गिरिडीह: जिले के एक निजी अस्पताल पर प्रसूती के परिजनों ने प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया है. प्रसूती के परिजनों का कहना है कि उसे लड़का हुआ था और अस्पताल की नर्स ने उन्हें पहले यही बताया था लेकिन बाद में प्रबंधन ने उन्हें कहा कि बेटी हुई है. परिजनों ने प्रबंधन पर यह आरोप लगाने के बाद बच्ची को बिना डीएनए टेस्ट के अपनाने से इंकार कर दिया है. वहीं प्रबंधन ने परिजनों के इन आरोपों को निराधार बताया है.
कब घटी घटना
गांडेय के कोरबंधा निवासी कामेश्वर मंडल की पत्नी रूपा देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार को रूपा ने बच्चे को जन्म दिया, जिसके कुछ देर बाद परिजनों ने नर्सिंग होम प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगा दिया. यह आरोप लगाते ही हंगामा शुरू हो गया.
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डीएनए टेस्ट के बिना बच्ची अपनाने से इंकार
बच्चे के पिता कामेश्वर मंडल का कहना है कि जब उसकी पत्नी ने बच्चा जन्म दिया तो उसके 15 मिनट के बाद नर्स ने खबर दी की लड़का हुआ है. इसके कुछ देर बाद उसकी मां के हाथ में लड़की दे दी गई. उनका यह भी कहना है कि जब तक वे बच्ची का डीएनए टेस्ट नहीं करवा लेते तब तक वे बच्ची को नहीं अपनाएंगे.
आरोप है निराधार
अस्पताल की चिकित्सक डॉ. इंदिरा सिंह ने बच्चा बदलने के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया है. उनका कहना है कि प्रसूती ने जिस बच्चे को जन्म दिया है उसकी ही जानकारी मरीज को दी गयी थी. परिजनों को किस नर्स ने क्या बताया यह उसे जानकारी नहीं है. संभवत: परिजनों को सुनने में कंफ्यूजन हुआ हो, जिसके बाद वे इस तरह का आरोप लगा रहे हैं. वहीं डीएनए टेस्ट कराने की बात पर उन्होंने कहा कि परिजन अपनी संतुष्टि के लिए बेधड़क जो टेस्ट करवाना चाहे करवा सकते हैं.