गिरिडीहः मजदूरों के लिए मनरेगा वरदान है लेकिन इस योजना पर बिचौलिए इस कदर हावी हैं कई योजनाओं में काम से पहले ही भुगतान कर दिया जा रहा है. गिरिडीह में ग्रेडेड बैंड निर्माण का कार्य भले ही कई जगहों पर नहीं हुआ हो लेकिन ग्रेडेड बैंड के मैटेरियल की रकम जरूर निकल गई.
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कोरोना काल में मजदूरों खासकर दूसरे प्रदेश से घर वापस आए प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा को वरदान बताया गया है. इस योजना का लाभ भी कई मजदूरों को भी मिला लेकिन इन्हीं मजदूरों को रोजगार देने के नाम पर कइयों ने वारे न्यारे भी किए. कइयों ने इस योजना को लूट का अड्डा बना लिया. यही कारण है कि गिरिडीह जिले के कई स्थानों से यह शिकायत मिलती रही ही कि काम हुआ नहीं और पैसा निकल गया है. अब इसी तरह का ताजा मामला मनरेगा के तहत बननेवाले ग्रेडेड बैंड (गार्डवाल) का है. इस योजना का संचालन जिले के लगभग सभी प्रखंडों में हो रहा है लेकिन इसमें भी गड़बड़ी की बू आ रही है. इस योजना के तहत कई जगहों पर ग्रेडेड बैंड का निर्माण हुआ है तो कई पंचायत में बिना निर्माण के ही मैटेरियल का भुगतान कर दिया गया है. इस मामले की शिकायत ग्रामीणों की ओर से की गई तो सदर प्रखंड के कुछेक योजना स्थलों पर जाकर योजना का हाल जाना गया, जहां चिंताजनक हालात नजर आए.