पहुंचा. शव के पहुंचते ही परिजनों के चित्कार से माहौल गमगीन हो गया. वहीं, बगोदर के पूर्व विधायक नागेंद्र महतो गांव पहुंचे एवं परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी.

यह भी पढ़ेंःWorkers Stuck in Mali: मुख्यमंत्री की पहल, माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों तक पहुंची राहत, जल्द होगी घर वापसी

बगोदर प्रखंड के पोचरी गांव के मजदूर कौलेश्वर महतो साउथ अफ्रीका के इथोपिया मजदूरी करने गया था. लेकिन उनकी मौत सड़क हादसे में हो गई. इस घटना के बाद से शव साउथ अफ्रीका में ही था, जो गुरुवार की सुबह गांव पहुंचा. शव पहुंचने के बाद ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. कौलेश्वर की पत्नी टेकनी देवी का रोते रोते बुरा हाल हो गया. टेकनी देवी लगातार अचेत हो जा रही थी, जिसे गांव की महिलाएं संभाल रही थी. लेकिन अपने पति के खोने के गम में वह किसी की नहीं सुन रही थी.

टेकनी देवी रोते बिलखते कहती है कि परिवार का भरण पोषण करने वाला दुनिया से चला गया. अब कौन पेट भरेगा. पत्नी की चित्कार देख उपस्थित लोग भी अपने आंसू को नहीं रोक पा रहे थे. वहीं, कौलेश्वर के पुत्र कामेश्वर महतो, कृष्णा कुमार और बेटी सरस्वती कुमारी पिता के शव को निहार निहार कर बिलख रहे थे.

समाजसेवी सिकंदर अली ने पोचरी गांव पहुंचकर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की इस तरह मौत होना, कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार को मजदूर के हित में कार्य करने की जरूरत है, ताकि मजदूर का पलायन रूक सके. कोडरमा सांसद के बगोदर प्रतिनिधि छोटेलाल यादव ने इलाके के मजदूरों ते पलायन के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में मजदूरों का पलायन हो रहा है. रोजगार सृजन कराने में झारखंड सरकार और स्थानीय विधायक नाकाम हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

गिरिडीहः बगोदर के प्रवासी मजदूर की साउथ अफ्रीका के इथोपिया में एक सप्ताह पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी. मजदूर का शव गुरुवार की सुबह पैतृक गांव पहुंचा. शव के पहुंचते ही परिजनों के चित्कार से माहौल गमगीन हो गया. वहीं, बगोदर के पूर्व विधायक नागेंद्र महतो गांव पहुंचे एवं परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी.

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बगोदर प्रखंड के पोचरी गांव के मजदूर कौलेश्वर महतो साउथ अफ्रीका के इथोपिया मजदूरी करने गया था. लेकिन उनकी मौत सड़क हादसे में हो गई. इस घटना के बाद से शव साउथ अफ्रीका में ही था, जो गुरुवार की सुबह गांव पहुंचा. शव पहुंचने के बाद ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. कौलेश्वर की पत्नी टेकनी देवी का रोते रोते बुरा हाल हो गया. टेकनी देवी लगातार अचेत हो जा रही थी, जिसे गांव की महिलाएं संभाल रही थी. लेकिन अपने पति के खोने के गम में वह किसी की नहीं सुन रही थी.

टेकनी देवी रोते बिलखते कहती है कि परिवार का भरण पोषण करने वाला दुनिया से चला गया. अब कौन पेट भरेगा. पत्नी की चित्कार देख उपस्थित लोग भी अपने आंसू को नहीं रोक पा रहे थे. वहीं, कौलेश्वर के पुत्र कामेश्वर महतो, कृष्णा कुमार और बेटी सरस्वती कुमारी पिता के शव को निहार निहार कर बिलख रहे थे.

समाजसेवी सिकंदर अली ने पोचरी गांव पहुंचकर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की इस तरह मौत होना, कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार को मजदूर के हित में कार्य करने की जरूरत है, ताकि मजदूर का पलायन रूक सके. कोडरमा सांसद के बगोदर प्रतिनिधि छोटेलाल यादव ने इलाके के मजदूरों ते पलायन के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में मजदूरों का पलायन हो रहा है. रोजगार सृजन कराने में झारखंड सरकार और स्थानीय विधायक नाकाम हैं.

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