गिरिडीह: जिले में चार साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म कर हत्या के मामले में शनिवार को अदालत ने दोषी युवक को फांसी की सजा सुनाई, जबकि आरोपी के पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने शनिवार को सुनाई है.
दुष्कर्म और हत्या का खुलासा
इस संबंध में 27 मार्च 2018 को धनवार (परसन) थाना कांड संख्या 98/18 में धारा 364/34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले का अनुसंधानकर्ता दिनेश्वर कुमार थे. प्राथमिकी में आरोपी और उसके पिता को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. चार साल की बच्ची के पिता के बयान पर मामला दर्ज किया गया था. अनुसंधान में इस मामले में दुष्कर्म और हत्या का खुलासा हुआ है. फर्द बयान में कहा गया था कि शिकायतकर्ता की तीन बेटी है. बड़ी बेटी 8 साल, दूसरी बेटी 6 साल और तिसरी बेटी 4 साल की है.
26 मार्च 2018 को तीनों बेटी गांव में ही स्कूल के पास रामनवमी के अवसर पर शाम को पाठा की बलि पड़ी थी. उसका मीट लाने गई थी. शाम सात बजे के आस-पास उनकी दो बेटी घर वापस आ गई, जबकि छोटी बेटी उसके साथ नहीं थी. पूछताछ करने पर पता चला कि उसी के गांव के एक व्यक्ति ने उसे अपनी गोद में उठा लिए थे और बोले कि घर पहुंचा देगें.
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मधु ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा
इसके बाद वे अपनी बेटी को घर से निकलकर गांव में काफी खोजबीन किए, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. जब वे आरोपी को खोजे गया तो वह भी घर पर नहीं था. प्राथमिकी में बताया गया था कि उसका पूर्व से ही आरोपी के पिता से विवाद चल रहा था. इस वजह से उसकी बेटी का अपहरण कर लिया गया. इस मामले में अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा और उसके पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.