पलामू: टॉप माओवादी कमांडर छोटू खरवार के पेट में बम ट्रांसप्लांट होने की सूचना है. छोटू खरवार के पेट में कुछ ऐसे निशान मिले हैं, जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम हाई अलर्ट पर है. सीआरपीएफ और पुलिस का बम निरोधक दस्ता छोटू खरवार के शव की जांच कर रहा है.
दरअसल, झारखंड के लातेहार जिले में छिपादोहर थाना क्षेत्र के भीमपाव जंगल में माओवादियों की आपसी लड़ाई में टॉप माओवादी कमांडर छोटू खरवार मारा गया. घटना की सूचना मिलने के बाद बुधवार सुबह से ही पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. बुधवार दोपहर पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की. सर्च ऑपरेशन के दौरान जब पुलिस ने शव की जांच की तो पेट में संदिग्ध निशान मिले. पेट में संदिग्ध निशान मिलने के बाद बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया और जांच शुरू की गई है.
"नक्सली छोटू खेरवार के पेट में कुछ संदेहास्पद निशान मिले हैं, जिसके आधार पर बम निरोधक दस्ता उसकी जांच कर रही है. पुलिस और सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और इलाके में नजर रख रहे हैं." - वाईएस रमेश, डीआईजी, पलामू
गौरतलब हो कि 2013 में लातेहार के कटिया में पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में माओवादियों ने शहीद सीआरपीएफ जवान के पेट में बम लगा दिया था. इस घटना के बाद पुलिस नक्सली घटनाओं में बरामद किए गए इलाकों की गहन जांच करती है. 2013 में बम लगाने वाले माओवादियों की टीम में मृत्युंजय भुइयां और मनीष यादव शामिल थे. छोटू खरवार की हत्या में भी मृत्युंजय और मनीष का नाम सामने आया है.
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