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गिरिडीह: चार साल की बच्ची का अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा - गिरिडीह में 4 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म

गिरिडीह में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या के मामले में न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है, साथ ही आरोपी के पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

अपहरण, दुष्कर्म कर हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा
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Published : Sep 21, 2019, 11:33 PM IST

गिरिडीह: जिले में चार साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म कर हत्या के मामले में शनिवार को अदालत ने दोषी युवक को फांसी की सजा सुनाई, जबकि आरोपी के पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने शनिवार को सुनाई है.

देखें पूरी खबर

दुष्कर्म और हत्या का खुलासा

इस संबंध में 27 मार्च 2018 को धनवार (परसन) थाना कांड संख्या 98/18 में धारा 364/34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले का अनुसंधानकर्ता दिनेश्वर कुमार थे. प्राथमिकी में आरोपी और उसके पिता को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. चार साल की बच्ची के पिता के बयान पर मामला दर्ज किया गया था. अनुसंधान में इस मामले में दुष्कर्म और हत्या का खुलासा हुआ है. फर्द बयान में कहा गया था कि शिकायतकर्ता की तीन बेटी है. बड़ी बेटी 8 साल, दूसरी बेटी 6 साल और तिसरी बेटी 4 साल की है.

26 मार्च 2018 को तीनों बेटी गांव में ही स्कूल के पास रामनवमी के अवसर पर शाम को पाठा की बलि पड़ी थी. उसका मीट लाने गई थी. शाम सात बजे के आस-पास उनकी दो बेटी घर वापस आ गई, जबकि छोटी बेटी उसके साथ नहीं थी. पूछताछ करने पर पता चला कि उसी के गांव के एक व्यक्ति ने उसे अपनी गोद में उठा लिए थे और बोले कि घर पहुंचा देगें.

ये भी पढ़ें-बिजली कटौती से कपड़ा व्यवसायी परेशान, 9 अक्टूबर तक समाधान नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

मधु ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा

इसके बाद वे अपनी बेटी को घर से निकलकर गांव में काफी खोजबीन किए, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. जब वे आरोपी को खोजे गया तो वह भी घर पर नहीं था. प्राथमिकी में बताया गया था कि उसका पूर्व से ही आरोपी के पिता से विवाद चल रहा था. इस वजह से उसकी बेटी का अपहरण कर लिया गया. इस मामले में अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा और उसके पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

गिरिडीह: जिले में चार साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म कर हत्या के मामले में शनिवार को अदालत ने दोषी युवक को फांसी की सजा सुनाई, जबकि आरोपी के पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने शनिवार को सुनाई है.

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दुष्कर्म और हत्या का खुलासा

इस संबंध में 27 मार्च 2018 को धनवार (परसन) थाना कांड संख्या 98/18 में धारा 364/34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले का अनुसंधानकर्ता दिनेश्वर कुमार थे. प्राथमिकी में आरोपी और उसके पिता को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. चार साल की बच्ची के पिता के बयान पर मामला दर्ज किया गया था. अनुसंधान में इस मामले में दुष्कर्म और हत्या का खुलासा हुआ है. फर्द बयान में कहा गया था कि शिकायतकर्ता की तीन बेटी है. बड़ी बेटी 8 साल, दूसरी बेटी 6 साल और तिसरी बेटी 4 साल की है.

26 मार्च 2018 को तीनों बेटी गांव में ही स्कूल के पास रामनवमी के अवसर पर शाम को पाठा की बलि पड़ी थी. उसका मीट लाने गई थी. शाम सात बजे के आस-पास उनकी दो बेटी घर वापस आ गई, जबकि छोटी बेटी उसके साथ नहीं थी. पूछताछ करने पर पता चला कि उसी के गांव के एक व्यक्ति ने उसे अपनी गोद में उठा लिए थे और बोले कि घर पहुंचा देगें.

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मधु ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा

इसके बाद वे अपनी बेटी को घर से निकलकर गांव में काफी खोजबीन किए, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. जब वे आरोपी को खोजे गया तो वह भी घर पर नहीं था. प्राथमिकी में बताया गया था कि उसका पूर्व से ही आरोपी के पिता से विवाद चल रहा था. इस वजह से उसकी बेटी का अपहरण कर लिया गया. इस मामले में अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा और उसके पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Intro:गिरिडीह। चार वर्ष की बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म कर हत्या के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने दोषी पाए युवक को फांसी की सजा सुनाई है. जबकि दोषी युवक के पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह सजा अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत ने शनिवार को सुनाई है. अदालत ने धनवार के परसन ओपी क्षेत्र के परसन निवासी रामचंद्र ठाकुर को फांसी की तो रामचंद्र के पिता मधु ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.Body:इस संबंध में धनवार (परसन) थाना कांड संख्या - 98/18 दिनांक - 27 मार्च 2018 को धारा 364/34 भादवि के तहत दर्ज किया गया था। इस मामले का अनुसंधानकर्ता पुअनि दिनेश्वर कुमार थे। प्राथमिकी में रामंचद्र ठाकुर एवं उसके पिता मधु ठाकुर को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। प्राथमिकी चार साल की बच्ची के पिता के फर्द बयान पर दर्ज किया गया था। मामले के अनुसंधान में इस मामले में दुष्कर्म व हत्या का खुलासा हुआ। फर्द बयान में कहा गया था कि उनकी तीन बेटी है। बड़ी बेटी 8 साल, दूसरी बेटी 6 साल व तिसरी बेटी 4 साल की है। 26 मार्च 2018 को तीनों बेटी गांव में ही स्कूल के पास शाम को पाठ का बलि रामनवमी के अवसर पर पड़ा था उसका मीट लाने गयी थी। शाम सात बजे के आस-पास उनकी दो बेटी घर वापस आ गयी जबकि छोटी बेटी उन लोगों के साथ नहीं थी। पूछताछ करने पर बताया कि गांव के ही रामचंद्र ठाकुर अपनी गोद में उठा लिए थे और बोले कि घर पहुंचा देगें। Conclusion:इसके बाद वे अपनी बेटी को घर से निकलकर गांव में काफी खोजबीन किया परंतु वह नहीं मिली। उसके साथ गांव के काफी लोग रात में उसकी बेटी को खोजे परंतु वह नहीं मिली। रामचंद्र ठाकुर भी घर पर नहीं था। प्राथमिकी में कहा गया था कि उसका पूर्व से रामचंद्र ठाकुर के पिता मधु ठाकुर से विवाद चल रहा है। उसकी कारण से उसकी बेटी का अपहरण रामचंद्र ठाकुर एवं मधु ठाकुर ने कर लिया हैं। प्राथमिकी में कहा गया था कि उसे पूर्ण विश्वास है कि दोंनों ने मिलकर उनकी बेटी का अपहरण कर हत्या कर दिया है।

बाइट: अजय कुमार साव, अपर लोक अभियोजक
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