बगोदर, गिरिडीह: कार्यक्रम की शुरुआत अखरा पूजा के साथ की गई. करम डाला को रखकर उसके चारों तरफ पुरुष वर्ग के लोगों ने भी करमा गीत पर झूमर नृत्य को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में झारखंड की भाषा खतियान संघर्ष समिति के सुप्रीमो जयराम महतो मुख्य रूप से उपस्थित रहे. वहीं कार्यक्रम का लुत्फ उठाने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. पूरा बस स्टैंड परिसर दर्शकों की भीड़ से भरा हुआ था.
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कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस भी तैनात थी. आयोजन समिति के द्वारा अतिथियों को अंगवस्त्र देकर भी सम्मानित किया गया. वहीं जयराम महतो के द्वारा विराट करम महोत्सव में कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले टोलियों को पौधा और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि और झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के सुप्रीमो जयराम महतो ने कहा कि करमा प्रकृति पर्व के साथ भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भी है. उन्होंने अपने संबोधन में करमा पर्व करने के तरीके पर विस्तार से अपनी बातों को रखा. उन्होंने यह भी अपने भाई की रक्षा और सुरक्षा के लिए युवतियां एवं महिलाएं करमा पर्व करती है. उन्होंने भाइयों से सभी बहनों की सुरक्षा करने की अपील की. उन्होंने झारखंड के अन्य पर्व- त्योहारों का भी बखान किया.
मौके पर मोती महतो ने भी करमा पर्व का बखान किया. इसके साथ ही उन्होंने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के आंदोलनों के असर से भी लोगों को अवगत कराया गया. उन्होने कहा कि समिति के आंदोलनों के बाद प्रदेश में कई तरह के बदलाव भी हुए हैं. उन्होंने अपने भाषण में राजनीतिक बातें भी कीं. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्होंने वोटरों से सजग होकर वोट करने की अपील की. कहा कि भारत और पाकिस्तान के नाम पर नहीं बल्कि रोजगार के नाम पर वोट दें.