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घाटशिलाः सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा तोड़ पहुंचे थे शिकार पर्व मनाने, वनकर्मियों ने पकड़ा

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Published : Apr 15, 2020, 1:22 PM IST

कोरोना की लड़ाई को जीतने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है, ताकि इस संक्रमण पर जल्द काबू पाया जा सके, लेकिन झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का नजारा ही कुछ और है. यहां के आदिवासी समाज ने शिकार पर्व मनाने के लिए लॉकडाउन का उलंघन करने पर तूले है.

घाटशिला में लॉकडाउन का उलंघन
people broke Laxman line of social distancing in ghatshila

घाटशिला: जिले के घाटशिला अनुमंडल में आदिवासी परंपरा के मुताबिक आज ही के दिन आदिवासी समाज के युवा परंपरागत हथियार से लैस होकर जंगल में जाकर शिकार करते हैं. शिकार के पहले वो जंगल में वन देवी की पूजा करते हैं.

जंगली जानवरों का शिकार

घाटशिला के चाकुलिया वन क्षेत्र स्थित राजाबासा साल पेड़ों के जंगल में परंपरा के मुताबिक कई युवा परंपरागत हथियार से लैस होकर जंगल में शिकार करने पहुंचे थे. कोरोना वायरस के संक्रमण को दरकिनार करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को तोड़ते हुए लोग जंगलों में घुस गये. वे लोग जंगली जानवरों का शिकार करना चाहते थे. शिकार की सूचना पाकर वन रक्षी और क्यूआरटी की टीम जंगल पहुंची और माइक के जरिये लोगों से जंगल से बाहर निकलने की अपील की.

ये भी पढ़ें-3 मई तक लॉकडाउन, कोरोना से बचाव के लिए पीएम मोदी के 7 मंत्र

कोरोना वायरस का संक्रमण

वनकर्मियों को आता देख कई युवा जंगल के रास्ते बाहर भाग निकले, जबकि कुछ युवकों को वनकर्मियों ने पकड़कर समझाया कि जंगली जानवरों का शिकार करना अपराध है, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन में घर से बाहर रहने पर कार्रवाई होगी. उसके बाद सभी युवक अपने-अपने घर लौट गए.

ट्रेनों का परिचालन बंद

बता दें कि आज के दिन बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग राजाबासा जंगल पहुंचकर शिकार पर्व मनाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण वाहन और ट्रेनों का परिचालन बंद है. इस कारण बाहर के युवा नहीं आये थे.

घाटशिला: जिले के घाटशिला अनुमंडल में आदिवासी परंपरा के मुताबिक आज ही के दिन आदिवासी समाज के युवा परंपरागत हथियार से लैस होकर जंगल में जाकर शिकार करते हैं. शिकार के पहले वो जंगल में वन देवी की पूजा करते हैं.

जंगली जानवरों का शिकार

घाटशिला के चाकुलिया वन क्षेत्र स्थित राजाबासा साल पेड़ों के जंगल में परंपरा के मुताबिक कई युवा परंपरागत हथियार से लैस होकर जंगल में शिकार करने पहुंचे थे. कोरोना वायरस के संक्रमण को दरकिनार करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को तोड़ते हुए लोग जंगलों में घुस गये. वे लोग जंगली जानवरों का शिकार करना चाहते थे. शिकार की सूचना पाकर वन रक्षी और क्यूआरटी की टीम जंगल पहुंची और माइक के जरिये लोगों से जंगल से बाहर निकलने की अपील की.

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कोरोना वायरस का संक्रमण

वनकर्मियों को आता देख कई युवा जंगल के रास्ते बाहर भाग निकले, जबकि कुछ युवकों को वनकर्मियों ने पकड़कर समझाया कि जंगली जानवरों का शिकार करना अपराध है, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की है. लॉकडाउन में घर से बाहर रहने पर कार्रवाई होगी. उसके बाद सभी युवक अपने-अपने घर लौट गए.

ट्रेनों का परिचालन बंद

बता दें कि आज के दिन बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग राजाबासा जंगल पहुंचकर शिकार पर्व मनाते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण वाहन और ट्रेनों का परिचालन बंद है. इस कारण बाहर के युवा नहीं आये थे.

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