ETV Bharat / state

गिरिडीह में अवैध विस्फोटक के कारोबार का गिरोह सक्रिय, खदान माफिया से नक्सलियों तक से जुड़े तार

author img

By

Published : Apr 1, 2021, 12:37 PM IST

Updated : Apr 3, 2021, 6:59 AM IST

गिरिडीह में रोक के बाद भी अवैध विस्फोटक की बिक्री और भंडारण का काला कारोबार जारी है. इसके तार खदान माफिया से नक्सलियों तक से जुड़े हैं. सप्लायर कोडरमा से रामगढ़ तक से विस्फोटक लाते हैं और उन्हें मुहैया कराते हैं. कई बार ये मासूम लोगों के यहां भंडारण कर देते हैं, विस्फोट होने पर इनको जान गंवानी पड़ती है. हाल में तिसरी प्रखंड में मकान जमींदोज होने से एक परिवार के चार लोगों की मौत इसकी बानगी भर है.

illegal-explosives-business-in-giridih
गिरिडीह में अवैध विस्फोटक का कारोबा

गिरिडीहः जिले में पत्थर, कोयला, अभ्रक और पत्थर का बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है. इन खदानों के लिए जरूरी विस्फोटक अवैध तरीके से कोडरमा-रामगढ़ के इलाके से यहां लाए जा रहे हैं. इस काम के लिए संगठित गिरोह सक्रिय हैं. ऐसे मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन इससे न तो नेटवर्क टूट पाया और न ही सरगना दबोचा जा सका. हालांकि गिरिडीह एसपी का कहना है कि इस तरह के खतरनाक पदार्थों के सप्लाई के नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

देखें स्पेशल खबर
ये भी पढ़ें-ETV BHARAT की ग्राउंड रिपोर्टः सिलिंडर नहीं विस्फोटक से हुआ मकान जमींदोज, परिजन बोले-माफिया ने रखा था विस्फोटकगिरिडीह जिला खनिज संसाधनों से संपन्न है, जिस पर माफिया की नजर है. वे अवैध रूप से यहां पाए जाने वाले पत्थर, कोयला, अभ्रक, बैरल पत्थर ( पन्ना, नीलम, पुखराज), सफेद पत्थर जैसे खनिज का खनन करा रहे हैं. इनमें से पत्थर और अभ्रक के खनन के लिए विस्फोटक की आवश्यकता होती है. चूंकि विस्फोटकों को लाना, संग्रह करना और विस्फोट करने को लेकर सरकारी स्तर पर काफी सख्त नियम हैं. ऐसे में यहां विस्फोटकों की आपूर्ति भी अवैध तरीके से होती है. अवैध तरीके से लाए गए विस्फोटक का उपयोग अवैध माइंस संचालक करते हैं. वहीं लीगल तरीके से माइंस का संचालन करने वालों में से कई संचालक अवैध विस्फोटक का उपयोग कर रहे हैं. इसका खुलासा कई दफा हो चुका है. ज्यादातर खुलासों के बाद गिरफ्तारी हुई है लेकिन बड़े माफिया अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
Illegal explosives business in Giridih
तिसरी की घटना में विस्फोट से मकान इस तरह मलबे में तब्दील हो गया.

तिसरी में विस्फोटक से मकान हो गया था जमींदोज

इस बार तिसरी के खिड़कियां मोड़ के समीप डेटोनेटर और जिलेटिन की वजह से हुए विस्फोट में एक मकान के जमींदोज होने और चार की जान चले जाने के बाद जिले की पुलिस काफी एक्टिव दिख रही है. इस कांड में दो लोगों को गिरफ्तार कर अब तक जेल भेज चुकी है. हालांकि इस बार भी यही सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस के हाथ बड़े माफिया और सप्लायर के गिरेबां तक पहुंच पाएंगे.

तीन की पहले भी हो चुकी है मौत


खिड़कियां मोड़ की घटना से पहले भी गिरिडीह में अवैध विस्फोटकों के कारण एक साथ तीन लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले मई 2019 को जिले के गांडेय में हादसा हुआ था. उस वक्त गांडेय प्रखंड के पंदनाटांड गांव में बाइक की डिक्की से डेटोनेटर और जिलेटिन निकालने के क्रम में विस्फोट हो गया था. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद काफी हो हंगामा हुआ तो कार्रवाई भी की गई लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो गया. गांडेय की इस घटना के अलावा पत्थर और माइका की अवैध खदानों में विस्फोटक की वजह से लोग घायल होते रहते हैं लेकिन ज्यादातर मामले को दबा दिया जाता है.

Illegal explosives business in Giridih
तिसरी प्रखंड में अवैध विस्फोटक से मकान जमींदोज हो गया. इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी.
कोडरमा से रामगढ़ तक जुड़े तार


इस मामले की तफ्तीश यदि सही तरीके से की जाए तो विस्फोटकों को क्षेत्र में लाने और परिवहन करने के अवैध कारोबार में कई लोग शामिल मिल सकते हैं. इस विस्फोटक के सप्लाई के तार कोडरमा से लेकर रामगढ़ तक से जुड़े हैं. इस खतरनाक पदार्थ की आपूर्ति से लेकर खपाने तक के खेल में पत्थर और अभ्रक माफिया की सीधी संलिप्तता भी होने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें-कोडरमा में 400 पीस डेटोनेटर के साथ युवक गिरफ्तार, जानें पूरी कहानी

मिलीभगत से चलता है सारा खेल: पूर्व विधायक


भाकपा माले नेता सह धनवार क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार यादव कहते हैं कि अवैध खनन व विस्फोटक का खेल पूरी तरह मिलीभगत से चलता है. पूर्व में जब भी विस्फोटक पकड़ा गया, उस वक्त ही गिरोह का भंडाफोड़ हो जाता तो शायद तिसरी के चार लोगों की जान नहीं जाती.

संगठित गिरोह कर रहा है सप्लाई: मनोज


भाजपा नेता मनोज यादव का कहना है क्षेत्र में पत्थर, बैरल पत्थर, अभ्रक और सफेद पत्थर का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. यहां अवैध खदानों में डेटोनेटर और जिलेटिन खपाया जाता है. वह भी अवैध रूप से. उन्होंने मांग की कि इस दिशा में सख्त कदम उठाया जाए.

एसपी हुए सख्त

इधर तिसरी में विस्फोट की घटना के बाद गिरिडीह के एसपी अमित रेणू अब सख्त नजर आ रहे हैं. एसपी अमित के सख्त तेवर के बाद जहां इस कांड के मुख्य आरोपी पूना महतो को जेल भेजा गया. वहीं विस्फोटक को क्षेत्र में लाने वालों की खोज शुरू कर दी गई है. एसपी ने कहा कि इस तरह के अवैध कारोबार में चाहे जो भी शामिल हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा.


ये भी पढ़ें-ममता बनर्जी ने लिखी हेमंत सोरेन को चिट्ठी, बीजेपी ने कहा- चुनाव परिणाम आने से पहले ही मान ली हार

कब-कब मिला विस्फोटकों का जखीरा


वैसे तो गिरिडीह जिले में हर वर्ष डेटोनेटर और जिलेटिन मिलता रहता है. लेकिन कुछ बड़े मामले इस तरह हैं जिसमें बड़े पैमाने पर विस्फोटक की बरामदगी हुई थी. कई दफा तो यह बात सामने आई कि यही विस्फोटक सप्लायर नक्सलियों तक भी पहुंचाते हैं.

  • जून 2010: हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन के समीप मिला 270 पीस जिलेटिन
  • नवम्बर 2011: तिसरी इलाके से पांच हजार डेटोनेटर के साथ चार सप्लायर गिरफ्तार, मारुति कार में रखा था डेटोनेटर
  • वर्ष 2014: बख्तरबंद मार्शल वाहन में छिपाकर ले जाया जा रहा था डेटोनेटर, मुफस्सिल पुलिस ने पकड़ा, यहां धनबाद-कोडरमा व बंगाल का लिंक भी उजागर हुआ था.
  • जून 2016: सरिया केशवारी-बरवाडीह सीमा से सटे एक खदान में मिला पांच पैकेट जिलेटिन व एक पैकेट डेटोनेटर
  • दिसंबर 2016 : कार से मिली 3 हजार जिलेटिन की छड़ें और 18 सौ डेटोनेटर
  • जुलाई 2019: बेंगाबाद के मंडरडीह में पत्थर खदान के समीप जमीन में गाड़कर रखा हुआ एक हजार पीस डेटोनेटर व 22 सौ पीस जिलेटिन बरामद
  • नवम्बर 2019: बिरनी के बिराजपुर के पास सब्जी लदे पिकअप में 20 हजार पीस जिलेटिन मिला. यहां पश्चिम बंगाल का व्यक्ति पकड़ाया था. जब्त जिलेटिन में गोमिया लिखा हुआ था.
  • दिसम्बर 2019: गांडेय के करमाटांड में अवस्थित पत्थर माइंस व क्रशर से 2 हजार पीस डेटोनेटर व जिलेटिन बरामद किया गया.
  • नवम्बर 2020: बेंगाबाद के मंडरडीह के पालोखरी पत्थर खदान में छापा, 550 पीस डेटोनेटर व 200 पीस जिलेटिन बरामद

गिरिडीहः जिले में पत्थर, कोयला, अभ्रक और पत्थर का बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है. इन खदानों के लिए जरूरी विस्फोटक अवैध तरीके से कोडरमा-रामगढ़ के इलाके से यहां लाए जा रहे हैं. इस काम के लिए संगठित गिरोह सक्रिय हैं. ऐसे मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन इससे न तो नेटवर्क टूट पाया और न ही सरगना दबोचा जा सका. हालांकि गिरिडीह एसपी का कहना है कि इस तरह के खतरनाक पदार्थों के सप्लाई के नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

देखें स्पेशल खबर
ये भी पढ़ें-ETV BHARAT की ग्राउंड रिपोर्टः सिलिंडर नहीं विस्फोटक से हुआ मकान जमींदोज, परिजन बोले-माफिया ने रखा था विस्फोटकगिरिडीह जिला खनिज संसाधनों से संपन्न है, जिस पर माफिया की नजर है. वे अवैध रूप से यहां पाए जाने वाले पत्थर, कोयला, अभ्रक, बैरल पत्थर ( पन्ना, नीलम, पुखराज), सफेद पत्थर जैसे खनिज का खनन करा रहे हैं. इनमें से पत्थर और अभ्रक के खनन के लिए विस्फोटक की आवश्यकता होती है. चूंकि विस्फोटकों को लाना, संग्रह करना और विस्फोट करने को लेकर सरकारी स्तर पर काफी सख्त नियम हैं. ऐसे में यहां विस्फोटकों की आपूर्ति भी अवैध तरीके से होती है. अवैध तरीके से लाए गए विस्फोटक का उपयोग अवैध माइंस संचालक करते हैं. वहीं लीगल तरीके से माइंस का संचालन करने वालों में से कई संचालक अवैध विस्फोटक का उपयोग कर रहे हैं. इसका खुलासा कई दफा हो चुका है. ज्यादातर खुलासों के बाद गिरफ्तारी हुई है लेकिन बड़े माफिया अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
Illegal explosives business in Giridih
तिसरी की घटना में विस्फोट से मकान इस तरह मलबे में तब्दील हो गया.

तिसरी में विस्फोटक से मकान हो गया था जमींदोज

इस बार तिसरी के खिड़कियां मोड़ के समीप डेटोनेटर और जिलेटिन की वजह से हुए विस्फोट में एक मकान के जमींदोज होने और चार की जान चले जाने के बाद जिले की पुलिस काफी एक्टिव दिख रही है. इस कांड में दो लोगों को गिरफ्तार कर अब तक जेल भेज चुकी है. हालांकि इस बार भी यही सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस के हाथ बड़े माफिया और सप्लायर के गिरेबां तक पहुंच पाएंगे.

तीन की पहले भी हो चुकी है मौत


खिड़कियां मोड़ की घटना से पहले भी गिरिडीह में अवैध विस्फोटकों के कारण एक साथ तीन लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले मई 2019 को जिले के गांडेय में हादसा हुआ था. उस वक्त गांडेय प्रखंड के पंदनाटांड गांव में बाइक की डिक्की से डेटोनेटर और जिलेटिन निकालने के क्रम में विस्फोट हो गया था. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद काफी हो हंगामा हुआ तो कार्रवाई भी की गई लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो गया. गांडेय की इस घटना के अलावा पत्थर और माइका की अवैध खदानों में विस्फोटक की वजह से लोग घायल होते रहते हैं लेकिन ज्यादातर मामले को दबा दिया जाता है.

Illegal explosives business in Giridih
तिसरी प्रखंड में अवैध विस्फोटक से मकान जमींदोज हो गया. इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी.
कोडरमा से रामगढ़ तक जुड़े तार


इस मामले की तफ्तीश यदि सही तरीके से की जाए तो विस्फोटकों को क्षेत्र में लाने और परिवहन करने के अवैध कारोबार में कई लोग शामिल मिल सकते हैं. इस विस्फोटक के सप्लाई के तार कोडरमा से लेकर रामगढ़ तक से जुड़े हैं. इस खतरनाक पदार्थ की आपूर्ति से लेकर खपाने तक के खेल में पत्थर और अभ्रक माफिया की सीधी संलिप्तता भी होने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें-कोडरमा में 400 पीस डेटोनेटर के साथ युवक गिरफ्तार, जानें पूरी कहानी

मिलीभगत से चलता है सारा खेल: पूर्व विधायक


भाकपा माले नेता सह धनवार क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार यादव कहते हैं कि अवैध खनन व विस्फोटक का खेल पूरी तरह मिलीभगत से चलता है. पूर्व में जब भी विस्फोटक पकड़ा गया, उस वक्त ही गिरोह का भंडाफोड़ हो जाता तो शायद तिसरी के चार लोगों की जान नहीं जाती.

संगठित गिरोह कर रहा है सप्लाई: मनोज


भाजपा नेता मनोज यादव का कहना है क्षेत्र में पत्थर, बैरल पत्थर, अभ्रक और सफेद पत्थर का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. यहां अवैध खदानों में डेटोनेटर और जिलेटिन खपाया जाता है. वह भी अवैध रूप से. उन्होंने मांग की कि इस दिशा में सख्त कदम उठाया जाए.

एसपी हुए सख्त

इधर तिसरी में विस्फोट की घटना के बाद गिरिडीह के एसपी अमित रेणू अब सख्त नजर आ रहे हैं. एसपी अमित के सख्त तेवर के बाद जहां इस कांड के मुख्य आरोपी पूना महतो को जेल भेजा गया. वहीं विस्फोटक को क्षेत्र में लाने वालों की खोज शुरू कर दी गई है. एसपी ने कहा कि इस तरह के अवैध कारोबार में चाहे जो भी शामिल हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा.


ये भी पढ़ें-ममता बनर्जी ने लिखी हेमंत सोरेन को चिट्ठी, बीजेपी ने कहा- चुनाव परिणाम आने से पहले ही मान ली हार

कब-कब मिला विस्फोटकों का जखीरा


वैसे तो गिरिडीह जिले में हर वर्ष डेटोनेटर और जिलेटिन मिलता रहता है. लेकिन कुछ बड़े मामले इस तरह हैं जिसमें बड़े पैमाने पर विस्फोटक की बरामदगी हुई थी. कई दफा तो यह बात सामने आई कि यही विस्फोटक सप्लायर नक्सलियों तक भी पहुंचाते हैं.

  • जून 2010: हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन के समीप मिला 270 पीस जिलेटिन
  • नवम्बर 2011: तिसरी इलाके से पांच हजार डेटोनेटर के साथ चार सप्लायर गिरफ्तार, मारुति कार में रखा था डेटोनेटर
  • वर्ष 2014: बख्तरबंद मार्शल वाहन में छिपाकर ले जाया जा रहा था डेटोनेटर, मुफस्सिल पुलिस ने पकड़ा, यहां धनबाद-कोडरमा व बंगाल का लिंक भी उजागर हुआ था.
  • जून 2016: सरिया केशवारी-बरवाडीह सीमा से सटे एक खदान में मिला पांच पैकेट जिलेटिन व एक पैकेट डेटोनेटर
  • दिसंबर 2016 : कार से मिली 3 हजार जिलेटिन की छड़ें और 18 सौ डेटोनेटर
  • जुलाई 2019: बेंगाबाद के मंडरडीह में पत्थर खदान के समीप जमीन में गाड़कर रखा हुआ एक हजार पीस डेटोनेटर व 22 सौ पीस जिलेटिन बरामद
  • नवम्बर 2019: बिरनी के बिराजपुर के पास सब्जी लदे पिकअप में 20 हजार पीस जिलेटिन मिला. यहां पश्चिम बंगाल का व्यक्ति पकड़ाया था. जब्त जिलेटिन में गोमिया लिखा हुआ था.
  • दिसम्बर 2019: गांडेय के करमाटांड में अवस्थित पत्थर माइंस व क्रशर से 2 हजार पीस डेटोनेटर व जिलेटिन बरामद किया गया.
  • नवम्बर 2020: बेंगाबाद के मंडरडीह के पालोखरी पत्थर खदान में छापा, 550 पीस डेटोनेटर व 200 पीस जिलेटिन बरामद
Last Updated : Apr 3, 2021, 6:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.