जमशेदपुरः विधायक सरयू राय ने बताया कि पिछले एक साल से भी अधिक हो गया है लेकिन इस जिले मे कोई विकास के कार्य नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्वीकृत की गई योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है. इसका नतीजा यह निकला कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जमशेदपुर का स्थान 2021 में 12वें, 2022 में 18वें से पिछड़कर 2023 में 43वें पर चला गया, जो कि चिंता का विषय है. इसके कारणों की समीक्षा होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उपायुक्त कार्यालय में आयोजित जिला स्तरीय योजना चयन समिति की बैठक में उन्होंने जमशेदपुर के विकास, स्वच्छता और जनसुविधाओं के संबंध में एक एकीकृत योजना बनाने को कहा था. उन्होंने कहा कि इस संबध में मेरे विधानसभा क्षेत्र की 15वें वित्त आयोग की राशि से 28 करोड़ 16 लाख की लागत से 17 बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाएं क्रियान्वित होंगी. साथ ही क्षेत्र की 191 सड़क परिवहन की योजनाएं और 334 नागरिक सुविधा की योजनाएं योजना चयन समिति की बैठक में रखा है, निधि उपलब्धता के आधार पर इनका क्रियान्वयन होगा. फिलहाल इस मद में 18 करोड़ 68 लाख रु. उपलब्ध हैं. मैं प्रयास करूंगा उपर्युक्त सभी योजनाओं का प्राक्कलन तैयार हो जाए तो मैं सरकार पर इसकी संपूर्ण राशि की स्वीकृति के लिए दबाव डालूंगा.
सरयू राय ने कहा कि उनकी कोशिशों की वजह से क्षेत्र में पथ निर्माण विभाग से अबतक 18 करोड़ की लागत की सड़क निर्माण की योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसके आधार पर इनका क्रियान्वयन हो रहा है. योजना चयन समिति की बैठक में मैंने दोहराया कि जमशेदपुर के विकास की योजनाएं एकीकृत होनी चाहिए, टुकड़े-टुकड़े में नहीं. मेरे क्षेत्र में बिहारी घाट से लेकर जिला स्कूल घाट तक नदी किनारे के विकास की करीब 2 हजार फीट लंबी योजनाएं स्वीकृत हुई हैं. इनपर करीब 2.5 करोड़ रुपए का काम होगा. दूसरे चरण में बागुनहातु, लालभट्टा और पांडेय भट्टा में नदी के किनारों को विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है. इसके लिए सर्वे आरंभ हो गया है. इसी तरह नदी में गिरने वाले नालों को साफ करने के लिए 32.53 करोड़ रुपए की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा स्पष्ट मत है कि जमशेदपुर के विकास के लिए हम नाला आधारित योजना बनाएं. इसके लिए मैंने उपायुक्त, जमशेदपुर को ड्रेनेज मैप उपलब्ध कराने के लिए कहा है, ताकि स्पष्ट हो जाए कि स्वर्णरेखा नदी और खरकई में गिरने वाले नाले शहरी और उद्योग क्षेत्र के किन बिंदुओं से निकल रहे हैं और बीच में इनमें कौन कौन नाले मिल रहे हैं. बरसात का मौसम आने से पहले इन नालों की उढाई हो जाए तो बारिश का पानी असानी से निकल जाएगा और मोहल्लों में नहीं घुसेगा. मैंने यह बात भी दोहराया कि जमशेदपुर के आसपास के मानगो, कपाली, आदित्यपुर, जुगसलाई और बागबेड़ा की भी एकीकृत योजना बननी चाहिए और ग्रामीण तथा शहरी विकास से उपलब्ध निधि का एकीकृत उपयोग होना चाहिए.
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