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बूंद-बूंद पानी को तरसते लोग, मीलों चलने के बाद भी नहीं मिलता पेयजल - jamshedpur news

पूर्वी सिंहभूम जिले जोनबनी में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. पानी के लिए लंबा सफर तय कर वो स्वर्णरेखा नदी पहुंचते हैं, फिर वहां से पीने का पानी लाते हैं.

Water problem in Jonboni village of East Singhbhum
Water problem in Jonboni village of East Singhbhum
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Published : May 28, 2023, 9:15 AM IST

Updated : May 28, 2023, 2:05 PM IST

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घाटशिलाः पानी के लिए परेशानी यह झारखंड के कई इलाकों में रहने वाले लोगों की समस्या है. साफ पानी के लिए लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ता है. कड़ी मशक्कत के बावजूद शायद ही साफ पीने का पानी मिल पाता है. ऐसी ही हालत पूर्वी सिंहभूम के जोनबोनी गांव के उलडीह टोला में हैं.

ये भी पढ़ेंः सामने पानी ही पानी, नसीब में नहीं एक बूंद, धनबाद के तोपचांची झील के पास बसे लोगों की कहानी, सड़क जाम कर बताई परेशानी

दरअसल पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित जोनबोनी गांव के उलडीह टोला के लोगों को साल के 12 महीने पानी के लिए भागदौड़ करना पड़ता है. बता दें कि इस गांव में आजादी के बाद से ही ना तो सरकारी चापाकल लगाए गए हैं और ना ही सरकारी कुआं है. गांव के लोग बताते हैं कि गांव में पीने के पानी की दिक्कत बहुत ज्यादा है.

ग्रामीण कहते हैं कि पीने का पानी लाने के लिए हम लोग एक टोला से दूसरे टोला, कई किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. दूर होने के कारण कभी कभार ही वहां पर जाते हैं लेकिन हम लोग ज्यादातर स्वर्णरेखा नदी में गड्ढा खोदकर पीने का पानी लाते हैं. वह भी पूरी तरह स्वच्छ पानी नहीं मिलता है. स्वर्णरेखा नदी में जाने के लिए रास्ता भी नहीं है. काफी दिक्कतों का सामना करने के बाद नदी के पास पहुंचते हैं.

ग्रामीण बताते हैं कि पानी की दिक्कत को देखते हुए लोग और मेहमान गांव में आने से परहेज करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने कई बार चापाकल व कुआं के लिए मुखिया से लेकर सांसद, विधायक, प्रखंड कार्यालय में गुहार लगाई है. लेकिन कोई फायदा हम लोगों को नहीं मिला. अंत में हम लोग थक हार के दूषित पानी पीने पर मजबूर हैं. ग्रामीण अभी आस लगाए बैठे हैं कि कभी ना कभी उनके गांव में चापाकल लगेगा और उनको स्वच्छ पानी पीने को मिलेगा.

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घाटशिलाः पानी के लिए परेशानी यह झारखंड के कई इलाकों में रहने वाले लोगों की समस्या है. साफ पानी के लिए लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ता है. कड़ी मशक्कत के बावजूद शायद ही साफ पीने का पानी मिल पाता है. ऐसी ही हालत पूर्वी सिंहभूम के जोनबोनी गांव के उलडीह टोला में हैं.

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दरअसल पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल स्थित जोनबोनी गांव के उलडीह टोला के लोगों को साल के 12 महीने पानी के लिए भागदौड़ करना पड़ता है. बता दें कि इस गांव में आजादी के बाद से ही ना तो सरकारी चापाकल लगाए गए हैं और ना ही सरकारी कुआं है. गांव के लोग बताते हैं कि गांव में पीने के पानी की दिक्कत बहुत ज्यादा है.

ग्रामीण कहते हैं कि पीने का पानी लाने के लिए हम लोग एक टोला से दूसरे टोला, कई किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. दूर होने के कारण कभी कभार ही वहां पर जाते हैं लेकिन हम लोग ज्यादातर स्वर्णरेखा नदी में गड्ढा खोदकर पीने का पानी लाते हैं. वह भी पूरी तरह स्वच्छ पानी नहीं मिलता है. स्वर्णरेखा नदी में जाने के लिए रास्ता भी नहीं है. काफी दिक्कतों का सामना करने के बाद नदी के पास पहुंचते हैं.

ग्रामीण बताते हैं कि पानी की दिक्कत को देखते हुए लोग और मेहमान गांव में आने से परहेज करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने कई बार चापाकल व कुआं के लिए मुखिया से लेकर सांसद, विधायक, प्रखंड कार्यालय में गुहार लगाई है. लेकिन कोई फायदा हम लोगों को नहीं मिला. अंत में हम लोग थक हार के दूषित पानी पीने पर मजबूर हैं. ग्रामीण अभी आस लगाए बैठे हैं कि कभी ना कभी उनके गांव में चापाकल लगेगा और उनको स्वच्छ पानी पीने को मिलेगा.

Last Updated : May 28, 2023, 2:05 PM IST
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