पलामूः पलामू के सांसद बीडी राम ने गढ़वा और पलामू के किसानों को बैंकों से केसीसी लोन देने में बरती जा रही लापरवाही को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इस लापरवाही की जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री, वित्त राज्य मंत्री को दी है. उन्होंने इस मुद्दे को भारत सरकार के गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बैठक में भी उठाया. बैठक में उपस्थित रिजर्व बैंक के कई अधिकारियों के सामने ही सरकार के फाइनेंसियल सर्विसेज के सचिव देवाशीष पांडा ने गढ़वा-पलामू के इस मामले की विस्तृत समीक्षा अपने स्तर से करने की बात कही.
बता दें कि अगस्त के पहले सप्ताह में संसद बीडी राम गढ़वा और पलामू के डिस्ट्रिक्ट डेवलेपमेंट को-ऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमिटी (दिशा) की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे. बैठक में किसानों को सीधे मदद पहुंचाने वाली योजना केसीसी लोन, शिशु और मुद्रा लोन पर चर्चा हुई थी. बैठक में केसीसी लोन स्वीकृत करने में बैंकों द्वारा काफी समय गवाने और अस्वीकृत किए गए आवेदन में कोई स्पष्ट कारण का जिक्र नहीं करने का मामला तूल पकड़ा था. बैठक में कहा गया था कि गढ़वा-पलामू के 5874 किसानों ने केसीसी लोन के लिए आवेदन दिया है, लेकिन मात्र 1466 किसानों का ही लोन स्वीकृत किया गया. कोरोना काल में किसानों को केसीसी के रूप में मिलने वाले महत्वपूर्ण मदद से वंचित होना पड़ा. जिसका असर सीधे तौर पर उनके फसल उत्पादन पर पड़ा है. इस कारण किसानों का आर्थिक संभल खतरे में पड़ गया है.
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सांसद बीडी राम ने कहा कि गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बैठक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण विषय पर आयोजित थी. आत्मनिर्भर भारत में किसानों की महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित होनी है, लेकिन किसानों के लिए चलाई जा रही केसीसी लोग योजना में ही भारी लापरवाही देखी जा रही है. समिति ने गढ़वा-पलामू के किसानों की इस समस्या को गंभीरता से लिया है और इसपर त्वरित कार्रवाई का निर्णय लिया है.