ETV Bharat / state

Purchase Of Bench Desk: बेंच डेस्क खरीद मामले में कितने की फसेंगी गर्दन, क्या जांच कमेटी को संतुष्ट कर पाएंगे साहब - giridih news

बेंच डेस्क खरीदी की जांच टीम का विस्तार हो चुका है. पहले 7 अक्टूबर तक की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई. अब अनुमंडल स्तर की कमेटी बन चुकी है. ऐसे में सवाल उस साहब को लेकर उठ रहा है, जिन्होंने जैसे तैसे बेंच डेस्क खरीदने के लिए दबाव बनाया था. लोग सवाल कर रहे हैं क्या जांच टीम को अपने जवाब से संतुष्ट कर पाएंगे साहब. bench desk purchase case in Giridih

Formation of divisional level committee to investigate bench desk purchase case in Giridih
बेंच डेस्क खरीदी की जांच टीम का विस्तार
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 9, 2023, 9:50 AM IST

Updated : Oct 9, 2023, 11:13 AM IST

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ

गिरिडीहः सरकारी स्कूल के बच्चों को जमीन पर न बैठना पड़े इसके लिए बेंच-डेस्क खरीदी की योजना सरकार ने बनायी. गुणवत्ता भी तय की गई, मानक निर्धारित किया गया. जिले के 935 स्कूलों के लिए 18 हजार बेंच-डेस्क खरीदने का निर्णय हुआ. खरीद के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियम जारी किए. निर्देश दिया गया कि सहायक अभियंता और कनीय अभियंता की गुणवत्ता रिपोर्ट के बाद ही प्रबंधन समिति आपूर्तिकर्ता को भुगतान करेगी. इन नियमों को ताक पर रखा गया. प्रबंधन समिति ने विभाग के साहब के आदेश पर आनन-फानन में खरीदी की. बिचौलिए खुलकर हावी रहे. इस बीच विभाग के साहब का वीडियो-ऑडियो भी वायरल हो गया. यह साफ हो गया कि जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने ही विद्यालय के सचिव को सीधा आदेश दे रखा था कि उन्हें खरीदी करनी है और जेई- एई के प्रमाण पत्र के बगैर ही भुगतान करना है. मामला बढ़ा तो डीएसई अपने ऑडियो-वीडियो पर सफाई देते नजर आए. कहा कि वे गुणवत्ता टेस्ट कर रहे थे. हालांकि इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया और जिलाधिकारी ने जांच के लिए एक के बाद एक दो कमेटी गठित कर दी.

ये भी पढ़ेंः गिरिडीह में ऐसी शिक्षा व्यवस्था! एक कमरे में तीन-तीन कक्षा का संचालन और अधिकारी बेंच-डेस्क के विवाद में उलझे

पहली कमिटी ने एक ऑडियो पर किया मुकदमाः पहले अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा की अध्यक्षता में एक टीम गठित हुई. इस टीम ने एक वायरल ऑडियो पर मुकदमा किया. हालांकि अन्य वायरल ऑडियो और वायरल वीडियो को लेकर कमेटी की तरफ से कुछ खास कहा नहीं गया. जबकि इन दोनों ऑडियो और वीडियो को लेकर महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव और बेलाटांड के हेडमास्टर द्वारा पत्र भी लिखा गया.

दूसरी टीम मंगलवार को सौंपेगी पहली रिपोर्टः पहली टीम को 7 अक्टूबर तक विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. इस बीच डीसी ने अनुमंडलस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया. अब अनुमंडल स्तर की कमेटी मंगलवार को अपनी पहला रिपोर्ट सौंपेगी. इस अनुमंडलस्तर की जांच कमिटी को क्रय किए गए बेंच-डेस्क की संख्या, एमडीएफ बोर्ड की मोटाई, स्कवायर पाइप की साइज, पाइप के गेज, वजन, आपूर्तिकर्ता का नाम पता के साथ अभियुक्ति का उल्लेख करना है. डीसी ने जो दूसरी जांच कमेटी बनायी है, उस कमेटी को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को जांच रिपोर्ट सौंपनी है.

ये भी पढ़ेंः गिरिडीह शिक्षा विभाग को नहीं चाहिए बेस्ट क्वालिटी, कमीशन के चक्कर में बेहतर काम करने वालों की फंसी पूंजी!

इन सवालों पर क्या करेगी कमेटीः इधर डीसी के सख्त रुख को देखते हुए जांच टीम गुणवत्ता को जांचेगी यह तो तय है. लेकिन इसके साथ जो सवाल है उस पर टीम का क्या रवैया रहता है यह देखना दिलचस्प होगा. पहला सवाल जब जिला शिक्षा पदाधिकारी ने गुणवत्तापूर्ण खरीद के लिए आदेश जारी किया और साफ निर्देश दिया कि विभाग के तय मानक के अनुरूप खरीद के बाद भुगतान तभी करना है जब सहायक अभियंता द्वारा गुणवत्ता का प्रमाण पत्र मिल जाए. जब ऐसा नियम बनाया गया तो फिर किस परिस्थिति में किसके दवाब या लोभ में न सिर्फ खरीदी की गई बल्कि भुगतान भी किया गया.

दूसरा जिला शिक्षा अधीक्षक का वायरल वीडियो और उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलाटांड के प्रधानाध्यापक अमृत साव के साथ हुई बातचीत, अमृत साव और मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपक सिन्हा के बीच हुई बातचीत का वायरल ऑडियो, ऑडियो में बेंच - डेस्क खरीद और भुगतान का दबाव के मामले को लेकर उठ रहे सवाल. इसके साथ ही क्या विभाग के अभियंताओं ने अपनी जवाबदेही का पूरी तरह निर्वहन किया इन सवालों पर जांच टीम क्या करती है. क्या सिर्फ बेंच डेस्क की गुणवत्ता जांची जाएगी या फिर खरीद को प्रभावित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी या दागदार दामन लिए साहब जांच टीम को अपने तर्क से संतुष्ट करने में सफल होंगे. यहां यह बता दें कि जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने जांच कमेटी को साफ निर्देश दे रखा है कि जो भी दोषी हैं सभी पर कार्रवाई हो.

इसे भी पढ़ेंः बेंच डेस्क खरीद मामले में गड़बड़ी और ऑडियो वायरल मामले में हुई कार्रवाई, प्रभारी प्रधानाध्यापक, मुखिया और ऑडियो वायरल करने वाले के खिलाफ केस दर्ज

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ

गिरिडीहः सरकारी स्कूल के बच्चों को जमीन पर न बैठना पड़े इसके लिए बेंच-डेस्क खरीदी की योजना सरकार ने बनायी. गुणवत्ता भी तय की गई, मानक निर्धारित किया गया. जिले के 935 स्कूलों के लिए 18 हजार बेंच-डेस्क खरीदने का निर्णय हुआ. खरीद के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियम जारी किए. निर्देश दिया गया कि सहायक अभियंता और कनीय अभियंता की गुणवत्ता रिपोर्ट के बाद ही प्रबंधन समिति आपूर्तिकर्ता को भुगतान करेगी. इन नियमों को ताक पर रखा गया. प्रबंधन समिति ने विभाग के साहब के आदेश पर आनन-फानन में खरीदी की. बिचौलिए खुलकर हावी रहे. इस बीच विभाग के साहब का वीडियो-ऑडियो भी वायरल हो गया. यह साफ हो गया कि जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने ही विद्यालय के सचिव को सीधा आदेश दे रखा था कि उन्हें खरीदी करनी है और जेई- एई के प्रमाण पत्र के बगैर ही भुगतान करना है. मामला बढ़ा तो डीएसई अपने ऑडियो-वीडियो पर सफाई देते नजर आए. कहा कि वे गुणवत्ता टेस्ट कर रहे थे. हालांकि इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया और जिलाधिकारी ने जांच के लिए एक के बाद एक दो कमेटी गठित कर दी.

ये भी पढ़ेंः गिरिडीह में ऐसी शिक्षा व्यवस्था! एक कमरे में तीन-तीन कक्षा का संचालन और अधिकारी बेंच-डेस्क के विवाद में उलझे

पहली कमिटी ने एक ऑडियो पर किया मुकदमाः पहले अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा की अध्यक्षता में एक टीम गठित हुई. इस टीम ने एक वायरल ऑडियो पर मुकदमा किया. हालांकि अन्य वायरल ऑडियो और वायरल वीडियो को लेकर कमेटी की तरफ से कुछ खास कहा नहीं गया. जबकि इन दोनों ऑडियो और वीडियो को लेकर महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव और बेलाटांड के हेडमास्टर द्वारा पत्र भी लिखा गया.

दूसरी टीम मंगलवार को सौंपेगी पहली रिपोर्टः पहली टीम को 7 अक्टूबर तक विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. इस बीच डीसी ने अनुमंडलस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया. अब अनुमंडल स्तर की कमेटी मंगलवार को अपनी पहला रिपोर्ट सौंपेगी. इस अनुमंडलस्तर की जांच कमिटी को क्रय किए गए बेंच-डेस्क की संख्या, एमडीएफ बोर्ड की मोटाई, स्कवायर पाइप की साइज, पाइप के गेज, वजन, आपूर्तिकर्ता का नाम पता के साथ अभियुक्ति का उल्लेख करना है. डीसी ने जो दूसरी जांच कमेटी बनायी है, उस कमेटी को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को जांच रिपोर्ट सौंपनी है.

ये भी पढ़ेंः गिरिडीह शिक्षा विभाग को नहीं चाहिए बेस्ट क्वालिटी, कमीशन के चक्कर में बेहतर काम करने वालों की फंसी पूंजी!

इन सवालों पर क्या करेगी कमेटीः इधर डीसी के सख्त रुख को देखते हुए जांच टीम गुणवत्ता को जांचेगी यह तो तय है. लेकिन इसके साथ जो सवाल है उस पर टीम का क्या रवैया रहता है यह देखना दिलचस्प होगा. पहला सवाल जब जिला शिक्षा पदाधिकारी ने गुणवत्तापूर्ण खरीद के लिए आदेश जारी किया और साफ निर्देश दिया कि विभाग के तय मानक के अनुरूप खरीद के बाद भुगतान तभी करना है जब सहायक अभियंता द्वारा गुणवत्ता का प्रमाण पत्र मिल जाए. जब ऐसा नियम बनाया गया तो फिर किस परिस्थिति में किसके दवाब या लोभ में न सिर्फ खरीदी की गई बल्कि भुगतान भी किया गया.

दूसरा जिला शिक्षा अधीक्षक का वायरल वीडियो और उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलाटांड के प्रधानाध्यापक अमृत साव के साथ हुई बातचीत, अमृत साव और मध्य विद्यालय बदडीहा के प्रभारी प्रधानाध्यापक दीपक सिन्हा के बीच हुई बातचीत का वायरल ऑडियो, ऑडियो में बेंच - डेस्क खरीद और भुगतान का दबाव के मामले को लेकर उठ रहे सवाल. इसके साथ ही क्या विभाग के अभियंताओं ने अपनी जवाबदेही का पूरी तरह निर्वहन किया इन सवालों पर जांच टीम क्या करती है. क्या सिर्फ बेंच डेस्क की गुणवत्ता जांची जाएगी या फिर खरीद को प्रभावित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी या दागदार दामन लिए साहब जांच टीम को अपने तर्क से संतुष्ट करने में सफल होंगे. यहां यह बता दें कि जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने जांच कमेटी को साफ निर्देश दे रखा है कि जो भी दोषी हैं सभी पर कार्रवाई हो.

इसे भी पढ़ेंः बेंच डेस्क खरीद मामले में गड़बड़ी और ऑडियो वायरल मामले में हुई कार्रवाई, प्रभारी प्रधानाध्यापक, मुखिया और ऑडियो वायरल करने वाले के खिलाफ केस दर्ज

Last Updated : Oct 9, 2023, 11:13 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.