गढ़वा: झारखंड सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों को अपनी सुविधा से वापस लाना शुरू कर दिया है. कई मजदूरों को ये जानकारी नहीं है. इसी तरह तेलंगाना में फंसे 100 मजदूरों के एक समूह ने ईटीवी भारत की टीम से संपर्क किया. ईटीवी भारत की टीम ने मजदूरों की बात पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर से करवाई. मंत्री ने उन्हें झारखंड सरकार के वेब लिंक पर फॉर्म भरने की जानकारी दी. मंत्री ने दो दिनों के बाद उनके लिए वाहन भेजने का आश्वासन दिया.
बता दें कि तेलंगाना राज्य के रंगारेड्डी जिला के नरसिंह थाना के कोकटेप गांव में कॉमर्शियल बिल्डिंग कंपनी राजा पुष्पा में काम करने वाले गढ़वा के करीब 100 मजदूर लॉकडाउन में फंसे हुए हैं. अब ठेकेदार ने उन्हें खाना देना भी बंद कर दिया है. सरकारी भोजन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है. ईटीवी भारत ने उन्हें स्थानीय पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी ताकि लोकल प्रशासन उनकी मदद कर सके.
पुलिस ने किया मना
पुलिस ने उन्हें व्यवस्था देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही कहा कि वे उन्हें पास दे सकते हैं, जिसके बाद मजदूर प्राइवेट वाहन व्यवस्था कर घर जा सकते हैं. महदूरों की टोली का नायक महेंद्र शर्मा ने ईटीवी को फोन पर बताया कि प्राइवेट बस वाला प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपए किराया मांग रहा है. झारखंड सरकार ने जिन पदाधिकारियों का नंबर जारी किया है, उसे कोई उठता ही नहीं है. उनके पास तो अब खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं. बस का किराया कहां से दे पाएंगे.
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इसके बाद ईटीवी भारत ने झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री से बात करायी. मंत्री ने मजदूरों से बात की और सरकार द्वारा जारी इससे संबंधित लिंक पर मौजूद फॉर्म भरने की जानकारी दी. इसके साथ ही कहा कि फॉर्म भरने के दो दिन बाद उनके लिए वाहन की व्यवस्था कर दी जाएगी. मजदूरों ने कहा कि मंत्री के दिए सुझाव पर वे फॉर्म भरने में जुट गए हैं. इससे उनकी पीड़ा कुछ कम हुई है.