गिरिडीह: गौवंश की तस्करी करने वालों के लिए गिरिडीह पुलिस शामत बन गई है. बिहार-उत्तर प्रदेश से मवेशियों को अमानवीय तरीके से वाहन पर लादकर पश्चिम बंगाल से लेकर बांग्लादेश की सीमा तक ले जाने वाले तस्कर न सिर्फ गिरफ्तार हो रहे हैं, बल्कि मवेशियों को भी मुक्त कराया जा रहा है. पिछले 25 दिनों के दरमियान जिले के पुलिस कप्तान दीपक कुमार शर्मा के नेतृत्व में 11 कार्रवाई की है. इस दौरान मवेशी लदे 24 वाहन को पकड़ा गया. जबकि 338 मवेशियों को मुक्त कराया गया है. वहीं इन मामलों में अलग अलग थाना में 11 कांड अंकित करते हुए 36 लोगों को जेल भेजा गया है.
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हर सड़क पर पैनी नजर, सूचना पर त्वरित कार्रवाई: यहां बता दें कि बिहार होते हुए देवरी, चतरो, बेंगाबाद के रास्ते तस्कर वाहन लेकर कभी गांडेय, अहिल्यापुर, ताराटांड के रास्ते धनबाद और फिर बंगाल प्रवेश करते रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाइवे से मवेशी की तस्करी की जाती रही है. मवेशी तस्करी की सूचना गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा को भी निरंतर मिल रही थी. इन सूचनाओं पर एसपी ने खुद ही मॉनिटरिंग शुरू की. डीएसपी, सभी एसडीपीओ के अलावा इंस्पेक्टर व थानेदार को साफ निर्देश दिया कि हर हाल में मवेशी तस्करी रुकनी चाहिए. एसपी के स्पष्ट निर्देश का असर भी दिखा और एक के बाद एक कार्रवाई हुई है. चार दिनों पूर्व डुमरी और बगोदर की पुलिस ने एक कंटेंनर को भी पकड़ा जिसपर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर मवशियों को ले जाया जा रहा था.
जंगल का रास्ता पकड़ा फिर भी पकड़े गए: दो दिनों पूर्व तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए जंगल का रास्ता का चयन किया. तस्कर गांडेय से फूलची के रास्ते में घुसे. जंगल के रास्ते तस्कर भाग रहे थे लेकिन एसपी को मिली सूचना पर जंगल में ताराटांड थाना प्रभारी प्रदीप महतो ने छापा मारा तो 27 मवेशियों से लदे वाहन को पकड़ा गया.
तस्कर के संरक्षक भी निशाने पर: एसपी दीपक शर्मा ने बताया कि मवेशियों की तस्करी गिरिडीह के रास्ते होने नहीं दी जाएगी. तस्कर कोई भी हों, किसी का भी संरक्षण हो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. यह भी कहा कि इस बार भी कई माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.