गिरिडीहः बस पड़ाव पर वर्चस्व को लेकर ही ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजू खान पर फायरिंग की गई थी. इस हमले की साजिश में मुख्य रूप से पूर्व वार्ड पार्षद शिवम आजाद उर्फ शिवम श्रीवास्तव का नाम सामने आ रहा है. राजू ने एफआईआर दर्ज करवायी है, उसमें भी इसी बात का जिक्र है. शिवम पर आरोप भी है. वहीं पुलिस भी शिवम की तलाश कर रही है. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार नगर निगम ने बस पड़ाव की बंदोबस्ती की है.
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दरअसल बस पड़ाव की बंदोबस्ती मोहम्मद शादाब को मिली है. बंदोबस्ती लेने में पिछड़ने के बाद शिवम आजाद ने शादाब पर पार्टनरशिप का दबाव बनाना शुरू कर दिया. कहा जाता है कि शिवम ने दबाव इस कदर बनाया कि बस पड़ाव टोल का ठेका लिए व्यक्ति भी साझेदारी के लिए लगभग तैयार हो गया लेकिन बीच में राजू खान ने बस पड़ाव के टोल में शिवम की एंट्री का विरोध कर दिया. बताया जाता है कि राजू खान एवं बस एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने साफ कहा कि यहां पर किसी की गुंडागर्दी चलने नहीं दी जायेगी. बताया जाता हैं कि इसी बात को लेकर राजू खान और शिवम के बीच अदावत हो गयी. पुलिस सूत्रों की मानें तो शिवम ने राजू खान को भी चमकाना शुरू कर दिया. तरह-तरह की धमकी दी जाने लगी. इस पर भी जब राजू खान नहीं डिगा. इस बीच राजू खान के इनोवा वाहन पर फायरिंग हो गई. इस मामले को लेकर राजू खान ने नगर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी है जिसमें शिवम श्रीवास्तव द्वारा जान से मारने की दी गयी धमकी का जिक्र किया गया है.
अलग-अलग टीमों का हुआ गठनः शहर के बीचों बीच सरेआम बस ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से जुड़े राजू खान पर फायरिंग की गयी तो अपराधियों को पकड़ने के लिए गिरिडीह के एसपी अमित रेणु ने अलग-अलग टीम का गठन किया. टीम में डीएसपी मुख्यालय वन संजय कुमार राणा, नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी, मुफस्सिल थाना प्रभारी विनय कुमार राम को शामिल किया गया. शहर एवं शहर के आस-पास हर मुख्य मार्ग व गलियों के सीसीटीवी कैमरा के फुटेज को खंगाला गया. इस पड़ताल में पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली. इसके बाद जगह जगह छापेमारी हुई. 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया.
शिवम का सभी मोबाइल नंबर बंद, जिला से हैं बाहरः बताया जाता है कि हिरासत में लिये गये संदिग्धों से पूछताछ में पुलिस को महत्वपूर्ण लीड मिला है. पूछताछ में शिवम श्रीवास्तव को लेकर कई जानकारी मिली. जब गिरिडीह पुलिस ने शिवम की खोज शुरू की तो यह जानकारी मिली कि घटना के एक दिन पहले ही शिवम ने अपने सभी आठों मोबाइल नंबर को स्विच ऑफ कर दिया और गिरिडीह से बाहर निकल गया. चूंकि इस कांड में शिवम न सिर्फ नामजद है, बल्कि पुलिस को भी यह यकीन है कि गोलीकांड की पूरी साजिश शिवम ने ही रची है. ऐसे में शिवम के हर संभावित अड्डे पर पुलिस जा चुकी है. बिहार व बंगाल पुलिस से भी जिला की पुलिस ने संपर्क किया है. अब शिवम के पकड़ में आने के बाद ही इस मामले पर काफी कुछ साफ हो सकेगा. यहां बतादें कि शिवम आजाद शहर का चर्चित रहा है. मारपीट, फायरिंग करने एवं शराब के अवैध कारोबार में इसका नाम कई दफा आ चुका है और कई बार यह जेल जा चुका है.
जल्द होगा खुलासा: नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट व्यवसायी पर फायरिंग किये जाने के मामले का पूरी तरह से खुलासा जल्द से जल्द हो जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. प्राथमिकी में शिवम श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप है और वह फरार है.