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गढ़वा में छोड़े जा रहे झारखंड के अन्य जिलों के मजदूर, बेबसी में भटक रहे इधर से उधर

अन्य राज्यों से झारखंड आने वाले मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बजाय गढ़वा में ही छोड़ दिया जा रहा है. इसमें शामिल झारखंड के कई जिले के मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए बेबस होकर गढ़वा की सड़कों पर इधर से उधर भटक रहे हैं.

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झारखंड के प्रवासी मजदूर
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Published : May 13, 2020, 11:56 AM IST

गढ़वा: तीन राज्यों की सीमा से जुड़े गढ़वा जिला पर कोरोना संक्रमण का सीधा हमला हो रहा है. अन्य राज्यों से झारखंड आने वाले मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बजाय गढ़वा में ही छोड़ दिया जा रहा है. इसमें शामिल झारखंड के कई जिले के मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए बेबस होकर गढ़वा की सड़कों पर इधर से उधर घूम रहे हैं. वहीं गढ़वा के लोग उनके जरिए कोरोना संक्रमण फैल जाने से डर हुए हैं.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग के 55-56 मजदूर
झारखंड का गढ़वा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार की सीमावर्ती जिला है, जहां इस रास्ते इन राज्यों के अलावे मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा के भी मजदूर आ रहे हैं. वहां से चले वाहन गढ़वा में ही मजदूरों को छोड़कर निकल जा रहे हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश के इटावा प्रशासन ने हजारीबाग के 55-56 मजदूरों को बस से भेजा था.

ये भी पढ़ें- इस गांव में 3 साल से लगातार खोदा जा रहा एक ही कुआं, सरकार भी दे रही हर साल पैसे

झारखंड की सीमा पर छोड़ा

बस ने उन्हें झारखंड की सीमा में प्रवेश कर नगर उंटारी में छोड़ दिया. वहां मजदूरों का थर्मल स्कैनिंग किया गया. वहां से मजदूर किसी तरह गढ़वा पहुंचे और हजारीबाग जाने के लिए परेशान हो गए. वे 36 घंटे तक इधर-उधर घूमते रहे. कोई उपाय नहीं सूझा तो नामधारी कॉलेज में बने अस्थायी कैंप में पहुंचे. जहां उन्हें भोजन दिया और हजारीबाग भेजने का प्रयास शुरू किया गया.

ये भी पढ़ें- फिया फाउंडेशन ने दिए 1.56 करोड़ के सुरक्षा किट, सीएम हेमंत सोरेन को किया हैंड ओवर



36 घंटे से परेशान
हजारीबाग के मजदूर बालेश्वर महतो ने कहा कि नगर उंटारी में चेकअप कराने के बाद 36 घंटे से परेशान हैं. इटावा प्रशासन ने जिस बस से उन्हें भेज था वह गढ़वा से पहले ही छोड़कर भाग गई. वे घर कैसे पहुंचे समझ नहीं पा रहे हैं.

गढ़वा: तीन राज्यों की सीमा से जुड़े गढ़वा जिला पर कोरोना संक्रमण का सीधा हमला हो रहा है. अन्य राज्यों से झारखंड आने वाले मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बजाय गढ़वा में ही छोड़ दिया जा रहा है. इसमें शामिल झारखंड के कई जिले के मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए बेबस होकर गढ़वा की सड़कों पर इधर से उधर घूम रहे हैं. वहीं गढ़वा के लोग उनके जरिए कोरोना संक्रमण फैल जाने से डर हुए हैं.

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हजारीबाग के 55-56 मजदूर
झारखंड का गढ़वा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार की सीमावर्ती जिला है, जहां इस रास्ते इन राज्यों के अलावे मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा के भी मजदूर आ रहे हैं. वहां से चले वाहन गढ़वा में ही मजदूरों को छोड़कर निकल जा रहे हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश के इटावा प्रशासन ने हजारीबाग के 55-56 मजदूरों को बस से भेजा था.

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झारखंड की सीमा पर छोड़ा

बस ने उन्हें झारखंड की सीमा में प्रवेश कर नगर उंटारी में छोड़ दिया. वहां मजदूरों का थर्मल स्कैनिंग किया गया. वहां से मजदूर किसी तरह गढ़वा पहुंचे और हजारीबाग जाने के लिए परेशान हो गए. वे 36 घंटे तक इधर-उधर घूमते रहे. कोई उपाय नहीं सूझा तो नामधारी कॉलेज में बने अस्थायी कैंप में पहुंचे. जहां उन्हें भोजन दिया और हजारीबाग भेजने का प्रयास शुरू किया गया.

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36 घंटे से परेशान
हजारीबाग के मजदूर बालेश्वर महतो ने कहा कि नगर उंटारी में चेकअप कराने के बाद 36 घंटे से परेशान हैं. इटावा प्रशासन ने जिस बस से उन्हें भेज था वह गढ़वा से पहले ही छोड़कर भाग गई. वे घर कैसे पहुंचे समझ नहीं पा रहे हैं.

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