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परिजनों ने अस्पताल पर लगाया बच्चा बदलने का आरोप, डीएनए टेस्ट कराने की कर रहे मांग

गिरिडीह के एक निजी अस्पताल में प्रसूती के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल की नर्स ने उन्हें बताया कि उन्हें बेटा हुआ है लेकिन उनके हाथ में 15 मिनट बाद लड़की सौंपी गई.

Family members accuse hospital of changing child in giridih
हंगामा करते परिजन
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Published : Dec 29, 2019, 8:19 AM IST

गिरिडीह: जिले के एक निजी अस्पताल पर प्रसूती के परिजनों ने प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. प्रसूती के परिजनों का कहना है कि उसे लड़का हुआ था और अस्पताल की नर्स ने उन्हें पहले यही बताया था लेकिन बाद में प्रबंधन ने उन्हें कहा कि बेटी हुई है. परिजनों ने प्रबंधन पर यह आरोप लगाने के बाद बच्ची को बिना डीएनए टेस्ट के अपनाने से इंकार कर दिया है. वहीं प्रबंधन ने परिजनों के इन आरोपों को निराधार बताया है.

देखें पूरी खबर


कब घटी घटना
गांडेय के कोरबंधा निवासी कामेश्वर मंडल की पत्नी रूपा देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार को रूपा ने बच्चे को जन्म दिया, जिसके कुछ देर बाद परिजनों ने नर्सिंग होम प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा दिया. यह आरोप लगाते ही हंगामा शुरू हो गया.

ये भी पढ़ें: NRC पर लोगों को जागरूक करने रांची पहुंचे गिरिराज, एयरपोर्ट पर लगे जय श्री राम के नारे


डीएनए टेस्ट के बिना बच्ची अपनाने से इंकार
बच्चे के पिता कामेश्वर मंडल का कहना है कि जब उसकी पत्नी ने बच्चा जन्म दिया तो उसके 15 मिनट के बाद नर्स ने खबर दी की लड़का हुआ है. इसके कुछ देर बाद उसकी मां के हाथ में लड़की दे दी गई. उनका यह भी कहना है कि जब तक वे बच्ची का डीएनए टेस्ट नहीं करवा लेते तब तक वे बच्ची को नहीं अपनाएंगे.


आरोप है निराधार
अस्पताल की चिकित्सक डॉ. इंदिरा सिंह ने बच्चा बदलने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया है. उनका कहना है कि प्रसूती ने जिस बच्चे को जन्म दिया है उसकी ही जानकारी मरीज को दी गयी थी. परिजनों को किस नर्स ने क्या बताया यह उसे जानकारी नहीं है. संभवत: परिजनों को सुनने में कंफ्यूजन हुआ हो, जिसके बाद वे इस तरह का आरोप लगा रहे हैं. वहीं डीएनए टेस्ट कराने की बात पर उन्होंने कहा कि परिजन अपनी संतुष्टि के लिए बेधड़क जो टेस्ट करवाना चाहे करवा सकते हैं.

गिरिडीह: जिले के एक निजी अस्पताल पर प्रसूती के परिजनों ने प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. प्रसूती के परिजनों का कहना है कि उसे लड़का हुआ था और अस्पताल की नर्स ने उन्हें पहले यही बताया था लेकिन बाद में प्रबंधन ने उन्हें कहा कि बेटी हुई है. परिजनों ने प्रबंधन पर यह आरोप लगाने के बाद बच्ची को बिना डीएनए टेस्ट के अपनाने से इंकार कर दिया है. वहीं प्रबंधन ने परिजनों के इन आरोपों को निराधार बताया है.

देखें पूरी खबर


कब घटी घटना
गांडेय के कोरबंधा निवासी कामेश्वर मंडल की पत्नी रूपा देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार को रूपा ने बच्चे को जन्म दिया, जिसके कुछ देर बाद परिजनों ने नर्सिंग होम प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा दिया. यह आरोप लगाते ही हंगामा शुरू हो गया.

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डीएनए टेस्ट के बिना बच्ची अपनाने से इंकार
बच्चे के पिता कामेश्वर मंडल का कहना है कि जब उसकी पत्नी ने बच्चा जन्म दिया तो उसके 15 मिनट के बाद नर्स ने खबर दी की लड़का हुआ है. इसके कुछ देर बाद उसकी मां के हाथ में लड़की दे दी गई. उनका यह भी कहना है कि जब तक वे बच्ची का डीएनए टेस्ट नहीं करवा लेते तब तक वे बच्ची को नहीं अपनाएंगे.


आरोप है निराधार
अस्पताल की चिकित्सक डॉ. इंदिरा सिंह ने बच्चा बदलने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया है. उनका कहना है कि प्रसूती ने जिस बच्चे को जन्म दिया है उसकी ही जानकारी मरीज को दी गयी थी. परिजनों को किस नर्स ने क्या बताया यह उसे जानकारी नहीं है. संभवत: परिजनों को सुनने में कंफ्यूजन हुआ हो, जिसके बाद वे इस तरह का आरोप लगा रहे हैं. वहीं डीएनए टेस्ट कराने की बात पर उन्होंने कहा कि परिजन अपनी संतुष्टि के लिए बेधड़क जो टेस्ट करवाना चाहे करवा सकते हैं.

Intro:

गिरिडीह. शहर के मकतपुर स्थित शिवम नर्सिंग होम प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा है. इस आरोप के बाद प्रसूता व बच्चे के परिजनों ने हंगामा कर दिया. घटना शनिवार की शाम की है. हालांकि प्रबंधन ने आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है.


Body:बताया गया कि गांडेय के कोरबंधा निवासी कामेश्वर मंडल की पत्नी रूपा देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद शिवम नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. शनिवार को रूपा ने बच्चे को जन्म दिया. जिसके कुछ देर बाद परिजनों ने नर्सिंग होम प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा दिया. यह आरोप लगाते ही हंगामा शुरू हो गया.
बच्चे के पिता कामेश्वर मंडल का कहना था कि जब उसकी पत्नी ने बच्चा जन्म दिया तो उसके 15 मिनट के बाद नर्स ने खबर दी की लड़का हुआ है. इसके कुछ देर बाद उसकी मां के हाथ में लड़की दिया गया. कामेश्वर का आरोप था कि उसकी पत्नी ने लड़का को जन्म दिया था जिसे बदल दिया गया. यह भी कहा की वह डीएनए टेस्ट करवाने की मांग करता है और डीएनए टेस्ट के बाद ही बच्चा लेगा.
Conclusion:कनफ्यूजन में लगाया गया आरोप : डा इंदिरा
इधर अस्पताल की चिकित्सक डा इंदिरा सिंह ने बच्चा बदलने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया. कहा कि प्रसूता ने जिस बच्चे को जन्म दिया है उसकी ही जानकारी मरीज को दे दी गयी थी. परिजनों को किस नर्स ने क्या बताया यह उसे जानकारी नहीं है. संभवत: परिजनों को सुनने में कनफ्यूजन हुआ है जिसके बाद इस तरह का आरोप लगाया गया है. रही बात डीएनए टेस्ट कराने की तो परिजन टेस्ट करवा सकते हैं. महिला ने जिस बच्चे को जन्म दी है उसका रिपोर्ट वे देंगे.

बाइट 1: कामेश्वर मंडल, बच्चे के पिता
बाइट 2: डॉ इंदिरा सिंह, चिकित्सक
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