गढ़वा: कोरोना महामारी को रोकने के लिए प्रवासियों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में आवश्यक सुविधाओं की कमी देखी जा रही है. जिले के कोरवाडीह पंचायत में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर हॉट स्पॉट बना हुआ है. यहां रखे गए 85 लोगों में से अब तक 18 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. यहां तीन क्वॉरेंटाइन सेंटर हैं. मध्य विद्यालय कोरवाडीह से 18 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावे प्राथमिक विद्यालय टेहड़ापर क्वॉरेंटाइन सेंटर में 26 और प्राथमिक विद्यालय खौराहा टोला में 13 संदिग्ध मिले हैं. सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में क्या व्यवस्था है इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने तीनों क्वॉरेंटाइन सेंटर का दौरा किया.
जिला प्रशासन का स्पष्ट निर्देश है कि रेड जोन या हॉटस्पॉट विशेषकर गुजरात और मुंबई से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सैंपल लेकर क्वॉरेंटाइन करना है, लेकिन खोराहा टोला स्कूल में रखे गए लोग गुजरात से आए हैं, जिनका सैंपल लिया ही नहीं गया और उन्हें सीधे क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. इससे वे न सिर्फ दुखी हैं, बल्कि कोरोना को लेकर भयभीत भी हैं.
मध्य विद्यालय कोरवाडीह में बिजली, शौचालय आदि की व्यवस्था है, लेकिन बिछावन की व्यवस्था नहीं है. प्राथमिक विद्यालय टेहड़ापर स्कूल में गुजरात, मुंबई के 26 लोग हैं. इन सबका सैंपल लिया गया है. वहां बिजली और बिछावन की व्यवस्था नहीं है और केवल दो शौचालय ही उपलब्ध हैं, खाने की भरपूर व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई है. खौराहा टोला प्राथमिक विद्यालय में गुजरात भरूच से 13 लोग आए हुए हैं. इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में बिजली, बिछावन, पानी, शौचालय की व्यवस्था नहीं है, चापाकल के पानी से आयरन की काफी मात्रा निकलती है, लोग घर से पानी मंगाकर पी रहे हैं. स्कूल में गर्मी इतनी है कि लोग पेड़ के नीचे रहने को मजबूर हैं.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुरक्षा की व्यवस्था नहीं
ईटीवी भारत की टीम ने जब सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर का दौरा किया तो दो क्वॉरेंटाइन सेंटर पर सुरक्षा के नाम पर एक चौकीदार भी नहीं दिखा. बावजूद इसके लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर निकल कर अपने घर नहीं जा रहे हैं.
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व्यवस्थाओं का अभाव
टेहड़ापर क्वॉरेटाइन सेंटर में रह रहे नसीम अंसारी ने कहा कि यहां भोजन ठीक मिलता है, लेकिन बिजली नहीं है, लोग घर से बिछावन मंगवाकर सो रहे हैं, शौच करने बाहर जाना पड़ता है. वहीं बौराहा टोला क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे गुजरात भरूच से आए मजदूर प्रेम कुमार चौधरी ने कहा कि गुजरात से आए लोगों का अभी तक सैंपल नहीं लिया गया है, क्वॉरेंटाइन सेंटर में बिजली, पानी, शौचालय, बिछावन की व्यवस्था नहीं है, डॉक्टर भी स्वास्थ्य चेक करने नहीं आते हैं.
कोरवाडीह पंचायत के मुखिया सरीफ अंसारी को तीनों क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था की जिम्मेवारी सौंपी गई है, लेकिन मुखिया कहते हैं कि प्रशासन की ओर से उन्हें मात्र 2 हजार रुपये ही मिले हैं, जबकि वह एक लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर चुके हैं क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी अपने हैं, इनकी सुरक्षा के लिए वह अपनी जमीन भी बेचने के लिए तैयार हैं.