गिरिडीह: मेयर पद से निर्वाचन रद्द होने के बाद बीजेपी नेता सुनील कुमार पासवान ने सदर विधायक सुदिव्य कुमार, जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और जेएमएम के जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया है. इसे लेकर उन्होंने एससीएसटी थाना में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में सुनील ने कहा है कि इन तीनों ने आपराधिक षडयंत्र रचते हुए मुझे महापौर से हटाने के लिए सीओ रविंद्र कुमार सिन्हा और तत्कालीन एसडीओ विजया जाधव से जाति प्रमाण पत्र रद्द करवाने की अनुशंसा की और 2018 में निर्गत जाति प्रमाण पत्र रद्द करवाया. सुनील ने विधायक, जेएमएम जिलाध्यक्ष पर और भी कई आरोप लगाए हैं.
क्या है आवेदन में
आवेदन में पूर्व मेयर ने कहा है कि वे इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय भी गए हैं जो अभी विचाराधीन है, इसी बीच सुप्रियो भट्टाचार्य, सुदिव्य कुमार और संजय सिंह ने परेशान किया. पूर्व मेयर ने कहा कि इनलोगों ने महापौर से उनकी सदस्यता रद्द कराने के लिए निर्वाचन आयोग में शिकायत की, निर्वाचन आयोग ने इस मामले को नगर विकास विभाग के पास भेज दिया, जबकि नगर विकास विभाग के पास 2018 में निर्वाचित मेयर को हटाने से सम्बंधित कोई नियमावली थी ही नहीं, इसके बावजूद दुर्भावना से प्रेरित होकर नगर विकास विभाग ने झारखंड नगरपालिका निर्वाचित प्रतिनिधि अनुशासन और अपील नियमावली 2020 बनाया, जिसमें यह कहा गया की उक्त नियमावली राज्य पत्र प्रकाशन की तिथि से लागू होगा, लेकिन मुझे पद से हटाने के लिए एडिशनल सेक्रेटरी एके रतन के ओर से जबरन नगर आयुक्त से अनुशंसा मंगवाकर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए 4 नवंबर 2020 को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे मेयर के पद से मुक्त कर दिया.
सुनील का कहना है कि उनका सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक नुकसान हुआ है. सुनील ने आगे आरोप लगाते हुए कहा है कि जब उन्होंने उन लोगों से मिलकर अपना पक्ष रखना चाहा तो सार्वजनिक रूप से उन्हें अपमानित किया गया.
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संविधान के अनुसार हुई है कार्यवाई
वहीं, जेएमएम जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि अपमानित और साजिश रचने का आरोप पूरी तरह से निराधार है, गिरिडीह नगर निगम के महापौर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था, अनुसूचित जाति में आरक्षण का लाभ किसे मिलेगा यह भारतीय संविधान में साफ तौर पर बताया गया है, राज्य सरकार ने दिशा निर्देश जारी किया है, संविधान के तहत जो नियम राज्य सरकार ने बनाया है, उसी का अनुपालन अधिकारियों ने किया है, इसे किस नजरिये से कौन लेता है इससे जेएमएम को फर्क नहीं पड़ता है.