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गिरिडीह: बगैर काम कराए धनराशि की निकासी पर कार्रवाई, रोजगार सेवक बर्खास्त - Scam in road repair in Giridih

गिरिडीह जिले में सड़क निर्माण कराए बगैर अवैध रूप राशि निकासी के मामले में रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गई है. प्रशासन ने रोजगार सेवक राजदेव कुमार को मामले में दोषी मानते हुए उसे बर्खास्त कर दिया है.

रोजगार सेवक बर्खास्त
रोजगार सेवक बर्खास्त
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Published : Nov 13, 2020, 10:32 AM IST

बगोदर, गिरिडीह: सड़क निर्माण कराए बगैर अवैध रूप राशि निकासी के मामले में रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गई है. प्रशासन द्वारा रोजगार सेवक राजदेव कुमार को मामले में दोषी मानते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है.

मामला बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत का है. बता दें कि पंचायत अंतर्गत मेक इंडिया स्कूल गेट से टीपागढ़ा तक मनरेगा एक्ट से मिट्टी- मोरम के तहत सड़क मरम्मत किए जाने की स्वीकृति मिली थी.

मगर सड़क मरम्मत किए बगैर 40 हजार रुपए की अवैध रूप से निकासी कर ली गई थी. मामले में प्रमुख मुश्ताक अंसारी और उप प्रमुख सरिता साव ने बीडीओ को आवेदन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की थी. मामले में मेठ, रोजगार सेवक, मुखिया, बीपीओ आदि को दोषी मानते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी.

बता दें कि बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत में मनरेगा एक्ट के तहत मिट्टी- मोरम से सड़क की मरमम्त की स्वीकृति मिली है.

यह भी पढ़ेंः बाल पत्रकारों ने विधानसभा अध्यक्ष से की मुलाकात, बाल संरक्षण के मुद्दों पर की चर्चा

मगर निर्माण कार्य में सिर्फ खानापूर्ति की गई है. सड़क की मिट्टी को हीं खोदकर उसमें थोड़ी बहुत डाल दी गई है. मोरम का तो नामोनिशान नहीं है.

इधर इस संबंध में बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि मामले में जांचोपरांत कार्रवाई की गई है. मामले में रोजगार सेवक दोषी पाया गया है. फिलहाल उसे बर्खास्त कर दिया गया है.

बगोदर, गिरिडीह: सड़क निर्माण कराए बगैर अवैध रूप राशि निकासी के मामले में रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गई है. प्रशासन द्वारा रोजगार सेवक राजदेव कुमार को मामले में दोषी मानते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया है.

मामला बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत का है. बता दें कि पंचायत अंतर्गत मेक इंडिया स्कूल गेट से टीपागढ़ा तक मनरेगा एक्ट से मिट्टी- मोरम के तहत सड़क मरम्मत किए जाने की स्वीकृति मिली थी.

मगर सड़क मरम्मत किए बगैर 40 हजार रुपए की अवैध रूप से निकासी कर ली गई थी. मामले में प्रमुख मुश्ताक अंसारी और उप प्रमुख सरिता साव ने बीडीओ को आवेदन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की थी. मामले में मेठ, रोजगार सेवक, मुखिया, बीपीओ आदि को दोषी मानते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी.

बता दें कि बगोदर प्रखंड के तिरला पंचायत में मनरेगा एक्ट के तहत मिट्टी- मोरम से सड़क की मरमम्त की स्वीकृति मिली है.

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मगर निर्माण कार्य में सिर्फ खानापूर्ति की गई है. सड़क की मिट्टी को हीं खोदकर उसमें थोड़ी बहुत डाल दी गई है. मोरम का तो नामोनिशान नहीं है.

इधर इस संबंध में बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि मामले में जांचोपरांत कार्रवाई की गई है. मामले में रोजगार सेवक दोषी पाया गया है. फिलहाल उसे बर्खास्त कर दिया गया है.

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