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बच्चों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़! स्कूल बसों को जांचने निकली प्रशासन की टीम रह गई हैरान

जिन बसों में बैठकर हमारे और आपके बच्चे स्कूल जाते हैं, उनकी हालत बिल्कुल भी बेहतर नहीं है. ऐसी बसें कई तरह की त्रुटियों को नजरअंदाज कर चलाई जा रही हैं. गिरिडीह डीसी और एसपी के निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी और मोटरयान निरीक्षक ने शहर में चलने वाली स्कूल बसों की जांच की. Inspection of school vehicles in Giridih

Inspection of school vehicles in Giridih
Inspection of school vehicles in Giridih
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 6, 2023, 7:48 PM IST

वाहनों की जांच के बारे में जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: जिले में स्कूल बसों के संचालन में लापरवाही बरती जा रही है. जिससे बच्चों की जान पर खतरा मंडराता रहता है. इस लापवाही के कारण बस हादसे का शिकार हो सकती है. यही नहीं हादसा होने के बाद उसमें बैठे बच्चों को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है. स्कूल बसों में ये लापरवाही अब उजागर हो रही है.

स्कूल बसों की जांच के लिए जब डीसी-एसपी की टीम जांच करने निकली तो कई बसों के टायर घिसे हुए मिले. वहीं मौके पर कई बसों के कागजात ही नहीं मिले. एक स्कूल बस का बीमा भी ऑनलाइन चेक करने पर फेल मिला. इसी तरह एक बस में इमरजेंसी गेट नहीं था, जबकि एक-दो बसों में इमरजेंसी गेट के सामने सीट लगा दी गयी थी. ये सभी बसें जिले के मशहूर स्कूल बद्री नारायण शाहा डीएवी स्कूल (बीएनएस डीएवी) की हैं.

यह भी पढ़ें: रांची में वाहन चेकिंग अभियान, अवैध रूप से गाड़ियों के परिचालन पर वसूला गया जुर्माना

सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां के बसों के ड्राइवरों को यह नहीं पता कि बस का इमरजेंसी गेट कैसे खोला जाए. उन्हें यह भी नहीं पता कि बस में रखे अग्नि सुरक्षा उपकरणों का उपयोग कैसे करना है. यह सारी गड़बड़ियां शुक्रवार को जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी के नेतृत्व वाली टीम को उस वक्त देखने को मिली जब वे विशेष जांच करने स्कूल में पहुंचे थे.

बराकर नदी हादसे के बाद प्रशासन की बढ़ी सख्ती: दरअसल, बराकर नदी हादसे के बाद डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बसों के कागजात की जांच में सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. डीसी ने परिवहन विभाग और एसपी ने ट्रैफिक थाने को आवश्यक निर्देश दिये हैं. इन निर्देशों पर कार्रवाई भी शुरू हो गयी. डीटीओ शैलेश प्रियदर्शी के नेतृत्व में वाहनों की लगातार जांच की जा रही है.

इस दौरान डीसी और एसपी ने स्कूली वाहनों की जांच करने का भी निर्देश दिया. इसी निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी अपने साथ मोटरयान निरीक्षक रंजीत कुमार मरांडी के साथ बीएनएस डीएवी पहुंचे. यहां एक-एक कर सभी बसों के दस्तावेजों की जांच की गई. इसमें एक बस का बीमा फेल पाया गया.

सीट से गद्दा गायब, इमरजेंसी गेट में भी गड़बड़ी: यहां डीटीओ प्रियदर्शी ने प्रत्येक बस के अंदर और बाहर जांच की. अंदर जाकर डीटीओ ने बस की सीट, फायर सेफ्टी, इमरजेंसी गेट और फर्स्ट एड बॉक्स की जांच की. यहां जांच के दौरान यह साफ हो गया कि एक बस के अंदर दो-तीन सीटों पर गद्दे ही नहीं थे और जिस बस में गद्दे नहीं मिले, उसमें इमरजेंसी गेट भी नहीं था. बस ड्राइवर और खलासी को नहीं पता कि बस का आपातकालीन दरवाजा खोला कैसे जाएगा. एक बस के अंदर फर्स्ट एड बॉक्स में रखी कुछ दवाएं भी एक्सपायर्ड पाई गईं.

डीटीओ ने जताई नाराजगी, कार्रवाई के दिए संकेत: यहां पड़ताल के बाद ईटीवी भारत ने डीटीओ से बात की. डीटीओ ने बताया कि कुछ त्रुटियां मिली हैं. टायर घिसे हुए मिले. कुछ सीटों पर गद्दे नहीं मिले. ड्राइवर को इमरजेंसी गेट के बारे में भी जानकारी नहीं है. वाहन के बीमा में त्रुटियाँ दिख रही हैं. सभी तरह की जांच की गई है. आगे पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी को दी जायेगी और आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

वाहनों की जांच के बारे में जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: जिले में स्कूल बसों के संचालन में लापरवाही बरती जा रही है. जिससे बच्चों की जान पर खतरा मंडराता रहता है. इस लापवाही के कारण बस हादसे का शिकार हो सकती है. यही नहीं हादसा होने के बाद उसमें बैठे बच्चों को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है. स्कूल बसों में ये लापरवाही अब उजागर हो रही है.

स्कूल बसों की जांच के लिए जब डीसी-एसपी की टीम जांच करने निकली तो कई बसों के टायर घिसे हुए मिले. वहीं मौके पर कई बसों के कागजात ही नहीं मिले. एक स्कूल बस का बीमा भी ऑनलाइन चेक करने पर फेल मिला. इसी तरह एक बस में इमरजेंसी गेट नहीं था, जबकि एक-दो बसों में इमरजेंसी गेट के सामने सीट लगा दी गयी थी. ये सभी बसें जिले के मशहूर स्कूल बद्री नारायण शाहा डीएवी स्कूल (बीएनएस डीएवी) की हैं.

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सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां के बसों के ड्राइवरों को यह नहीं पता कि बस का इमरजेंसी गेट कैसे खोला जाए. उन्हें यह भी नहीं पता कि बस में रखे अग्नि सुरक्षा उपकरणों का उपयोग कैसे करना है. यह सारी गड़बड़ियां शुक्रवार को जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी के नेतृत्व वाली टीम को उस वक्त देखने को मिली जब वे विशेष जांच करने स्कूल में पहुंचे थे.

बराकर नदी हादसे के बाद प्रशासन की बढ़ी सख्ती: दरअसल, बराकर नदी हादसे के बाद डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बसों के कागजात की जांच में सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. डीसी ने परिवहन विभाग और एसपी ने ट्रैफिक थाने को आवश्यक निर्देश दिये हैं. इन निर्देशों पर कार्रवाई भी शुरू हो गयी. डीटीओ शैलेश प्रियदर्शी के नेतृत्व में वाहनों की लगातार जांच की जा रही है.

इस दौरान डीसी और एसपी ने स्कूली वाहनों की जांच करने का भी निर्देश दिया. इसी निर्देश पर जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी अपने साथ मोटरयान निरीक्षक रंजीत कुमार मरांडी के साथ बीएनएस डीएवी पहुंचे. यहां एक-एक कर सभी बसों के दस्तावेजों की जांच की गई. इसमें एक बस का बीमा फेल पाया गया.

सीट से गद्दा गायब, इमरजेंसी गेट में भी गड़बड़ी: यहां डीटीओ प्रियदर्शी ने प्रत्येक बस के अंदर और बाहर जांच की. अंदर जाकर डीटीओ ने बस की सीट, फायर सेफ्टी, इमरजेंसी गेट और फर्स्ट एड बॉक्स की जांच की. यहां जांच के दौरान यह साफ हो गया कि एक बस के अंदर दो-तीन सीटों पर गद्दे ही नहीं थे और जिस बस में गद्दे नहीं मिले, उसमें इमरजेंसी गेट भी नहीं था. बस ड्राइवर और खलासी को नहीं पता कि बस का आपातकालीन दरवाजा खोला कैसे जाएगा. एक बस के अंदर फर्स्ट एड बॉक्स में रखी कुछ दवाएं भी एक्सपायर्ड पाई गईं.

डीटीओ ने जताई नाराजगी, कार्रवाई के दिए संकेत: यहां पड़ताल के बाद ईटीवी भारत ने डीटीओ से बात की. डीटीओ ने बताया कि कुछ त्रुटियां मिली हैं. टायर घिसे हुए मिले. कुछ सीटों पर गद्दे नहीं मिले. ड्राइवर को इमरजेंसी गेट के बारे में भी जानकारी नहीं है. वाहन के बीमा में त्रुटियाँ दिख रही हैं. सभी तरह की जांच की गई है. आगे पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी को दी जायेगी और आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

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