गिरिडीहः जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह की ओर से गांधी जयंती के अवसर पर जेल अदालत का आयोजन किया गया. सबसे पहले झालसा रांची के निर्देशानुसार स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की अध्यक्ष वीणा मिश्रा के मार्गदर्शन में व्यवहार न्यायालय परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गोपाल पांडेय सहित सभी जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लक्ष्मीकांत, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अशोक कुमार, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, महासचिव चुन्नू कांत मुख्य रूप से मौजूद थे.
जेल अदालत में बंदियों को दी गई अहम जानकारीः इसके उपरांत 100 दिवसीय जागरुकता सह आउटरीच कार्यक्रम के तहत केंद्रीय कारागार गिरिडीह में बंदियों के लिए जेल अदालत सह कानूनी जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर सभी बंदियों को बधाई देते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने उपस्थित बंदियों को संविधान के द्वारा प्रदत कानूनी अधिकारों के बारे जानकारी दी. साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से बंदियों को दी जाने वाली विधिक सहायता के बारे में भी बताया.
अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी से मिलने वाले लाभ से अवगत करायाः इस दौरान न्यायिक पदाधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान वैसे बंदियों को चिन्हित किया जाएगा जो छोटे-मोटे अपराधों में जेल में बंद हैं. साथ ही जिन्हें जमानत तो मिल चुकी है, लेकिन उचित बंधपत्र नहीं भर पाने की स्थिति में काराधीन हैं या जो बंदी संभावित अधिकतम सजा के आधी अवधि तक काराधीन हैं. बंदियों को जमानत पर छोड़ने हेतु अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी के माध्यम से विचार किया जाना है.
कारागार अधीक्षक और पीएलबी को दिए गई कई निर्देशः इसके लिए लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम गिरिडीह के सभी अधिवक्ताओं और केंद्रीय कारागार के अधीक्षक, जेल में प्रतिनियुक्त पीएलबी आदि को निर्देश दिया गया है कि ऐसे बंदियों को चिन्हित कर उनकी सूची बनाकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह कार्यालय में निर्धारित समय सीमा के अंदर अनिवार्य रूप से भेजें, ताकि जल्द से जल्द अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी का आयोजन कर झालसा रांची के द्वारा काराधीन बंदियों के सुविधा के लिए किए जा रहे प्रयासों से उन्हें लाभान्वित किया जा सके.
महिला बंदियों का रखें खास ख्यालः उन्होंने जेल प्रशासन को सभी बंदियों के लिए और मुख्य तौर पर महिला बंदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों को निर्धारित सुविधाएं के साथ निरंतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. कार्यक्रम को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अभिजीत पांडेय एवं कारा अधीक्षक केंद्रीय कारागार गिरिडीह ने भी संबोधित किया.
इस कार्यक्रम में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह ने जेल में प्रतिनियुक्त पीएलबी को निर्देश दिया कि वे निरंतर काराधीन बंदियों के संपर्क में रहें और जिन बंदियों को विधिक सहायता की आवश्यकता हो उनका आवेदन अविलंब कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह में भेजें, ताकि सभी बंदियों को निःशुल्क एवं त्वरित न्याय समय पर प्रदान किया जा सके.
कार्यक्रम में ये थे मौजूदः इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कारा अधीक्षक, ककारापाल, मुख्य लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सैयद नजमुल हसन, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल गौरी शंकर सहाय, असिस्टेंट लीगल एंड डिफेंस काउंसिल फैयाज अहमद, पुरुषोत्तम कुमार, रवि कांत शर्मा, रंजीव कुमार रंजीव सहित जेल पीएलबी रमेश मंडल, न्यायालय कर्मियों और जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही.