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Clarification on Adani case: अडानी प्रकरण में बीमा कर्मचारी संघ का बयान, कहा- निगम को नहीं हुआ कुछ भी नुकसान

जब से अडानी का प्रकरण उछला है, तभी से एलआईसी और एसबीआई को लेकर तरह-तरह की बातें चर्चा में हैं. इन सभी के बीच अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ ने बयान जारी कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि एलआईसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है. एलआईसी में सभी बीमा धारकों का निवेश पूरी तरह सुरक्षित है.

Clarification on Adani case
प्रेस वार्ता में बीमा कर्मचारी संघ
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Published : Feb 15, 2023, 3:46 PM IST

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गिरिडीह: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी के विभिन्न कंपनियों के शेयर का भाव गिर गया. ऐसे में यह चर्चा है कि इससे एलआईसी के साथ-साथ भारतीय स्टेट बैंक के निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन बातों के बीच बुधवार को भारतीय जीवन बीमा निगम गिरिडीह शाखा के तमाम यूनियन ने प्रेस वार्ता कर अपनी बातों को मीडिया के समक्ष रखा है.

ये भी पढ़ें: Congress Protest in Ranchi: अडानी प्रकरण, कांग्रेस का एसबीआई एलआईसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ ने कहा कि एलआईसी में निवेशकों का पैसा डूब जाने की बात बिल्कुल निराधार और गलत है. एलआईसी में सभी बीमा धारकों का पैसा सुरक्षित है. धर्म प्रकाश ने बताया कि 5 करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर एलआईसी ने 67 वर्षों में 42 लाख करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित की है. चालू वित्तीय वर्ष में 31 जनवरी 2023 तक एलआईसी ने प्रथम प्रीमियम आय 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपये अर्जित कर पिछले वर्ष की तुलना में 37.68% वृद्धि दर्ज किया और 1 लाख 48 हजार पॉलिसी का नव व्यवसाय कर 70.68% मार्केट शेयर हासिल किया. चालू वित्तीय वर्ष के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपये कुल प्रीमियम आय और 8334 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया.

एलआईसी में अडानी ग्रुप के कंपनियों ने 36,474 करोड़ रुपये निवेश किया, जो वर्तमान समय में बढ़कर लगभग 57000 करोड़ रुपये हो गया था. आज भी एलआईसी को इन शेयरों में लाभ हो रहा है. एलआईसी प्रतिवर्ष 4.50 से 5 लाख करोड़ रूपया सरप्लस अर्जित करती है. सरप्लस का 80% सरकारी प्रतिभूतियों और 20% शेयर बाजार में निवेश किया जाता है यानि कि एलआईसी प्रतिवर्ष 90000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपये शेयर बाजार में निवेश करती है. इतना ही नहीं एलआईसी में बीमा धारकों के बीमा धन की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा ली जाती है. ऐसे में यह कहना कि 'एलआईसी में निवेशकों का पैसा डूब जाएगा' निराधार और हास्यास्पद है.

संघ ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा एलआईसी का 3.50 प्रतिशत पूंजी को विनिवेश कर 22000 करोड़ रुपये की उगाही की गई, जो अनावश्यक है और बीमाधारकों की हितों के खिलाफ है. इसलिए अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ सरकार के इस कृत्य का पुरजोर विरोध कर रही है और आंदोलनरत है. कहा कि अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ सरकारी उपक्रमों के विनिवेशीकरण के खिलाफ है. जिस प्रकार देश की परिसंपत्तियों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपा जा रहा है, वह देश के लिए खतरनाक है.

प्रेस वार्ता में बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश तथा सहायक सचिव अनुराग मुर्मू, एलआइसी क्लास वन ऑफिसर फेडरेशन के सचिव शंकर कुमार, विकास अधिकारी संघ के सचिव विक्रम कुमार और अभिकर्ता संघ लियाफी के मंडलीय संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार साव, संयुक्त सचिव विजय कुमार ने भाग लिया.

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गिरिडीह: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी के विभिन्न कंपनियों के शेयर का भाव गिर गया. ऐसे में यह चर्चा है कि इससे एलआईसी के साथ-साथ भारतीय स्टेट बैंक के निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन बातों के बीच बुधवार को भारतीय जीवन बीमा निगम गिरिडीह शाखा के तमाम यूनियन ने प्रेस वार्ता कर अपनी बातों को मीडिया के समक्ष रखा है.

ये भी पढ़ें: Congress Protest in Ranchi: अडानी प्रकरण, कांग्रेस का एसबीआई एलआईसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ ने कहा कि एलआईसी में निवेशकों का पैसा डूब जाने की बात बिल्कुल निराधार और गलत है. एलआईसी में सभी बीमा धारकों का पैसा सुरक्षित है. धर्म प्रकाश ने बताया कि 5 करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर एलआईसी ने 67 वर्षों में 42 लाख करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित की है. चालू वित्तीय वर्ष में 31 जनवरी 2023 तक एलआईसी ने प्रथम प्रीमियम आय 2 लाख 95 हजार करोड़ रुपये अर्जित कर पिछले वर्ष की तुलना में 37.68% वृद्धि दर्ज किया और 1 लाख 48 हजार पॉलिसी का नव व्यवसाय कर 70.68% मार्केट शेयर हासिल किया. चालू वित्तीय वर्ष के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपये कुल प्रीमियम आय और 8334 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया.

एलआईसी में अडानी ग्रुप के कंपनियों ने 36,474 करोड़ रुपये निवेश किया, जो वर्तमान समय में बढ़कर लगभग 57000 करोड़ रुपये हो गया था. आज भी एलआईसी को इन शेयरों में लाभ हो रहा है. एलआईसी प्रतिवर्ष 4.50 से 5 लाख करोड़ रूपया सरप्लस अर्जित करती है. सरप्लस का 80% सरकारी प्रतिभूतियों और 20% शेयर बाजार में निवेश किया जाता है यानि कि एलआईसी प्रतिवर्ष 90000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपये शेयर बाजार में निवेश करती है. इतना ही नहीं एलआईसी में बीमा धारकों के बीमा धन की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा ली जाती है. ऐसे में यह कहना कि 'एलआईसी में निवेशकों का पैसा डूब जाएगा' निराधार और हास्यास्पद है.

संघ ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा एलआईसी का 3.50 प्रतिशत पूंजी को विनिवेश कर 22000 करोड़ रुपये की उगाही की गई, जो अनावश्यक है और बीमाधारकों की हितों के खिलाफ है. इसलिए अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ सरकार के इस कृत्य का पुरजोर विरोध कर रही है और आंदोलनरत है. कहा कि अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ सरकारी उपक्रमों के विनिवेशीकरण के खिलाफ है. जिस प्रकार देश की परिसंपत्तियों को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपा जा रहा है, वह देश के लिए खतरनाक है.

प्रेस वार्ता में बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश तथा सहायक सचिव अनुराग मुर्मू, एलआइसी क्लास वन ऑफिसर फेडरेशन के सचिव शंकर कुमार, विकास अधिकारी संघ के सचिव विक्रम कुमार और अभिकर्ता संघ लियाफी के मंडलीय संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार साव, संयुक्त सचिव विजय कुमार ने भाग लिया.

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