गिरिडीहः हमेशा एक-दूसरे की टांग खींचने वाली भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एक मंच पर दिखे. इसी मंच पर आकर भाकपा माले के नेता ने भी लोगों को संबोधित किया. भले ही भाषण में तीनों दलों के नेता एक-दूसरे पर मजदूरों के शोषण का आरोप लगाते हों, लेकिन तीनों का झंडा एक ही मंच के नीचे लहराता दिखा.
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कोलियरी से मैथन पावर लिमिटेड नामक कंपनी कोयले का उठाव करने वाली है. इस उठाव का विरोध ट्रक ऑनर्स एसोशिएसन और असंगठित मजदूर ने शुरू किया है. इस आंदोलन को भाजपा, कांग्रेस के साथ-साथ भाकपा माले ने भी समर्थन किया है. तीनों दल का झंडा एक ही मंच के नीचे लहरा रहा है. लोग भी आश्चर्यचकित हैं. आंदोलन को संबोधित करने भाजपा के अलग अलग नेता पहुंच रहे हैं. बाबूलाल मरांडी के करीबी माने जानेवाले भाजपा नेता चुन्नुकांत तो एमपीएल को लेकर सत्ताधारी जेएमएम के आड़े हाथ लेते हैं और कांग्रेस को साधूवाद दे रहे हैं.
एनडीए के सांसदों को उठानी चाहिए आवाज: अजय
कांग्रेस नेता ने भी इसी मंच से लोगों को संबोधित किया. कांग्रेस नेता अजय सिन्हा मंटू ने कहा कि इस मामले को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव को अवगत करा चुके हैं. सदन में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिले में दो सांसद है, जो एनडीए के हैं. अन्नपूर्णा देवी मंत्री हैं और चंद्रप्रकाश चौधरी सांसद. इन दोनों नेताओं को मजदूरों और ट्रक ऑनर्स पर ध्यान देना चाहिए और एमपीएल के करार को रद्द करवाना चाहिए.
मजदूरों के हक से समझौता नहीं: माले
भाकपा माले के नेता राजेश यादव और राजेश सिन्हा ने कहा कि शोषण के खिलाफ माले हमेशा ही आंदोलन करती रही है. एमपीएल यदि कोयला का उठाव करती है, तो इस क्षेत्र की जनता के साथ धोखा होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग पहले एमपीएल का विरोध करते थे, वहीं आज इसका समर्थन कर रहे हैं.