गढ़वा: जिला में नेताओं की जुबानी जंग अब कोर्ट के दहलीज तक पहुंच गई है. गढ़वा में अवैध बालू की ढुलाई और टेंडर मैनेज करने के आरोप से मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर इतने नाराज हो गए कि वे सीधे कोर्ट पहुंच गए. जहां उन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया. मंत्री ने अपने उपर लगे सारे अरोपों को सिरे से खारिज किया. वहीं पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज मानहानि है तो वह यह बार-बार करेंगे.
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पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने लगाए थे ये आरोप: पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गढ़वा के झामुमो विधायक सह झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर पर जिले के नदियों से अवैध बालू ढुलाई और उनके भाई पर विभिन्न सरकारी विभागों में टेंडर को मैनेज करने का बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मंत्री जी के नेतृत्व में गढ़वा में गुंडाराज कायम हो गया है. मंत्री जी के कार्यकर्ता लोगों को परेशान कर रहे हैं. पूरा सरकारी तंत्र मंत्री जी से भयभीत है और मंत्री के इशारे पर ही पुलिस और प्रशासन के लोग काम करने के लिए मजबूर हो गए हैं.
मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर का दावा: पूर्व विधायक के आरोपों से मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर नाराज हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने 10 सालों तक यहां का प्रतिनिधित्व किया और जब जनता ने उन्हें नकार दिया है तो वे प्रतिशोध की भावना से राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक ने उनपर और उनके परिवार पर व्यक्तिगत आरोप लगाए हैं. वे जानबूझकर उनकी छवि एवं प्रतिष्ठा को बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं. इसलिए मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर चाहते हैं कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप को कोर्ट में प्रमाणित किया जाए. इसी उद्देश्य के साथ उन्होंने पूर्व विधायक के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है. उधर पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि अपने द्वारा लगाए गए आरोपों पर वह कायम हैं.