बगोदर, गिरिडीह: लॉकडाउन में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में फंसे मजदूरों की परेशानियां कम नहीं होती दिख रही है. लॉकडाउन में मजदूरों ने जब कोलकाता में खुद को असुरक्षित समझा तब लगभग दो दर्जन मजदूरों ने वहां से बिहार के गया जिला अंतर्गत डोभी के लिए पैदल ही चल दिया.
बगोदर पहुंचने पर उन मजदूरों पर बगोदर प्रखंड प्रशासन की नजर पड़ी तब सभी को पकड़कर क्वारेंटाइन के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विधालय बगोदर में रखा गया.
क्वारेंटाइन की अवधि पूरी होने एवं किसी में भी कोरोना के लक्षण न दिखाई देने पर सभी मजदूरों को गुरुवार को छोड़ा गया. इसके बाद भी मजदूरों की समस्या पीछा नहीं छोड़ रही.
डोभी जाने के लिए जब मजदूरों को गाड़ी नहीं मिली तब वे सभी फिर यहां से पैदल ही डोभी के लिए निकल गए. इस बीच जीटी रोड होकर चलने वाले कई मालवाहक वाहनों को मजदूरों ने रोकने की कोशिश की, मगर वाहन चालकों ने मजदूरों का सहयोग नहीं किया.
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मजदूरों में बिट्टू, संजीव, रवींद्र आदि ने बताया कि वे कोलकाता में रहकर राज मिस्त्री का काम करते थे. लॉकडाउन में जब खाने - पीने की दिक्कत होने लगी तब सभी वहां से पैदल हीं 3 अप्रैल को सभी निकल दिए.
एक सप्ताह बाद जब सभी बगोदर पहुंचे तब यहां सभी को क्वारेंटाइन किया गया. क्वारेंटाइन से छोड़े जाने के बाद पुनः सभी पैदल ही डोभी के लिए निकल गए.