गिरिडीह: जिला के केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी सदस्य कृष्णा हांसदा की तबीयत बिगड़ गयी है. तबीयत बिगड़ने के बाद नक्सली कृष्णा को सोमवार को केंद्रीय कारा से सदर अस्पताल लाया गया. फिलहाल, सदर अस्पताल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नक्सली कृष्णा का इलाज चल रहा है. हालांकि, नक्सली कृष्णा हांसदा को सदर अस्पताल के चिकित्सक द्वारा बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया गया है.
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केंद्रीय कारा में इलाज के बाद लाया गया सदर: जेल चिकित्सक द्वारा पहले नक्ली कृष्णा का इलाज केंद्रीय कारा में ही किया गया. बाद में चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए कृष्णा को सदर अस्पताल भेज दिया. गिरिडीह केंद्रीय कारा के अधीक्षक अनिमेष कुमार चौधरी ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद उसका इलाज कराया जा रहा है. वहीं जेल से गिरिडीह अस्पताल लाने के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जबकि अस्पताल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. सुरक्षा की जानकारी थाना प्रभारी विनय राम ले रहे थे.
17 जनवरी से जेल में बंद है नक्सली कृष्णा हांसदा: पारसनाथ इलाके में आतंक का दूसरा नाम से चर्चित कृष्णा हांसदा को गिरिडीह पुलिस ने डुमरी थाना क्षेत्र के इलाके से हथियार और नक्सली सामग्री के साथ दबोचा था. नक्सली कृष्णा पर सरकार ने 15 लाख रुपये का इनाम रखा था. पिछले 17 जनवरी को ही कृष्णा को अदालत में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा भेजा गया था. कृष्णा 52 नक्सली कांडों में आरोपी है. करीब 50 कांड गिरिडीह जिले में दर्ज हैं, जबकि एक-एक कांड धनबाद के तोपचांची एवं बोकारो के नावाडीह में दर्ज है. इसी नक्सली की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी ने 22 जनवरी को झारखंड बंद करवाया था.