गढ़वा: जिला स्वास्थ्य विभाग के लेखा प्रबधंक अरविंद कुमार अकेला की कोविड-19 के कार्य के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गयी. जिसके बाद मृतक के परिजनों को कोविड-19 के तहत घोषित बीमा राशि का भुगतान करने को लेकर एनआरएचएम के कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकाला और इसके माध्यम से स्वास्थ्य विभाग और सरकार को आगाह कराया गया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी. तो पूरे जिले में कार्य का बहिष्कार किया जाएगा.
बीमा राशी का किया जाये भुगतान
बता दें कि गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक स्वास्थ्य विभाग के लगभग सारे कार्य एनआरएचएम के तहत नियुक्त कर्मचारी, पदाधिकारी और आयुष चिकित्सक ही संभाल रहे हैं. कोविड 19 की लड़ाई का बड़ा दायित्व भी इन्ही के उपर है. अपनी जान को जोखिम में डालकर ये लोग छुट्टी में भी अनवरत ड्यूटी कर रहे हैं. इस दौरान 27 मई को जिला लेखा प्रबधंक अरविंद कुमार अकेला की अचानक मौत ही गयी थी. उनकी मौत से जिले में एनआरएचएम के तहत कार्यरत सहिया, नर्स, पारा मेडिकल कर्मचारी, मलेरिया वर्कर्स, लैब टेक्नीशियन, आयुष चिकित्स्क और कई स्तर के पदाधिकारी-कर्मचारी सहित करीब 1700 एनआरएचएम कर्मचारियों को गहरा धक्का लगा था. एनआरएचएम कर्मचारियों ने 28 मई को मृतक के परिजनों को कोविड 19 के तहत घोषित बीमा राशि का भुगतान करने और एक आश्रित को नौकरी देने की मांग को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय से सामने धरना दिया था.
कैंडल मार्च के साथ शुरू हुआ चरणबद्ध आंदोलन
धरना के बाद भी उनकी मांगों पर कोई पहल नहीं होने पर कर्मचारियों ने बैठक कर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया. जिसकी शुरुआत आज कैंडल मार्च से की गई. इसका शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कैंडल जलाकर की. इस दौरान कैडल मार्च सदर अस्पताल से निकलकर रंका मोड़ तक गयी. कर्मचारियों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी. तो वे कार्य बहिष्कार भी कर सकते है.
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ये लोग रहे मौजूद
कैडल मार्च में डॉ जेपी ठाकुर, सुधांशु कुमार,अनिल कुमार, डॉ नीतीश भारती, डॉ अभिनीत विश्वास, डॉ कुलदेव चौधरी, विपिन कुमार, मुकेश ठाकुर, संजय कुमार, सरिता कुमारी, कविता कुमारी सहित करीब 100 लोग शामिल थे.
स्वास्थ्य विभाग के सारे कार्यों किया जाएगा बहिष्कार
डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर एनआरएचएम के सारे कर्मचारी कोविड 19 के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. इसी कार्य के दौरान अरविंद कुमार अकेला की मौत हो गयी थी. उनके परिजन को मुआवजा और एक आश्रित को नौकरी के लिए चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कैंडल मार्च से की गई है. इसके बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गयी. तो कार्य बहिष्कार कर कोविड 19 से लेकर स्वास्थ्य विभाग के सारे कार्य का बहिष्कार किया जाएगा.