गिरिडीह: छुछन्दरी नदी की जमीन पर हुए अतिक्रमण को मुक्त करवाने का कार्य सदर अंचल ने शुरू किया. बक्सीडीह में नदी पर हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई चल रही है. शुक्रवार को अंचलाधिकारी और अन्य कर्मियों के साथ पचम्बा थाना पुलिस भी मौजूद है. अंचलाधिकारी मो. असलम की मौजूदगी में जमीन की नापी की जा रही है. नापी के साथ साथ जमीन को चिन्हित करते हुए पीलर गाड़ने का काम किया जा रहा है.
इससे पहले गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर दो दंडाधिकारी, सरकारी अमीन व राजस्व कर्मचारी के साथ अंचलाधिकारी पहुंचे. यहां नदी के जमीन का सीमांकित करने का काम शुरू किया गया. अंचलाधिकारी मो असलम ने बताया कि नदी-नाले का अतिक्रमण मुक्त करवाने का यह कार्य लगातार चलेगा.
क्या है मामला: दरअसल, सदर अंचल के बक्सीडीह मौजा अंतर्गत प्लॉट नंबर 262 का रकवा 16.15 एकड़ एवं प्लॉट नंबर 790 का रकवा 3.92 एकड़ गैरमजरुआ आम किस्म नदी है. इस जमीन का वर्षों से अतिक्रमण होता रहा है. इस अतिक्रमण के खिलाफ स्थानीय लोगों ने अंचल से लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की थी. शिकायत था कि जमीन माफियाओं ने नदी का न सिर्फ अतिक्रमण किया बल्कि इसकी बिक्री भी कर दी है.
मामला नदी के अतिक्रमण से जुडा था ऐसे में जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी को आवश्यकता निर्देश दिया. इस निर्देश के आलोक में नापी के लिए तिथि तय हुई और गुरुवार से नापी का काम शुरू हुआ. इस दौरान अंचलनिरीक्षक सह दंडाधिकारी कृपा शंभू शरण, दिनेश लाल दास, वार्ड पार्षद रामचंद्र दास, अमीन अजय कुमार यादव, प्रदीप राय, डुमरचंद, राजस्व कर्मचारी त्रिभुवन यादव, दिनदयाल दास, शंभू विश्वकर्मा, गौतम समेत कई कर्मी मौजूद थे. जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष बिनोद राणा ने कहा कि नदी की जमीन को चिन्हित करने की जरूरत है. इससे कई तरह के विवाद का समाधान होगा.
सवाल, मधुबन में कब होगी कार्रवाई: इधर शहरी इलाके में नदी को अतिक्रमण मुक्त करवाने का काम शुरू कर दिया गया है लेकिन लोगों का सवाल है कि इस तरह की मापी मधुबन व बंदरकुप्पी में कब होगी. लोगों का कहना है कि जैन तीर्थंस्थल मधुबन में नाले का स्वरूप बदल कर निर्माण हुआ है. कुछ लोगों ने नाले को न सिर्फ बदला बल्कि प्लॉटिंग भी कर दी. लोग अब इस स्थान पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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