गिरिडीहः नगर निगम के मेयर सुनील कुमार पासवान ने अपनी जान पर खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि उन्हें अंगरक्षक की आवश्यकता है. इसे लेकर उन्होंने झारखंड के डीजीपी को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि उनके पास दो अंगरक्षक थे, लेकिन कोविड का प्रकोप बढ़ा तो उनके अंगरक्षक को वापस बुला लिया गया था. उनके अलावा कई लोगों के अंगरक्षक को वापस बुलाया गया था, लेकिन दूसरे लोगों को अंगरक्षक वापस मिल गए, लेकिन उन्हें अंगरक्षक नहीं दिए गए. इसे लेकर उन्होंने गिरिडीह पुलिस से दो बार गुहार लगाई, लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई.
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आने जाने के क्रम में हमेशा रहता है डर
मेयर ने कहा कि पिछले साल भी उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. उस वक्त उन्हें दो बॉडीगार्ड मिले थे, लेकिन कोरोना काल में बॉडीगार्ड वापस बुला लिए गए थे. उन्होंने कहा कि अब उन्हें अंगरक्षक की काफी जरूरत है. क्योंकि महापौर के नाते सभी वार्डों में योजनाओं के निरीक्षण हेतु स्थल पर जाना पड़ता है. योजनाओं के निरीक्षण के क्रम में स्थिति असामान्य रहने के कारण भय बना रहता है. शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति सामान्य रूप से चले इसे लेकर तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का ससमय निरीक्षण करना पड़ता है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट शहर से काफी दूर स्थित है, जिसके कारण भी हमेशा आने जाने के क्रम में भय बना रहता है. विभागीय कार्य के लिए रांची आना जाना पड़ता है. साथ ही भाजपा के कार्य से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी करना पड़ता है.