गिरिडीह: किसी बेसहारा की मदद करने या उसके काम आने को ही सभी धर्मों में सबसे पुण्य की बात मानी गई है. सदर प्रखंड के कोगड़ी में रहने वाले लोग कई सालों से एक गरीब और बेसहारा हिंदू बुजुर्ग महिला बेली देवी की देखरेख कर रहे हैं. हाल ही में लगातार हो रही बारिश के कारण महिला का घर क्षतिग्रस्त हो गया था. लेकिन पड़ोस के मुस्लिम परिवार ने मदद के हाथ बढ़ाते हुए मकान की मरम्मत करवाई, जो कि अपने आप में एकता की मिसाल है.
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बेली देवी का छलका दर्द
बुजुर्ग महिला बेली देवी देख नहीं पाती है. इसके बावजूद उसका बेटा उसे छोड़कर चला गया है. ऐसे में महिला की देखभाल पड़ोस में ही रहने वाला मुस्लिम परिवार करता है. बेली देवी का कहना है कि उसका बेटा काम करने की बात कहकर चला गया और कभी देखने तक नहीं आया. कभी ससुराल में रहने भी आता है, तो मां की सुध लेने नहीं आता. महिला का कहना है कि पिछले 6-7 सालों से उसकी सेवा उसके पड़ोसी ही कर रहे हैं. वो अपने बेटे के पास नहीं जाएगी.
![hindu-muslim unity found in giridih's kogdi village](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12197829_image.jpg)
6-7 साल से पड़ोसी हैं सहारा
बुजुर्ग महिला के पड़ोसी मो. इरशाद बताते हैं कि महिला को सरकार की तरफ से पेंशन मिलती है. महिला को पेंशन मिलते ही बेटा पैसे लेने आता है और फिर लौट जाता है. कई सालों से महिला की देखभाल यहीं के लोग करते हैं. अभी हाल ही में महिला की बदहाल स्थिति की जानकारी जब अग्दोनी खुर्द के उप प्रधान दिनेश यादव को मिली, तो वो महिला के पास पहुंचे और पूरी जानकारी लेने के बाद उसे मदद का भरोसा दिलाया.
![hindu-muslim unity found in giridih's kogdi village](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12197829_im.jpg)
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जिंदा है इंसानियत
अग्दोनी खुर्द के उप प्रधान दिनेश यादव ने भी कहा है कि महिला को आवास दिलाने के लिए बीडीओ(BDO) से बात की जाएगी. बहरहाल ये कहा जा सकता है कि बेली देवी के मददगार बने मुस्लिम पड़ोसी(muslim neighbor) सामुदायिक एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसे ही लोगों के चलते इंसानियत जिंदा है.