गिरिडीह: बगोदर प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती इलाकों के ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सरकारी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों की लागत से बनाया गया अस्पताल बेकार पड़ा हुआ है. इससे ग्रामीण स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से वंचित हैं. बगोदर के बनपुरा गांव में करीब 7 साल पहले अस्पताल बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अब तक डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई है.
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अस्पताल शुरू करने की मांग कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि जब अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था तब उम्मीद जगी थी कि इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा लेकिन वह उम्मीद आज भी अधूरी है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार जल्द डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति करे ताकि लोगों को इलाज के लिए कहीं और न जाना पड़े. बताया जाता है कि अस्पताल कैंपस में ही डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के रहने के लिए आवास भी बनाए गए हैं लेकिन वह भी बेकार पड़े हैं.
अस्पताल शुरू होने से बड़ी आबादी को मिलेगा लाभ
ब्लॉक प्रमुख मुश्ताक अंसारी ने अस्पताल शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने अस्पताल को जल्द चालू कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी अस्पताल चालू नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. इस अस्पताल के चालू होने से न सिर्फ बगोदर सीएचसी में लोड कम होगा बल्कि आसपास की बड़ी आबादी को स्थानीय स्तर सुविधा मिलेगी. बनपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आसपास में बनपुरा, खंभरा, दोंदलो, पडरिया, घाघरा, कुसमरजा, भागलपुर और सरिया प्रखंड के बंदखारो और खुंटा गांवों के हजारों ग्रामीणों को इस अस्पताल से लाभ मिलेगा.
अस्पताल चालू कराने के संबंध में बगोदर बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की कमी के चलते अस्पताल शुरू नहीं हो पाया है. बीडीओ ने वरीय पदाधिकारियों को मामले से अवगत कराने की बात कही. उन्होंने साथ ही कहा कि अस्पताल चालू करने की दिशा में पहल करने की मांग करेंगे.