रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में राज्य के सिविल कोर्ट सुरक्षा मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के राजस्व सचिव, भवन निर्माण सचिव और गिरिडीह डीसी अदालत में हाजिर हुए. अदालत ने कहा कि जब भवन ही नहीं दिया जा सकता तो क्या कोर्ट बंद कर दें. जिस पर सचिव ने शीघ्र भवन उपलब्ध कराने की बात कही. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और सरकार को प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.
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सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट ने भवन निर्माण सचिव से पूछा कि गिरिडीह कोर्ट भवन जब इतना जर्जर है तो उसमें बैठकर जज कैसे सुनवाई करेंगे. क्यों नहीं उस भवन को ठीक कराया जा रहा है. जब तक भवन को ठीक नहीं कराया जाता, तब तक के लिए पूर्व के डीसी कार्यालय में क्यों नहीं शिफ्ट किया जा रहा है. हम लोगों ने खुद जाकर गिरिडीह कोर्ट भवन का निरीक्षण किया है. वहां की परिस्थिति काम करने लायक नहीं है.
अदालत ने गिरिडीह डीसी से पूछा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी क्यों कमेटी गठित कर दूसरे विभाग को शिफ्ट किया जा रहा है. इसके लिए किस अधिकारी ने आदेश दिया है. अगर कोर्ट के लिए भवन उपलब्ध नहीं कराया जा सकता तो क्यों न गिरिडीह कोर्ट को बंद कर दें. भवन निर्माण सचिव ने अदालत को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही क्षतिग्रस्त कोर्ट भवन को बनाया जाएगा. जब तक कोर्ट भवन ठीक नहीं होगा तब तक के लिए पुराने भवन में कोर्ट को शिफ्ट किया जाएगा. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए, अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तिथि निर्धारित की. इस बीच सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि राज्य के सिविल कोर्ट की सुरक्षा, रखरखाव को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर है, जिस पर सुनवाई हो रही है. पूर्व में अदालत ने गिरिडीह सिविल कोर्ट के लिए भवन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाने पर राज्य सरकार के राजस्व सचिव, भवन निर्माण सचिव और डीसी गिरिडीह को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया था. हाई कोर्ट के इसी आदेश के आलोक में सचिव उपस्थित हुए.