गिरिडीह: झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने कार्यकर्ता और झारखंड आंदोलनकारी 72 वर्षीय चंदन किस्कू की मौत (bengabad block committee president died ) से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई. मौत की खबर फैलते ही झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, डॉक्टर सरफराज अहमद समेत पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता उनके पैतृक आवास तराजोरी पहुंचे. उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान लोगों ने अपनी गहरी शोक संवेदना प्रकट की और मृतक के परिजनों का ढांढस बंधाया.
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झारखंड आंदोलनकारी और झामुमो कार्यकर्ता की मौत: पार्टी नेताओं ने कहा कि चंदन किस्कू झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के साथी रहे हैं. उन्होंने झारखंड राज्य के आंदोलन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इनकी मृत्यु से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है. बताते चलें कि चंदन किस्कू गिरिडीह जिला के बेंगाबाद प्रखंड के तराजोरी गांव के रहने वाले थे. यहीं से उन्होंने राजनीतिक जीवन को शुरुआत की थी.
चंदन किस्कू झामुमो के कद्दावर नेता सालखन सोरेन के बेहद करीबी थे. उन्होंने सालखन सोरेन के साथ मिलकर क्षेत्र में संगठन के विस्तार और मजबूती में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. झारखंड आंदोलन में भी चंदन किस्कू ने अगली पंक्ति में रहकर अपना योगदान दिया था. वह गांडेय विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए एक अभिभावक स्वरूप माने जाते थे. उनके जाने से पार्टी का एक मजबूत स्तंभ ध्वस्त हो गया है.
जानकारी के अनुसार चंदन किस्कू कुछ समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई. उनका शव पैतृक आवास लाया गया. जहां विधायक सहित क्षेत्र के लोगों का जुटान हुआ और सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दें कि चंदन किस्कू झामुमो बेंगाबाद प्रखंड कमिटी के अध्यक्ष पद पर रह कर अपना योगदान दे चुके थे. साथ ही सरपंच के पद पर भी रहकर उन्होंने जनता की सेवा की.