गढ़वा: देश में जहां महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं. वहीं जन्म लेने के साथ ही बच्चियों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जन्म लेने के साथ ही बच्चियों को फेंक दिया जाता है. ऐसा ही मामला गढ़वा के कांडी प्रखंड के सरकोनी गांव में देखने को मिला. जहां एक नवजात को अरहर की खेत में जिंदा फेंक दिया गया. रात भर बच्ची खुले आसमान में ठिठुरती तड़पती रही लेकिन किसी को इस बात की खबर नहीं थी.
वहीं, दूसरे दिन पटवन करने बगल के खेत में गए किसानों को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. वे उस ओर भागे-दौड़े गए. जहां एक बच्ची को देखा. कीड़े बच्ची को नोच-नोचकर अपना निवाला बना रहे थे. किसानों ने मुखिया को फोन कर इसकी जानकारी दी.
ये भी पढ़े- रांची के कोतवाली इलाके से गायब मुकेश का पिठोरिया में मिला शव, प्रेम प्रसंग में हत्या की आशंका
मौके पर मुखिया प्रतिनिधि अरुण सिंह पहुंचे. उन्होंने बच्ची को अपने गोद मे लेकर उसे कीड़ों से बचाया और अस्पताल ले जाकर उसका इलाज करवाया. मुखिया प्रतिनिधि अरुण सिंह ने कहा कि उस बच्ची की जान बचा ली गई है. अस्पताल में इलाज के बाद बच्ची अभी स्वस्थ है. मुखिया ने इसकी सूचना प्रशासन को दी है. उसके लालन-पालन के लिए विमर्श किया जा रहा है.