गढ़वा: राज्य की राजधानी रांची के बाद सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण से प्रभावित गढ़वा जिला बड़ी तेजी से कोरोना वायरस को मात दे रहा है. इसका प्रमुख कारण जिले के प्रशासनिक पदाधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी-कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है. जिसकी बदौलत वे बिना रुके, बिना थके कोविड से लड़ रहे हैं. 59 कोरोना पॉजिटिव में से 50 को ठीक करना इनकी बड़ी उपलब्धि है. इसमें ट्रू नेट मशीन भी काफी सहायक बन रही है.
बता दें कि झारखंड का गढ़वा जिला तीन राज्यों की सीमा का इंट्री प्वाइंट है. राज्य के प्रवासी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाण, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के रेड जोन से सबसे पहले गढ़वा ट्रांजिट सेंटर पहुंचते हैं.
कोविड हॉस्पिटल में अब 150 बेड, 500 बेड तक बढ़ाने की तैयारी पूर्ण
गढ़वा में कोविड मरीजों के लिए शुरू में 50 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया था लेकिन लगातार बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए उसकी क्षमता 150 बेड की कर दी गयी है. जिला प्रशासन ने 500 बेड के कोविड हॉस्पिटल की तैयारी पूरी कर ली है.
ट्रू नेट से समाप्त हो रहा भय, मिल रही है त्वरित सफलता
कोविड से लड़ने के लिए जिले को उपलब्ध कराये गए ट्रू नेट मशीन काफी कारगर साबित हो रही है. अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों का री-सैंपल, गंभीर कोरोना मरीज और गर्भवती महिलाओं की कोरोना टेस्ट यहीं किया जा रहा है. जिस रिपोर्ट के लिए जिले को तीन से चार दिनों तक इंतजार करना पड़ता था, वह एक घंटे में ही उपलब्ध हो जा रहा है.
अब तक लिया गया 2348 सैंपल
गढ़वा जिले में अब तक 2348 संभावित कोरोना संक्रमितों की सैंपल ली गयी है. जिसमें 1934 नेगेटिव और 59 पॉजिटिव पाए गए हैं. 262 सैंपल की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.
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डीसी हर्ष मंगला ने कोविड से लड़ रहे वॉरियर्स का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि उनके साहस और मेहनत की बदौलत जिले में कोरोना का बादल तेजी से छा रहा है. चाहे जितना भी पॉजिटिव मिलें, सभी ठीक होंगे. कोविड हॉस्पिटल में बेड की कोई समस्या नहीं होगी. उसकी मुक्कमल व्यवस्था कर ली गयी है.