गढ़वा: सदर अस्पताल के प्रसूति विभाग की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रहा है. नर्स के भरोसे संचालित इस विभाग पर घोर लापरवाही बरतते हुए एक नवजात बच्चे को मार डालने का आरोप लगा है. दो दिन पहले भी इसी तरह की लापरवाही दिखा कि एक दलित महिला का इलाज से इनकार कर दिया गया था.
बता दें कि जिला मुख्यालय के साई मुहल्ला निवासी आयूब हाशमी की पत्नी सोनी परवीन को बीती रात प्रसूति के लिए गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती किया गया था. उस समय विभाग में अन्ना, रेशमी और शांति नामक तीन नर्से ही केवल ड्यूटी में थी. रात्रि में ड्यूटी में कोई महिला डॉक्टर नहीं थी. सोनी परवीन ने एक बच्ची को जन्म दिया तो तीनों नर्से खुशनमा के लिए परिजनों को परेशान करने लगी. एक हजार रुपये खुशनमा लेने के बाद सोनी को जेनरल वार्ड में भेज दिया गया. तीन-चार घंटे के बाद नवजात बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी. खुशनमा लेने वाली नर्से, डॉक्टर के पास के जाने के बजाय स्वयं ही इलाज करने लगीं. स्थिति बिगड़ता देख उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इलाज के लिए बाहर जाने के क्रम में बच्ची की मौत हो गई. परिजन अस्पताल के व्यवहार से काफी गुस्से में थे और वे पुनः सदर अस्पताल पहुंच गए और हंगामा करने लगे.
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प्रसूति महिला की सास जूही बीबी ने कहा कि नवजात बच्ची को जानबूझ कर मारा गया है. उसे बाहर इलाज के लिए भेजकर तीनों नर्से फरार हो गई हैं. वहीं सदर अस्पताल की डीएस डॉ रागनी अग्रवाल ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.