ETV Bharat / state

गढ़वाः भ्रष्ट सिस्टम ने जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित किया, सबूत लेकर चक्कर लगा रहा पीड़ित - जिंदा व्यक्ति को फाइलों में मृत घोषित किया

गढ़वा जिले में सरकारी विभाग का अजब-गजब कारनामा सामने आया है. यहां प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित एक लाभार्थी को फाइलों में मृत घोषित कर दिया गया. पीड़ित रघुवीर चौधरी के अनुशार कमीशन ने देने पर यह सब कुछ किया गया.

जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित किया
जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित किया
author img

By

Published : Dec 18, 2020, 12:08 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 12:47 PM IST

गढ़वाः गरीबों के साथ गजब की विडंबना है. एक ओर जहां सरकार उनके उन्नयन और सुविधा के लिए कई योजनाएं चला रही है वहीं दूसरी ओर उन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधि और सरकारी बाबू गरीबों से मोटी रकम की चाह रखते हैं.

देखें पूरी खबर.

सरकारी योजनाओं में कमीशन नहीं मिलने पर गरीबों को फाइलों में जिंदा ही मार दिया जाता है. इसी तरह की रूह कंपा देने वाली एक घटना गढ़वा में उजागर हुई है.

जहां एक गरीब को प्रधानमंत्री आवास में कमीशन नहीं देने पर फाइलों में मार दिया गया. आवास से वंचित वह गरीब अब आवास की चाहत को छोड़ स्वयं को जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहा है.

बता दें की गढ़वा जिले के डंडई प्रखण्ड अंतर्गत जरही पंचायत के निमिया घाट टोला वार्ड-1में झोपड़ीनुमा आवास में एक गरीब रघुवीर चौधरी अपने परिवार के संग रहते हैं.

प्रधानमंत्री आवास के लिए उनका चयन हुआ था. चयनितों की सूची लेकर वार्ड पार्षद जनधन यादव अपने वार्ड के चयनित व्यक्तियों से आवास के निबंधन के लिए तीन-तीन हजार रुपये वसूलते हुए रघुवीर चौधरी के पास पहुंचता है.

गरीबी का रोना रोते हुए रघुवीर कमीशन देने से इनकार कर देते है. वार्ड पार्षद उनका आवास रद्द कराने की धमकी देता है. उसके बाद आवास वितरण के लिए की गई आमसभा में रघुवीर चौधरी को मृत होने और उसके एक भी उत्तराधिकारी के जीवित नहीं होने का का झूठा प्रमाण प्रस्तुत करता है.

इस तरह सरकारी फाइलों में रघुवीर चौधरी को मार दिया जाता है. टोले के अन्य लोगों का आवास फाइनल होने की जानकारी मिलते ही रघुवीर चौधरी भी आवश्यक कागजात के साथ आवास का निबंधन कराने प्रखंड कार्यालय पहुंचे.

यह भी पढ़ेंः लातेहार में सीआरपीएफ के जवान ने की आत्महत्या, बिहार का था रहने वाला

वहां बैठे बाबुओं ने दफ्तर में पहले से जमा उनके पेपर को देखते ही कहा कि दस्तावेज के अनुसार आप मर चुके हैं और आपका कोई उत्तराधिकारी भी जीवित नहीं है.

जब यह मामला उजागर हुआ तो सरकारी कर्मचारियों और पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया. इस सम्बंध में वार्ड पार्षद से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन वह अपना मोबाइल किसी और को देकर बहाना बनाते रहे.

वहीं पंचायत सेवक फौजदार साहू ने कहा कि गलती से लाभुक का नाम कट गया है. बीडीओ सोमा उरांव ने कहा कि लाभुक का फिर से नाम जोड़ने के लिए जिले में अनुसंशा पत्र भेजा गया है.

वहीं इसकी जानकारी मिलते ही डीसी राजेश पाठक स्वयं जांच टीम के साथ डंडई पहुंच गए. उन्होंने कहा कि अनियमितता की सूचना मिली है. टीम फील्ड में जाकर जांच कर रही है. प्रखण्ड के कर्मचारियों से पूछताछ की गई है. इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे. कड़ी कार्रवाई होगी.

गढ़वाः गरीबों के साथ गजब की विडंबना है. एक ओर जहां सरकार उनके उन्नयन और सुविधा के लिए कई योजनाएं चला रही है वहीं दूसरी ओर उन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधि और सरकारी बाबू गरीबों से मोटी रकम की चाह रखते हैं.

देखें पूरी खबर.

सरकारी योजनाओं में कमीशन नहीं मिलने पर गरीबों को फाइलों में जिंदा ही मार दिया जाता है. इसी तरह की रूह कंपा देने वाली एक घटना गढ़वा में उजागर हुई है.

जहां एक गरीब को प्रधानमंत्री आवास में कमीशन नहीं देने पर फाइलों में मार दिया गया. आवास से वंचित वह गरीब अब आवास की चाहत को छोड़ स्वयं को जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहा है.

बता दें की गढ़वा जिले के डंडई प्रखण्ड अंतर्गत जरही पंचायत के निमिया घाट टोला वार्ड-1में झोपड़ीनुमा आवास में एक गरीब रघुवीर चौधरी अपने परिवार के संग रहते हैं.

प्रधानमंत्री आवास के लिए उनका चयन हुआ था. चयनितों की सूची लेकर वार्ड पार्षद जनधन यादव अपने वार्ड के चयनित व्यक्तियों से आवास के निबंधन के लिए तीन-तीन हजार रुपये वसूलते हुए रघुवीर चौधरी के पास पहुंचता है.

गरीबी का रोना रोते हुए रघुवीर कमीशन देने से इनकार कर देते है. वार्ड पार्षद उनका आवास रद्द कराने की धमकी देता है. उसके बाद आवास वितरण के लिए की गई आमसभा में रघुवीर चौधरी को मृत होने और उसके एक भी उत्तराधिकारी के जीवित नहीं होने का का झूठा प्रमाण प्रस्तुत करता है.

इस तरह सरकारी फाइलों में रघुवीर चौधरी को मार दिया जाता है. टोले के अन्य लोगों का आवास फाइनल होने की जानकारी मिलते ही रघुवीर चौधरी भी आवश्यक कागजात के साथ आवास का निबंधन कराने प्रखंड कार्यालय पहुंचे.

यह भी पढ़ेंः लातेहार में सीआरपीएफ के जवान ने की आत्महत्या, बिहार का था रहने वाला

वहां बैठे बाबुओं ने दफ्तर में पहले से जमा उनके पेपर को देखते ही कहा कि दस्तावेज के अनुसार आप मर चुके हैं और आपका कोई उत्तराधिकारी भी जीवित नहीं है.

जब यह मामला उजागर हुआ तो सरकारी कर्मचारियों और पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया. इस सम्बंध में वार्ड पार्षद से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन वह अपना मोबाइल किसी और को देकर बहाना बनाते रहे.

वहीं पंचायत सेवक फौजदार साहू ने कहा कि गलती से लाभुक का नाम कट गया है. बीडीओ सोमा उरांव ने कहा कि लाभुक का फिर से नाम जोड़ने के लिए जिले में अनुसंशा पत्र भेजा गया है.

वहीं इसकी जानकारी मिलते ही डीसी राजेश पाठक स्वयं जांच टीम के साथ डंडई पहुंच गए. उन्होंने कहा कि अनियमितता की सूचना मिली है. टीम फील्ड में जाकर जांच कर रही है. प्रखण्ड के कर्मचारियों से पूछताछ की गई है. इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे. कड़ी कार्रवाई होगी.

Last Updated : Dec 18, 2020, 12:47 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.