गिरिडीह: मां का अंतिम संस्कार होने से पहले ही हत्या के आरोपी बेटे की अर्थी सज गई. जिसके बाद एक ही साथ मां-बेटे की अर्थी उठी और दोनों की चिता धोबन्नी शमशान घाट पर एक साथ जलाई गई. संपति की लालच ने बेटे को मां का कातिल बना दिया. बेटे ने नशे की हालत में आवेश में आकर अपनी वृद्ध मां की बेरहमी से हत्या कर दी थी. मगर पुलिस गिरफ्त में आने के बाद हिरासत में ही उसकी संदिग्ध मौत हो गई. एक दिन पहले जिस बेटे ने मां की कथित हत्या की थी.
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दूसरे दिन उसी हत्यारे बेटे की चिता मां की चिता के साथ जली. घटना से जहां एक तरफ मृतक के परिजनों में गम का माहौल था. वहीं दूसरी तरफ इलाके में हत्यारे बेटे की करतूत पर लोगों में गुस्से का भाव भी पाया गया. लोग 85 वर्षीय वृद्ध महिला की निर्ममता हत्या किए जाने से मर्माहत थे. वहीं हत्यारोपी बेटे की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं और सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि पुलिस द्वारा हिरासत में हत्यारोपी की मौत का कारण उसकी तबीयत बिगड़ना बताया गया है. इस मामले में हत्यारोपी के बेटे पिंटू चौधरी के आवेदन के आधार पर बेंगाबाद थाना में यूडी केस दर्ज किया गया है. वहीं हिरासत में मौत मामले की जांच के लिए न्यायिक जांच कमेटी बनाई गई है.
बेटे ने की थी मां की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या: बता दें कि शनिवार की रात छताबाद निवासी स्व तेतर पांसी की 85 वर्षीय पत्नी अनपी देवी की कुल्हाड़ी से वार कर निर्मम हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप मृतिका के संझले बेटे 55 वर्षीय नागों पासी पर लगा था. रविवार को मृतिका का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके घर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने हत्यारोपी बेटे को हिरासत में ले लिया. मां का शव रविवार की रात घर में पड़ा हुआ ही था कि सोमवार की रात पुलिस हिरासत में हत्यारोपी बेटे की भी संदिग्ध मौत हो गई.
सोमवार की अहले सुबह जब नागों पासी के परिजनों को इस बात का पता चला तो सब भागे-भागे सदर अस्पताल पहुंचे. जहां सोमवार को मेडिकल बोर्ड के गठन के बाद मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में नागों पांसी के शव का पोस्टमार्टम हुआ. जिसके बाद सोमवार की शाम छताबाद स्थित उनके आवास से हत्यारे बेटे और मां की अर्थी एक साथ निकली और दोनों के शवों को पंचतत्व में विलीन किया गया.