गिरिडीह: पारसनाथ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के विरोध के बीच गुरुवार को गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में पारसनाथ विकास प्राधिकारण की उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक के दौरान जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन का स्वरूप बदल कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के प्रस्ताव को लेकर विचार विमर्श किया गया.
ये भी पढ़ें: इको टूरिज्म से पारसनाथ की पवित्रता पर पड़ेगा असर, वैष्णव देवी की तरह घोषित हो तीर्थ क्षेत्र: मुनि प्रमाण सागर जी
इस बैठक में डीसी नमन ने मौजूद अधिकारयों को साफ कहा कि साल बीतने को है और नया साल आने वाला है. इसे ध्यान में रखते हुए पूरे सम्मेद शिखर मधुबन में किसी सूरत में मांस-मदिरा की बिक्री नहीं हो और ना ही सम्मेद शिखर में प्रवेश करने वाले ही इसका इस्तेमाल करें. इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि जल्द ही सम्मेद शिखर के डेवलपमेंट को लेकर छह सदस्यों के पैनल का गठन किया जाएगा. इसी पैनल के सुझाव पर मधुबन में नए सड़क निर्माण के साथ बायो शौचालय का भी निर्माण किया जाना है.
डीसी ने कहा कि मांस मदिरा पर तो रोक पहले से लगा है, उसका पालन अब और कड़ाई से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थल को लेकर जो भ्रम है उसे दूर करने का प्रयास होगा. इस बैठक में प्रशिक्षु आईएएस उत्कर्ष कुमार, डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, डुमरी एसडीपीओ मनोज कुमार, पीरटांड़ बीडीओ दिनेश कुमार, अंचलाधिकारी विनय प्रकाश तिग्गा, जिला खेल पदाधिकारी के साथ मधुबन स्थित गुणायतन के महामंत्री सुभाष जैन, बीस पंथी कोठी के सुमन सिन्हा समेत कई अधिकारी और अलग-अलग तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्य मौजूद थे.
बैठक में लिए गए निर्णय:
- वर्तमान समय में स्थानीय क्षेत्र देश के विभिन्न जगहों पर पारसनाथ (शिखर जी) के लिए जनभावना में जो भ्रांतियां फैलाई गई है, उसे स्थानीय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था/ट्रस्ट के सहयोग से स्पष्ट किया जाएगा.
- पारसनाथ विकास प्राधिकार हेतु 6 गैर सरकारी निदेशकों की नियुक्ति विभागीय संकल्प संख्या पर्य० / यो0-02/2016 -01, दिनांक 01.02.2016 में उल्लेखानुसार किये जाने के लिए निर्णय लिया गया.
- पारसनाथ विकास प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र सीमा का निर्धारण करने के लिए स्थानीय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था/ट्रस्ट से सहयोग लिया जाएगा.
- सरकार के अपर सचिव, पर्यटन, कला संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार के कार्यालय ज्ञाप 1391 दिनांक 22.10.2018 के अनुसार पारसनाथ सम्मेद शिखर जी पर्वत क्षेत्र की पवित्रता अक्षुन्न रखी जाएगी.
- पारसनाथ विकास प्राधिकार के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत विकासात्मक कार्य एवं नागरिक सुविधाओं के लिए स्थानीय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था/ट्रस्ट की सहभागिता से प्राधिकार के निर्णय के आलोक में तैयार किया जाएगा.
- पारसनाथ विकास प्राधिकार के निर्णय से ही पारसनाथ क्षेत्र में किसी प्रकार की कैम्पिंग की सुविधाएं, दुकानें और वाणिज्यिक प्रयोजन की संस्थाओं का निर्माण किया जाएगा.
- मधुबन पारसनाथ पर्वत में साफ सफाई व्यवस्था और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (Solid Waste Management System) के लिए भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया.
- पारसनाथ विकास प्राधिकरण के गठन होने तक स्थानीय नागरिक सुविधाओं का विकास स्थानीय समुदाय एवं मधुबन के विभिन्न जैन संस्था/ट्रस्ट के सहयोग से किया जाने पर निर्णय लिया गया.