गिरिडीह: न्यू सशस्त्र पिपुल्स मोर्चा और इसके सरगना उमेश गिरी इस नाम को शायद ही गिरिडीह-हजारीबाग-बोकारो और चतरा के लोग भूले हों. इस आपराधिक गिरोह और इसके सदस्यों ने चार-पांच जिले में आतंक मचा रखा था. हत्या, अपहरण, रंगदारी, जानलेवा हमला, लूट समेत कई अपराध को इस गिरोह ने अंजाम दिया. हर दिन इनके अपराध की चर्चा होती. लोग इनके दहशत के साये में जी रहे थे लेकिन कहा जाता है न कि जब पुलिस अपने हद पर आती है तो बड़े से बड़ा अपराधी भी घुटने बल आ जाता है. इस न्यू सशस्त्र पिपुल्स मोर्चा के साथ भी ऐसा ही हुआ.
जिला की पुलिस ने एक एक कर इस गिरोह के मेंबर को पकड़ना शुरू किया और अंततः गिरोह का सरगना उमेश भी धरा गया. अब इस गिरोह में रहकर आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात अपराधियों का हाल बुरा है. कुछ ऐसा ही हाल इस गिरोह के कुख्यात राजकुमार गोस्वामी का हो गया है. उमेश के साथ मिलकर कई घटनाओं को अंजाम देने का यह आरोपी बाइक चोरी करने लगा. चोरी किए गए बाइक को 4-5 हजार में बेचकर अपनी जिंदगी को चला रहा था लेकिन यहां भी पकड़ा गया.
इस बार गिरिडीह एसपी दीपक शर्मा को मिली सूचना पर नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी और उनकी टीम ने देवघर के चितरा थाना अंतर्गत अलकवारा निवासी राजकुमार को बाइक चोरी करते हुए पकड़ा. नगर थाना इलाके के एलआईसी कार्यालय के समीप राजकुमार दबोचा गया. एसपी दीपक कुमार शर्मा ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
पुलिस के सामने टूटा राजकुमार, बरामद हुई बाइक: नगर पुलिस की पूछताछ में राजकुमार टूट भी गया और बाइक चोरी में न सिर्फ अपनी संलिप्तता स्वीकार की बल्कि इसकी निशानदेही पर देवघर के चितरा थाना इलाके के बागजोरिया में फिलिप मुर्मू के घर पर छापा मारा गया. यहां से फिलिप को गिरफ्तार किया गया और फिर फिलिप की निशानदेही पर पड़ोसी ग्राम सोनातरा से पुआल में छिपाकर रखा हुआ हीरो कम्पनी की चार चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गई. गिरफ्तार राजकुमार ने बताया कि वह गिरिडीह शहर सहित देवघर एवं धनबाद शहर से भी मोटरसाइकिल चोरी कर बेचता है. इनके पास से मोटरसाइकिल का लॉक खोलने का मास्टर चाभी बरामद किया गया. बताया कि बाइक को वह पांच हजार में बेचता है.
कई घटनाओं का है आरोपी: पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी राजकुमार गोस्वामी पहली दफा 2021 में बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार हुआ. देवघर से बाइक चोरी में पकड़ाए जाने के बाद वह मधुपुर जेल में था. यहीं पर उसकी मुलाकात आपराधिक संगठन न्यू सशस्त्र पिपुल्स मोर्चा के सुप्रीमो उमेश पाण्डेय उर्फ उमेश गिरि से हुई थी और वह गिरोह में शामिल हो गये थे. जेल से छुटते ही राजकुमार उमेश गिरि के साथ मिलकर नम्बर 2021 में बगोदर थाना क्षेत्र के ग्राम अटका से फिरौती हेतु एक डॉक्टर का अपहरण किया.
वर्ष 2021 में ही बोकारो जिला के बीटीपीएस थाना क्षेत्र में कोलियरी में रंगादारी को लेकर फायरिंग भी की. इसके द्वारा हजारीबांग जिला के गोरहर थाना क्षेत्र में रंगादारी की मांग को लेकर ठेकेदार को धमकी दी गई थी. वर्ष 2022 फरवरी में गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर अटका के मुखिया पर जानलेवा हमला में यह शामिल रहा. वर्ष 2022 में टाटीझरिया थाना क्षेत्र में अपने ही गिरोह के एक सदस्य के हत्या करने में भी यह शामिल था. जबकि बोकारो जिला के चतरोचटटी थाना क्षेत्र में यह गिरोह के अन्य तीन सदस्यों के साथ हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया था. वर्ष 2023 में यह जेल से छुटने के बाद उमेश पाण्डेय गिरोह से दूरी बना कर बाइक चोरी की घटना में शामिल हो गया. एसपी दीपक ने कहा कि अपराधी कोई भी हो उसकी जगह सिर्फ जेल है.
ये भी पढ़ें-
प्रिंस खान, डब्लू सिंह सहित 7 अपराधियों पर इनाम की घोषणा, सभी हैं मोस्ट वांटेड
बिहार की सीमा पर नक्सलियों की टोह में जुटी गिरिडीह पुलिस, खंगाला जा रहा है चप्पा-चप्पा