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गढ़वाः कोरोना और भूख से लड़ रहे कई मजदूर, सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल पहुंच रहे घर

कोरोना के खौफ के बीच गढ़वा जिले के कई मजदूर 200 किलोमीटर पैदल चलकर गढ़वा पहुंचे. इनके पास न तो पैसे थे और न ही मास्क. उन्होंने कहा कि यहां पहुंचने के बाद उन्हें पुलिस की तरफ से खाना खिलाया गया और मास्क भी दिलवाया गया.

labour, मजदूर
गढ़वा में फंसे मजदूर
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Published : Mar 29, 2020, 11:04 PM IST

गढ़वा: हम भले ही लॉकडाउन के कारण घरों में कैद होकर कोरोना से बच जाने की सुखद अनुभूति कर रहे हैं. लेकिन जरा उनके लिए सोचिए जो निर्माण, व्यवसाय से लेकर मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव साबित होते हैं. वैसे लोग मजदूर कहे जाते हैं. वैसे कुछ लोग फिलवक्त अपने घरों से सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर खूले आसमान में भूखे-प्यासे कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और उससे बचने के लिए दिन-रात सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ मजदूर ओडिशा के राउरकेला से चलकर गढ़वा पहुंचे.

देखें पूरी खबर
दरअसल, ओडिशा के राउरकेला में सरिया सेंटरिंग का काम करने वाले पलामू जिले के जोगा गांव के गिरिवर चौधरी, विकास चौधरी, महेश्वर राम और गढ़वा के गोदरमान के अरुण कुमार को कोरोना महामारी के कारण घर वापस जाने को कह दिया गया था. लॉकडाउन के कारण वहां से आने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं थे. वे वहां से पैदल ही चल दिए. कोरोना के भय से वे तीन दिनों में 200 किलोमीटर पैदल चले, पैसे कम होने के कारण वे बिस्कुट खाकर और केवल पानी पीकर आगे बढ़ते रहे. बीच में कहीं कहीं सवारी मिलती तो उन्हें कुछ राहत मिलती थी.ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन ने की जनप्रतिनिधियों से बात, कहा- हम झारखंडवासी मजबूत इरादों वाले हैं

गढ़वा पहुंचने के बाद उन्हें गढ़वा थाना में खुले सामुदायिक भोजनालय की जानकारी मिली. वहां उनलोंगों ने भरपेट भोजन किया और पुलिस को धन्यवाद दिया. पुलिस ने उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया. मजदूर गिरिवर चौधरी ने कहा कि यहां से भी उन्हें अभी लगभग 40 किलोमीटर पैदल ही घर जाना है. पुलिस ने खाने की अच्छी व्यवस्था की है, हमलोग खाना खाकर संतुष्ट हो गए. वहीं दूसरी ओर गढ़वा में पश्चिम बंगाल के कुछ मजदूर फंसे हैं. वे एसपी से बंगाल भेजने की गुहार कर रहे थे.

गढ़वा: हम भले ही लॉकडाउन के कारण घरों में कैद होकर कोरोना से बच जाने की सुखद अनुभूति कर रहे हैं. लेकिन जरा उनके लिए सोचिए जो निर्माण, व्यवसाय से लेकर मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव साबित होते हैं. वैसे लोग मजदूर कहे जाते हैं. वैसे कुछ लोग फिलवक्त अपने घरों से सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर खूले आसमान में भूखे-प्यासे कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और उससे बचने के लिए दिन-रात सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ मजदूर ओडिशा के राउरकेला से चलकर गढ़वा पहुंचे.

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दरअसल, ओडिशा के राउरकेला में सरिया सेंटरिंग का काम करने वाले पलामू जिले के जोगा गांव के गिरिवर चौधरी, विकास चौधरी, महेश्वर राम और गढ़वा के गोदरमान के अरुण कुमार को कोरोना महामारी के कारण घर वापस जाने को कह दिया गया था. लॉकडाउन के कारण वहां से आने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं थे. वे वहां से पैदल ही चल दिए. कोरोना के भय से वे तीन दिनों में 200 किलोमीटर पैदल चले, पैसे कम होने के कारण वे बिस्कुट खाकर और केवल पानी पीकर आगे बढ़ते रहे. बीच में कहीं कहीं सवारी मिलती तो उन्हें कुछ राहत मिलती थी.ये भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन ने की जनप्रतिनिधियों से बात, कहा- हम झारखंडवासी मजबूत इरादों वाले हैं

गढ़वा पहुंचने के बाद उन्हें गढ़वा थाना में खुले सामुदायिक भोजनालय की जानकारी मिली. वहां उनलोंगों ने भरपेट भोजन किया और पुलिस को धन्यवाद दिया. पुलिस ने उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया. मजदूर गिरिवर चौधरी ने कहा कि यहां से भी उन्हें अभी लगभग 40 किलोमीटर पैदल ही घर जाना है. पुलिस ने खाने की अच्छी व्यवस्था की है, हमलोग खाना खाकर संतुष्ट हो गए. वहीं दूसरी ओर गढ़वा में पश्चिम बंगाल के कुछ मजदूर फंसे हैं. वे एसपी से बंगाल भेजने की गुहार कर रहे थे.

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