गढ़वा: जिले के बरडीहा प्रखंड क्षेत्र के सुख नदी पंचायत में 14 वें वित्त आयोग के 27 लाख रुपए गबन करने का मामला प्रकाश में आया है. इस संबंध में सुख नदी पंचायत के पंचायत सचिव संतोष कुमार यादव ने पंचायत के मुखिया दिलीप रजवार और उसके सहयोगियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है.
सरकारी कर्मी और सुख नदी पंचायत के मुखिया की मिलीभगत से बरडीहा प्रखंड में 14वें वित्त आयोग के 27 लाख 19 हजार 700 रुपए गबन का मामला प्रकाश में आया है. जिसको लेकर पंचायत सचिव संतोष कुमार यादव ने पंचायत के मुखिया दिलीप रजवार, उसके सहयोगियों यशवंत ठाकुर, अरविंद राम, जितेंद्र राम और सत्यनारायण राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पंचायत सचिव ने दर्ज कराए गए प्राथमिकी में कहा है कि मुखिया ने फर्जी चेक काटकर अपने सहयोगियों के खाते में राशि ट्रांसफर किया है.
मुखिया ने बताया खुद को निर्दोष
इधर इस मामले को लेकर बरडीहा प्रखंड विकास पदाधिकारी नंदजी राम ने एसबीआई की बरडीहा शाखा में जाकर इसकी जांच की और गबन को सही ठहराया है. वहीं, इस मामले में अपना सफाई देते हुए मुखिया दिलीप रजवार ने कहा है कि पंचायत सचिव उन्हें फंसा रहे हैं. इसको लेकर पंचायत सचिव ने उनसे कहा था कि वह कुछ दिनों में रिटायर होने वाले हैं और इस वक्त में वे मिलकर कुछ कमा लेंगे. पंचायत सचिव के कहने पर सोलर लाइट, जलमीनार, छलका के स्कीम में वह ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करते गए और अब उन्हें इस मामले में फसाया जा रहा है.
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प्रत्येक निकासी पर रकम के 80 फीसदी लेता था पंचायत सचिव
प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए ग्रामीण अरविंद राम ने कहा कि उन्होंने जिला में मनरेगा योजना के तहत अवैध निकली की शिकायत पहले ही की थी. इसको लेकर पंचायत सचिव ने उन्हें बुलाया था और कहा कि आपके नाम से भी कुछ चेक देंगे. जिसमें से 80 प्रतिशत राशि वह खुद ले लेंगे, बाकि राशि हमको रखने की सलाह दिेए थे. उन्होंने इसको लेकर यह भी कहा था कि इस 80 प्रतिशत राशि में से बैंक मैनेजर और अकाउंटेंट को भी देना पड़ता है. वहीं, एक अन्य आरोपी यशवंत ठाकुर ने बताया कि उसके एकाउंट में कई बार पैसा डाला गया है और हर बार 80 प्रतिशत राशि पंचायत सचिव को दिया भी है.