गिरिडीह: बिजली को लेकर सीसीएल भविष्य की तैयारी शुरू कर चुकी है. सीसीएल क्षेत्र की बिजली समस्या का पूर्णतः निदान के लिए सोलर प्लांट लगा रही है. शुरुआत में 4 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. धीरे-धीरे गिरिडीह कोलियरी क्षेत्र से 40-50 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. वर्तमान में 4 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए कोयलांचल के जोकटियाबाद में कार्य प्रारंभ किया गया है.
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जोकटियाबाद में 10 हेक्टेयर जमीन पर 29 करोड़ की लागत से सोलर प्लांट लगेगा. इस स्थल का निरीक्षण पिछले दिनों गिरिडीह पहुंचे सीएमड़ी बी वीरा रेड्डी ने भी किया था. अब जब वर्कआर्डर मिला तो जमीन समतल करने का कार्य भी शुरू हुआ. ऐसे में सीसीएल गिरिडीह एरिया के महाप्रबंधक बासब चौधरी, परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार सिंह, ईएंडएम के एसओपी एनके सिंह ने निरीक्षण भी किया.
बताया जाता है कि सोलर एनर्जी की दिशा में काम कर रहा कोयला मंत्रालय इस वित्तीय वर्ष में तीन हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन सौर उर्जा से करेगा. प्रदूषण रहित बिजली उत्पादन और अपनी वार्षिक उर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए गिरिडीह में इस परियोजना को शुरू किया गया है.
खत्म हो रहा है कोयला स्टॉक, सौर उर्जा जरूरी-जीएम: सीसीएल गिरिडीह एरिया के महाप्रबंधक बासब चौधरी ने कहा कि गिरिडीह कोलियरी कोयला का स्टॉक 7-8 वर्ष में खत्म हो जाएगा. इसके बाद बिजली के लिए सौर उर्जा पर निर्भरता बढ़ेगी. अभी चार मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जा रहा है. आने वाले समय में दस मेगावाट का और सोलर प्लांट लगाया जाएगा. वहीं भविष्य में 40 से 50 मेगावाट सोलर प्लांट की योजना पर काम किया जा रहा है. यहां से गिरिडीह कोलियरी को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति होगी.
सोलर एनर्जी बड़ा सहारा-पीओ: परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने कहा कि जोकटियाबाद में जिस परियोजना को शुरू किया गया है. वह 25 साल का है. सोलर प्लांट निर्माण का जिम्मा एपीएम प्रोजेक्ट प्रा. लि को मिला है. पांच साल तक कंपनी को मैंटेनेंस और ऑपरेशन करना है.